सर्दियों का नवंबर 1971... इंदिरा गांधी अमेरिका के दौरे पर थीं।

 


सर्दियों का नवंबर 1971...

इंदिरा गांधी अमेरिका के दौरे पर थीं। व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति निक्सन से मुलाकात हुई। बातचीत शुरू होते ही निक्सन ने घमंड में डूबकर चेतावनी दे डाली:

> "अगर भारत ने पाकिस्तान के मामले में नाक घुसी, तो अमेरिका चुप नहीं बैठेगा!"


इंदिरा गांधी ने बिना किसी उत्तेजना के, बेहद गरिमामयी अंदाज़ में जवाब दिया:

> "भारत अमेरिका को मित्र मानता है, मालिक नहीं। हम अपनी किस्मत खुद लिखते हैं।"

और इतना कहकर वे बैठक छोड़कर उठ गईं।


> ये कोई फिल्मी डायलॉग नहीं था, ये वो शब्द थे जो इंदिरा गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति की आंखों में आंखें डालकर, वाइट हाउस में कहे थे।

बाद में इस पूरी मुलाकात का ज़िक्र अमेरिकी विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर ने अपनी आत्मकथा "White House Years" में किया।


> उस दिन बैठक के बाद मीडिया को साझा संबोधन होना था — पर इंदिरा गांधी बाहर निकलते ही कार्यक्रम रद्द करके सीधे अपनी कार की ओर बढ़ गईं।


कार का दरवाज़ा बंद करते वक्त किसिंजर ने कहा:

> "मैडम, आपको नहीं लगता कि राष्ट्रपति के प्रति थोड़ा और धैर्य दिखाना चाहिए था?"


इंदिरा गांधी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया:

> "धन्यवाद मिस्टर सेक्रेटरी, भारत भले ही विकासशील देश हो, लेकिन हमारी रीढ़ की हड्डी मजबूत है। हमारे पास अत्याचार झेलने की आदत नहीं, बल्कि उसका जवाब देने का साहस है। वो दिन लद चुके जब कोई ताकत हज़ारों मील दूर बैठकर हम पर राज कर सके।"


दिल्ली लौटते ही इंदिरा जी ने जो पहला काम किया, वह था — अपने राजनीतिक विरोधी अटल बिहारी वाजपेयी को घर बुलाना।

> घंटे भर बंद कमरे में बातचीत हुई। बाहर निकलते ही खबर आई —

भारत का पक्ष अब संयुक्त राष्ट्र में अटल जी रखेंगे।


> बीबीसी के पत्रकार ने चुटकी ली:

"इंदिरा गांधी आपको सबसे बड़ा आलोचक मानती हैं, आप सरकार का पक्ष कैसे रखेंगे?"


अटल बिहारी वाजपेयी जी ने मुस्कुरा कर जवाब दिया:

> "बगीचा सिर्फ गुलाब से नहीं महकता, लिली और चमेली से भी होता है। लेकिन जब बगीचे पर संकट आता है, तो सभी माली मिलकर उसकी हिफाजत करते हैं।"


कभी कभी इतिहास चीखकर कहता है —

"नेता वो नहीं जो कुर्सी पर बैठे,

नेता वो होता है जो देश की गरिमा के आगे हर ताकत को झुका दे।"

Featured Post

5000 killed ST - चारों तरफ आदिवासियों की हत्या हो रहा है

  चारों तरफ आदिवासियों की हत्या हो रहा है