इस पंक्ति में ब्राह्मण, ठाकुर, भूमिहार, लाला, कोई नहीं है। आपको अपने वर्ग के लोगों के लिए काम करने के लिए भरपूर मौका है और यह मौका आप लोग गंवाना मत। 😁
इस तस्वीर को ध्यान से देखिये....
राष्ट्रपति अनुसूचित जनजाति/ आदिवासी वर्ग से,
प्रधान मंत्री अन्य पिछड़ा वर्ग से,
चीफ जस्टिस अनुसूचित जाति/दलित वर्ग से,
उप राष्ट्रपति पिछड़ा वर्ग से,
कानून मंत्री अनुसूचित जाति/दलित वर्ग से।
इस समय देश के सभी महत्वपूर्ण और ताकतवर पद अनुसूचित जाति/जनजाति/पिछड़ा वर्ग के पास में हैं।, जिन्हें वंचित/शोषित/पीड़ित कहकर राजनीती की जाती है।
तो क्या वास्तव में इस देश में कथित मनुस्मृतिवाद/ब्राह्मणवाद अस्तित्व में है ?
या फिर केवल गन्दी और जातिवादी राजनीती के लिए एक नैरेटिव सेट किया जाता है और जातीय ठेकेदारों द्वारा लोगों को मूर्ख बना कर वोट बटोरा जाता है,शर्मनाक, सोचिएगा जरूर.... ! ओबीसी महासभा