पदनाम होने से आपस में खींचतान और अन्तर्द्वन्द्व बना रहता है। *अतः जो लोग अच्छे विचारों का प्रचार और प्रसार कर रहे हैं वे अपने आपको मध्यम मार्ग समन्वय समिति का सदस्य समझें तथा रचनाओं के प्रसारण में निरंतरता बनाये रखें

 

     *मध्यम मार्ग समन्वय समिति* के तत्वाधान में प्रसारित रचनाओं पर सुधी पाठकों की प्रतिक्रियाओं के 32 अंक हम प्रस्तुत कर चुके हैं और यह तेंतीसवाँ अंक प्रस्तुत है। सम्पूर्ण भारतवर्ष के सभी प्रदेशों के गाँवों, कस्बों और शहरों के लोगों की भावनाओं व आकांक्षाओं को निरूपित करने का हम सबका प्रयास जारी है। *स्वाभाविक है कि कठिनाइयाँ आयेंगी और विपरीत व विषम परिस्थितियों में भी हम सभी प्रेम और सद्भाव बनाये रखने का भरपूर प्रयास करते रहेंगे।* रचनायें न केवल मनोरंजन के लिये हैं अपितु सत्य को उजागर कर के लोगों को दिशा देने में भी सार्थक सिद्ध होंगी ऐसा हमारा प्रयास रहेगा।

    *मध्यम मार्ग समन्वय समिति एक संगठन के अतिरिक्त एक विचारधारा भी है जो इकला चलो के सिद्धान्त पर आधारित है।* इसमें कोई भी पदाधिकारी नहीं है। पदनाम होने से आपस में खींचतान और अन्तर्द्वन्द्व बना रहता है। *अतः जो लोग अच्छे विचारों का प्रचार और प्रसार कर रहे हैं वे अपने आपको मध्यम मार्ग समन्वय समिति का सदस्य समझें तथा रचनाओं के प्रसारण में निरंतरता बनाये रखें।* इसके नियम व सिद्धांत मानवतावादी विचारों को बढ़ावा देना’ है। 

*1-   K P Singh*

*2878-* Ji logo ko jagane aur samjhane ka kaam aap achhi tarah se kar rahe h. Bas sab log ise aage badhate rahen 👍👍

*2- Kaptan Singh*

*i) 3172-* धन्यवाद साहब कवि जी आपने अपनी कविता के माध्यम से एकदम सटीक महाकुंभ का नजारा दिया है और इसी कुंभ पर आपने कितनी सारी कविताएं लिखी हैं इसके लिए मैं बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं।  

*ii) 3031-* अत्यंत सुंदर लेख एवं कविता के लिए में आपको बार-बार धन्यवाद करता हूं जय भीम नमो बुद्धाय जय परियार। सर जी कुछ लेख तथा कविताएं हमारे महापुरुष बाबा साहब अंबेडकर तथा बौद्ध भगवान पर भी भेजने की कृपा करें आपकी महान कृपा सारे।

*iii) 3182-* बहुत-बहुत धन्यवाद सर जी आपकी कविताएं एक से एक अच्छी हैं और बहुत सारे लोग कविताओं को पढ़कर उत्साहित हो रहे हैं तथा जागरूकता पैदा कर रही है बने हर अधिकार के लिए धन्यवाद देता हूं।

*iv) 2935-* बिल्कुल ही इस कविता में सत्यता बताई गई हैं।

*v) 3188-* बहुत-बहुत धन्यवाद आपके लिए कि आपने एकदम करंट कविता का लेखन किया है और उसमें जो घटनाएं घट रही हैं वह एकदम सत्य रचित की है।

*3- Mukesh kumar Chakravarty*

*3141-* बिल्कुल सही लिखा है साहब आपने🙏🙏

*4- Mahendra Singh Alibihar*

*i) 3153-* आप सुंदर व सटीक लेख लिख रहे हैं। लेखनी के माध्यम से ही परिवर्तन आये हैं। लिखते रहिये। हम एक रोज़ जरूर कामयाब होंगे।🌻🙏🌻

*ii)  2999-* बहुत सुंदर विश्लेषण किया है 🌻🙏🌻

*iii) प्रतिक्रिया 30.*

पूर्णतया सहमत हूँ। मैं भी इन्ही विचारों का हूँ। वक्त की मांग है। हमारा डण्डा भी मजबूत होना चाहिये। 🙏

*v) 2909-* आपकी दोनों ही कविताएं बहुत अच्छी हैं।

*5- Dinesh Yadav*

*2913-* आपकी लेखनी को नमन करते हैं सर जी। मैं आपको को नहीं जानता पर आप बहुत ही योग्य पुरुष हैं। 

सादर नमन 💐👏🏼

*6-  Munna Lal*

*3292-* बिल्कुल सही विश्लेषण किया है आपने🙏 बौद्धिक तीर्थ स्थल पर हो रहे आन्दोलन को भ्रमित और स्थगित करने का RSS  का दूरगामी षड्यंत्र है। 🙏🙏 

*7- DR AMARJEET*

*2909-* Likhne wale ne likh dale Bahut sundar vakya.

