*हाल ही में दो बड़ी घटना हुई,पहली सीजफायर,दूसरी हमारे MP के मंत्री श्री विजय शाह के देश की बहादुर,जाबाज बेटी के लिए बिगड़ैल,निंदनीय बोल*
*हमारा मानना है, हमारी राजनीतिक दलों के बारे में पसंद,नापसंद,अन्य किसी भी विषय में विचारों में मतभेद स्वाभाविक है,अपनी पसंद का सहयोग,वफादारी सही है,पर अंध भक्ति,गलत पर मौन रहना समाज,देशहित में नहीं है*
*हम जहां है,वही रहे,पर गलत को गलत कहने का साहस तो करे*
*अब मुद्दे की बात सीजफायर पर राय अलग अलग हो सकती है,पर सीजफायर के पक्ष में लंबे लंबे संदेश भेजने वाले कई साथी मंत्री के निंदनीय,शर्मनाक, बिगड़ैल बोल पर खामोश है*
*साथियों राजनीतिक दलों के निर्णय तो वोटो की खातिर,भविष्य की हार जीत पर आधारित होते है*
*पर हम सब तो पढ़े लिखे सभ्य समाज का हिस्सा है,हमारी ऐसी क्या मजबूरी है,जो मौन धारण कर रखा है*
*आइए अपना फर्ज निभाए,हर प्रयास करे,की ऐसे मंत्री पर कार्यवाही हो*
*हम तो ये संदेश हर जगह भेज रहे है,आपको उचित लगे तो आप भी भेज देना*
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