*बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति आय भारत से अधिक है,जबकि मोदी सरकार चंद उधोगपतियो को लाभ देकर गरीबों,मध्यमवर्गीय गांव के लोगों प्रति व्यक्ति आय घटने से भारतीय अर्थव्यवस्था चरमरने पर चिंतन!
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भारत के सात दल राष्ट्रीय है,लगभग साठ दल राज्य मान्यता प्राप्त है।पंजीकृत दलों की भी संख्या करीब 2250के लगभग है।जो धन और कार्यकर्ताओं के अभाव में आगे नहीं बढ़ पा रहे है।जनता के बीच आज तक उच्च जातियों के जितने दल बने,बह सभी कामयाब हुए हैं।
इसका उदाहरण आम आदमी पार्टी है।बहीं ओबीसी एससी-एसटी अल्पसंख्यकों के जो दल 1990के आसपास बने बह कामयाब हुए हैं,बाद में जो दल बनें,बह धन और कार्यकर्ताओं के अभाव के कारण आगे नहीं बढ़ पायें है। चाहे उनकी सोच कितनी अच्छी हो। यह चिंता और चिंतन करने की जरूरत है।आज तक यह पुराने घिसेपिटे दलों की सरकारें भी रही है। फिर भी बहुसंख्यक लोगों को कोई लाभ नहीं दे पाए। ऐसे में पुराने दलों पर दाव लगाना कितना सही है, और कितना गलत यह बहुजन शोषित वर्ग को समझने की जरूरत है। जिसके कारण यह आज भी बहुसंख्यक वर्ग शोषित,पीड़ित,बंचित है।
बहुसंख्यक जिन दलों की राज्यों में भागीदारी और सरकारें भी बना चुके हैं। फिर इनकी समस्याएं ज्यों कि त्यों बनी हुई है।इन लोगों की समस्या धन है। यह भागीदारी के लिए कभी नहीं लड़ना चाहिते है। फिर भी इन बहुसंख्यकों लोगों को कोई चिंता लोगों की चिंता नहीं सता रही है।इन बहुसंख्यक लोगों की सूझबूझ बहुत कमजोर है,जिसे समझने की जरूरत है।
अंधभक्ति किसी प्रकार की हो,बह बहुत बड़ी बाधक और घातक होती है। यह कारण असली सच है, जिसे देखना और समझना नहीं चाहिते है। पंजीकृत दलों में लेबर पार्टी आफ इंडिया अपना संगठन और कार्य बहुत अच्छे से रही है। यह लोगों को समझने की जरूरत है,लेकिन लोग नहीं समझ पा रहे हैं, यह चिंता और चिंतन का विषय है।
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भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रदमोदर दास मोदी ने भारत को विश्वगुरु बनाने का सपना दिखाया, जो आज तक अधूरा है। भारत विकास के मामले में पड़ोसी देश पाकिस्तान से बहुत आगे है।बहीं पड़ोसी बांग्लादेश से पीछे है। कोरोना महामारी के दौरान भारत में प्रधानमंत्री केयर फंड में भारत सरकार को कितना धन मिला, और कहां कहां कितना खर्च हुआ, धनराशि ‘पीएम केयर्स’ फण्ड भी भारत के जनमानस के काम नहीं आया। गंगा और कब्रिस्तान में लाशें जलाने के लिए ईंधन तक नहीं मिल सका, आक्सीजन और दवा, अस्पतालों में बैंड बहुत दूर की बात है। भारत में आजादी से आज तक गरीब मजदूर किसानों को न्याय नहीं मिला है। यह समझने बाली बात है।
बांग्लादेश ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए अपनी प्रति व्यक्ति आय को 2227 डॉलर घोषित किया है। यह भारत की प्रति व्यक्ति आय से भी ज़्यादा है।
कोरोना महामारी के बावजूद बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति आय वित्तीय वर्ष 2019-20 के मुकाबले वित्तीय वर्ष 2020-21 में 9 प्रतिशत से बढ़ी है। ये आंकड़ा वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2,064 डॉलर थी।
बंगला देश के योजना मंत्रालय ने यह सारी जानकारी एक वर्चुअल कैबिनेट मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री शेख हसीना ने लोगों को बताई है।
भारत में भाजपा हिंदू जनसंख्या को लेकर पाकिस्तान और भारत का मूल्यांकन करते हैं। पश्चिमी पाकिस्तान, और पूर्वी पाकिस्तान का बंटवारा भी धर्म के नाम पर 1972में हुआ।जब भारत पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो कुल हिंदू आबादी 4%थी।जब पाकिस्तान का बंटवारा हुआ।
पश्चिमी पाकिस्तान में हिंदू आबादी 1.50%बची, जो अब 2.030%है। पाकिस्तान में हिंदू आबादी नहीं घटी है। पूर्वी पाकिस्तान अर्थात बंगलादेश में हिन्दू आबादी 4%थी।जो घटकर 1.50रह गयी है। यह दोष बहां के हिंदुओं का है।बह अपनी बेटियों को छिपाकर रखते और आबादी बढ़ाने का प्रयास करते, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है।