*8- Anant  Prakash Ajmer.*

बहुत बहुत धन्यवाद आपके लेखों में सत्यता का समावेश होता है हमारे पूर्वजों ने पीढ़ियों तक दुख पाया और परंपरा के नाम पर लकीरों को पीटते रहे यहाँ तक कि आज भी दुख, परेशानी, और आभाव में भी उन परिपाटियों को छोड़ने को तैयार नहीं हैं…

*9- Durga prasad*

*3081-* सम्माननीय  मदन लाल अनंग जी आप ने लेख के माध्यम से अच्छा मार्गदर्शन किया है। समाज के ऐसे सांपों को पहचान की जरूरत है।

*10- Pratap singh  Pratap*

*2952-* चौकीदार ड्यूटी न दे। साधू संत जंगल न जाएं। अंध भक्त तो अंध भक्त हैं। आंखों वाले भी अंधे हैं। बाबा साहब अंबेडकर गए कांशीराम भी चले गए। चाहे मंहगाई मुंह खोले पर इन शूद्र और दलितों पर कोई भी प्रभाव नहीं। नेता अफसर लूट भर रहे अपने घर जो उनका कोई भाव नहीं।                                                               

*11- Er. Hori Lal*

*3031-* लड़कियों को नशेड़ी और गंजेड़ी पति मिल रहे हैं, इस सामाजिक सच्चाई पर प्रकाश डालने के लिए बहुत-बहुत साधुवाद।

*12- Suresh Chandra NTPC*

*i) 3031-* बेहतरीन लेख, सब कुछ, सटीक और खरी खरी। प्रिंसिपल साहब का यह जानकारी भरा लेख पढ़ना और अनुसरण करने के लिए हर तरह से क्वालीफाई करता है । सादर धन्यवाद!   

*ii) 3071-* "*धर्म स्थिर है और ये यथास्थिति बनाये रखने के महत्वपूर्ण कारक के रूप में काम करता है।* "

और "*शिक्षा का जो विस्तार हुआ था उससे धर्म को लगातार ठेस लगती जा रही थी।* *कुलीन कहे जाने वाले लोगों को यह सब सहन नहीं हो पा रहा था।* *इसलिये उनके जो नुमाइंदे सत्ता में बैठे हुये थे वे इस पर लगातार नजर रख रहे थे और जैसे ही उनको अवसर मिला वे पेंशन बन्द कर के मध्यम वर्गीय लोगों के गले पर छुरी चलवा दी।* एक और बेहतरीन लेख जो हमें, खासकर दलितों के लिए  ब्रेन स्टोर्मिंग के काम में आएगा। सादर धन्यवाद!     

*13- Gulab singh*

*2932.3160.-* Excellent Sir ji 🙏

*14- Sunita Dhiman 🙏*

*3111-* Kori vivah group se.

Apka msg bahut hi accha hai.

*15- Harpal singh*

*i) 3006-* Good morning 🙏.  Nice poem on present situation of our Country/Society.

*ii)3220-* Katu Satya but 💯 agreed and true 👍

*16-  Sarvesh  Ambedkar*

*3188-* अनंग साहब बहुत उत्कृष्ट रचना है। हो सके तो इसकी वीडियो अपलोड कराइए। लोगों को बहुत पसंद आएगी।

*17- Parmanand Ram*

*i) 3175-* सबसे ज्यादा नशा निचले तबके के बहुजनों में है, नींद खुली नहीं कि धड़ा धड़ शुभकामनाएं आने लगी।   

*ii) 2947-* ब्राह्मण जो करते हैं उसके पीछे गहरी साज़िश होती है। एक कहानी याद कीजिए,एक राजा ने कहा,बकरी का मुंह कभी बंद नहीं होता, सिर्फ खाती रहती है,जो इसका मुंह बंद करा देगा उसे इनाम दिया जाएगा,एक व्यक्ति बकरी के सामने चारा रखता, जैसे ही बकरी झुकती,वह एक डंडा मारता,इस तरह उसे कन्ट्रोल किया गया, हमारे पूर्वजों पर अत्याचार के द्वारा कन्ट्रोल किया गया है।

