महाबोधि मुक्ति आंदोलन..पूज्य भंते प्रज्ञाशिल महाथेरो और आकाश लामा जी के प्रयासों के कारण शुरू हुआ है..
उन्होंने पिछले एक साल से देश के कोने कोने में जाकर लोगों को तैयार किया,जागरूक किया,तब जाकर ये संभव हो पाया ।
और आंदोलन जब प्रारम्भ हो गया और उसका प्रभाव राष्ट्रीय स्तर पर हो गया तब मौकापरस्त बाकी लोग इस अवसर को भुनाने के लिए आगे आने लगे.. सोशल मीडिया के माध्यम से खुद को नायक बनाने की होड़ होने लगी।
ये आंदोलन ऑल इंडिया बुद्धिस्ट फोरम के बैनर तले प्रारम्भ हुआ।
जिसकी अगुआई पूज्य भदंत प्रज्ञाशील महाथेरो, भीक्खु संघ और आकाश लामा कर रहे है।।
ऑल इंडिया बुद्धिस्ट फोरम पहले दिन से कह रहा है कि हमें किसी धर्म विशेष पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है, हमारी केवल इतनी मांग है कि महाविहार में केवल बौद्धों का नियंत्रण हो और बीटीएमसी एक्ट 1949 रद्द हो।।
इसके बावजूद कई लोग(भीक्खू )इस आंदोलन की आड़ में अन्य धर्मों पर लगातार टिप्पणी कर रहे,उनकी धार्मिक भावना को आहत कर रहे,उन्हें उकसा रहे है जो कि संवैधानिक रूप से भी सही नहीं है।।
मेरा सभी से निवेदन है कि नायक पूजा बन्द करके एक छत के नीचे आकर पहले इस मांग को पूरी की जाएं।।
फिर जिससे जो हिसाब किताब लेना है,जिससे जो दुश्मनी निकालना है लेते रहना ।
ये बच्चों के खेल की तरह रोंटाई टाइप की हरकतें बन्द करें।
अहंकार को बाजू में रखे, महिमामंडन से बचे।।
और पूरा सहयोग करें।।
ये तमाम सोशल मीडिया पर आंदोलन के विरोध में और नायक पुजा का जो नाच चल रहा है,वो अच्छा संदेश नहीं है।
ये हमारी मूढ़ता और अज्ञानता का परिचायक है।।
इससे भावी पीढ़ी को और गर्त में ही ले जा रहे है।।
कृपया ऐसे दूषित मानसिकता और पूर्वाग्रह से ग्रसित लोगों को आइडेंटिफाइ करें,ये हमारे आस पास ही पनप रहे है।
विवेक का इस्तेमाल करें।
जो लोग अबतक केवल चापलूसी में लगे रहे आंदोलन की सफलता को देख इनके पेट में मरोड़ हो रही, ईगो हर्ट हो रहा है।। छटपटाहट हो रही है।।
ऐसो से सावधान रखे ।।
बोधगया मुक्ति आंदोलन जारी है।।✊