डा अंबेडकर ने हिंदूओं से पाकिस्तान छोड़ने का आह्वान किया, तो लोगों ने नहीं सुना, तो दोषी बही हुए,अब भाजपा और भारत के हिंदू बतायें,कि भारत में बहुत राज्यों में हिन्दू आबादी घटी तो उसमें किसका दोष है। मुसलमानों या हिंदूओं का इसका जवाब भारत में कौन देगा।जो लेबर पार्टी आफ इंडिया भारत के लोगों से मांग रहीं हैं। इसलिए धार्मिक देश चाहें जो हो, सभी आपस में धार्मिक भावनाओं को लेकर लड़ रहे और तबाह हो रहें हैं। यह भारत के लोगों को समझने की जरूरत है,जो बहुत आवश्यक भी है।
भारत की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने भले ही अधिकतर भारतीय सरकारी कंपनियों को बेच डाला हो, लेकिन महामारी से निपटने और विकास करने के बड़े-बड़े वादे किए हों,लेकिन आम जनता को इसका कोई लाभ अभी तक होता नहीं दिख रहा है।
पिछले कई दशक में बेहतरीन अर्थव्यवस्था के लिए भारत ने अपनी पहचान बनाई। लेकिन आज भाजपा ने उसे खो चुकी है। यह भारत के ताजा आंकड़ों से पता चल रहा है। ताजा आंकड़ों पर के अनुसार भारत की प्रति व्यक्ति आय 1947.41 डॉलर ही है।
इस ख़बर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ब्लॉगर गिरीश मालवीय लिखते हैं।कि “अन्धभक्तों को शर्म तो आने से रही,लेकिन फिर भी बता देना उचित है। कि प्रति व्यक्ति आय में हम बांग्लादेश से भी भारत पीछे रह गया हैं। यह भारतीयों को समझना चाहिए।
मोदी सरकार ने 2014 से भारत को विश्वगुरु बनने का सपना दिखा रहीं हैं।आज हकीकत यह है,कि भारत बांग्लादेश से भी पीछे रह गया है।तब भी यहाँ बकवास की जाती है।कि 2 करोड़ बांग्लादेशी भारत में घुस आए हैं।जब तक ऐसी मूर्खताएं चलती रही, तो भारत सबसे निचले पायदान पर खिसकते हुए बिकास शील से भुखमरी बाले देशों की श्रेणी में पहुंच जायेगा।
अंधभक्तो और कब तक जलील करवाओगे?साफ साफ दिख रहा है। भारत की किस्मत, भारत का भाग्य बिधाता श्री नरेंद्र दास दामोदर मोदी तुम्हारा देवता हर क्षेत्र में बिलकुल फेल साबित हो चुका है”फिर भी मोदी है, तो मुमकिन है, यह बहुत ही सटीक बात है।कि श्री मोदी जी रहेंगे तो भारत गरीबी,भुखमरी,बेरोजगारी में निश्चित रूप से मर कर ही रहेगा।
प्रति व्यक्ति आय का आंकड़ा इसलिए भी मायने रखता है,क्योंकि यह भारत देश के असल हालतों का लोगों को होना बहुत जरूरी है।
भारत के चंद पूंजीपतियों की संपति से रिकार्ड तोड इजाफा हुआ है, और होने का पूरा अनुमान लग भी रहा है।बल्कि भारत के पूंजीपतियों की आय की तुलना में आम आदमी की आय की तुलना करें। तो आम आदमी की आय घटी है। जबकि उधोगपति और पूंजीपतियों की आय में बढ़ोतरी बहुत अधिक हुईं हैं। यह हिंदूवादी और भाजपा अंधविश्वासी अंधभक्तों को समझने की जरूरत है।आम जनता की वित्तीय शक्ति का आंकड़ा और आंकलन हमेशा फुटकर बाजार और उसकी खपत से लगाया जा सकता है। यह बहुत सरल है।
भारत के आंकड़ों से पता चलता है,कि पीएम श्री मोदी के कथित गुजरात विकास मॉडल की भारत में हबा निकल चुकी है। भारत का आम जनता की पूरी तरह से परेशान और मुश्किल में है। उसकी भागीदारी और लाभ कहीं भी नहीं मिल रहा है। भारत के लोग बहुत खराब दौर में चल रहे हैं। इसलिए बांग्लादेश की भी प्रति व्यक्ति आय का आंकलन के लिए आंकड़ा दिया है। पाकिस्तान की मुद्रा फुटकर बाजार की स्थिति बहुत खराब है। धर्म और धार्मिक बंटवारा दोनों ही इंसानों और इंसानियत के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
जिसे समझना बहुत जरूरी है। भारत के मुकाबले पाकिस्तान की तुलना बेहद चिंताजनक है। एक बर्बाद दूसरा आबाद भारत को भाजपा तबाह करने के लिए हिन्दू और हिंदुत्व, मुसलमान और धार्मिक बंटवारा की बात करके भारत के लोगों को बिकास और महंगाई से भटकाकर सत्ता में बने रहने का षड्यंत्र पाकिस्तान है। जिसे हर भारतीय को समझना जरूरी है। जागरूक बनो और नेतृत्व करने का बीड़ा उठाओ, और उठो आगे बढ़ो यह समय बहुत मुश्किल और समझदारी दिखाने का है।
रुमसिहं राष्ट्रीय अध्यक्ष लेबर पार्टी आफ इंडिया,