*18- R N Yadav Principal K V*

*2947-* आप के विचारों और कविता की प्रशंसा के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं कितु लोगो को जागरूक नागरिक बनाने के लिए कठिन प्रयास कर ना होगा।

*19- M.L.MEHMI. ADVO.*

*2947-* यही कारण था कि शुदरो को पढ़ने का अधिकार मनु नहीं देना चाहता था क्योंकि पता था कि यदि शुद्र पढ़ लिख गये तो फिर वाल की खाल निकालेंगे और बाबा साहेब के संविधान ने शुदरो को पढ़ने का अधिकार क्या दिया अब तो हर मन्दिर ही बुद्ध कि धरोहर है ऐसा पता चल रहा है। जैसे जैसे कारवां आगे बढ़ेगा और लोग मिलते जाएंगे मनुवाद का विस्तर गोल होता जाएगा।

*20- Devi Prasad*

*2957-* लेखक महोदय को दिल से आभार व्यक्त करता हूं ।जय भीम नमो बुद्धाय।

*21- Ram Sharan  Fbd.*

*i) 3052-* सावधान करने के लिए बहुत बहुत साधुवाद।

*ii) 3016-* वर्तमान और गुजरे हुए हालात पर सचेत करने के साथ साथ समझाया गया कि क्या होने बाला है इसके लिए बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय अनंग साहब।

*22- गायिका सुश्री राधा उन्नाव*

*i) 2878-* Loktantra par geet hai. Sunder hai.

*23- Dehradun Sardar Arun Singh Hitlar*

*3195-* सत्य वचन आपका।

*24- Bombay Mr. B P Yadav*

*3113-* 🌹 बहुत सुंदर कविता आपने लिखी है बहुत-बहुत बधाई मनुस्मृति की सोच रखने वाले लोग लोगों को गुलाम बनाना चाहते हैं ओबीसी एससी एसटी माइनॉरिटी को गुलाम बनाना चाहते हैं 5 किलो राशन पर रखना चाहते हैं इनकी सोच ठीक नहीं आरएसएस और बीजेपी और मनुस्मृति 90% जनता के लिए ठीक नहीं इसलिए जागरूक होकर अपने हक हिस्से की लड़ाई ओबीसी एससी एसटी माइनॉरिटी करें पढ़ाई लिखाई शिक्षा स्वास्थ्य रोजी रोटी कपड़ा मकान संसद विधानसभा लोकसभा राज्यसभा जुडिशरी में अपना हिस्सा ले बहुत-बहुत बधाई रामचंद्र जी आपको मानव समाज सेवा फाउंडेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ बी पी यादव भारतीय।

*25-  Raj Kumar*

*3113-* बहुत बहुत साधुवाद साहब आदरणीय मदनलाल अनंग साहब 

बहुत ही सुन्दर विचार प्रस्तुति किया है ।

रामराज्य काबहुत हीसुन्दर दृश्य   दिखाया है। आदरणीय साहब को सहृदय सादर जय भीम नमो बुद्धाय। साहिब बंदगी करता हूँ साहब 🙏


*माननीय मदन लाल अनंग साहब* लगभग 2700 लेखों व कविताओं की श्रृंखला जारी कर चुके हैं जिसमें उन्होंने समसामयिक विषयों अथवा सरोकारों, सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों, सामाजिक दशा व दिशा तथा *मूल समाज के वास्तविक इतिहास की विकृति पर गंभीर चिन्ता व्यक्त करते हुये अपने शोधपरक तथ्यों के आधार पर विचार प्रस्तुत किये हैं।*

      *वर्तमान में विज्ञान के आविष्कार की वजह से इस तेजी से बदलते हुए परिवेश में हम रचनाओं पर दी गयीं प्रतिक्रियाओं को ही संगोष्ठी समझ लेते हैं।* लोगों को सही दिशा देने के लिये हमारा यह एक छोटा सा प्रयास है। हम अपने समक्ष आ रही परेशानियों का उल्लेख नहीं करेंगे। *सुधी पाठकों से हम बस इतना अवश्य चाहेंगे वे वे घटनाओं को पारखी नजर से समझने का प्रयास करें और सहयोग बनाये रखें।*

    *सहयोग, सराहना और आगे प्रसारण के लिये सभी पाठकों का विनम्र अभिवादन !*

  

*राम चन्द्र”

*पूर्व प्राचार्य, केन्द्रीय विद्यालय संगठन* 

*द्वारा: मध्यम मार्ग समन्वय समिति।*

*सम्पर्क सूत्र : मो.नं.9450155040*        


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