रेलवे टिकट पर ऑपरेशन सिंदूर की फोटो आ गई भक्तों…!!
शहीद कहीं नजर नहीं आ रहे हैं…!!
बस मोदी जी ही हैं।
तिरंगा यात्रा निकल रही है…!!
लेकिन तिरंगा पीछे छूट गया है…!!
आगे सिर्फ नेताओं की जय-जयकार हो रही है...!!
ये युद्ध सैनिकों ने लड़ा था…!!
लेकिन श्रेय नेताओं को मिल रहा है...!!
किसी भी पोस्टर पर एक भी शहीद का नाम नहीं है..!!
क्यों ? ऐसा क्यों ?
पुलवामा के बाद भी यही हुआ था…!!
सेना की शहादत को वोट में बदल दिया गया था..??
देश को इसी नियति में बदल दिया गया है..!!
अब फिर वहीं हो रहा है जो पहले भी किया था…!!
शहीदों की चिता पर सत्ता की रोटियाँ सेंकी जा रही हैं..!!
कभी-कभी लगता है —
वोट के लिए ये लोग देश भी बेच देंगे…!!
अगर ये लोग स्वतंत्रता आंदोलन में हिंसा लिए होते तो क्या ये लोग एक कदम भी बढ़ पाते..!!
और टीवी पर आकर अक्सर कहते हैं "नेशन_फर्स्ट"