**एकता की ताकत**
एक घने जंगल में शेरों का एक बड़ा समुदाय रहता था। ये शेर आपस में भाई-बंद जैसे थे, पर छोटी-छोटी बातों पर अक्सर झगड़ पड़ते। कोई कहता, “ये इलाका मेरा है,” तो कोई बोलता, “मेरी बात सही है!” उनकी बहस और ऊँची-ऊँची आवाज़ों से जंगल के बाकी जानवर डरकर छिप जाते। इन छोटी-मोटी अनबनों के बावजूद, शेरों का समुदाय अपनी ताकत रौब और दबदबे के लिए मशहूर था।
एक दिन, जब कुछ शेर जंगल में अपने इलाके की रखवाली कर रहे थे, तभी कुछ कुत्तों ने उन पर हमला कर दिया। ये कुत्ते शरारती और मौकापरस्त थे। उन्हें पता था कि शेर आपस में लड़ते हैं और बँटे हुए हैं। कुत्तों ने सोचा, “ये मौका है, शेरों की आपसी फूट का फायदा उठाकर हम उन पर हावी हो जाएँ!” कुत्तों ने शेरों के एक छोटे समूह को घेर लिया और उन पर भौंकते हुए हमला शुरू कर दिया।
शेरों ने हिम्मत से मुकाबला किया, पर कुत्तों की संख्या बहुत थी। तभी बाकी शेरों को इस हमले की खबर मिली। कुछ शेरों ने पहले सोचा, “ये तो उन शेरों की लड़ाई है, जिनसे हमारी नहीं बनती। फिर क्यों मदद करें?” लेकिन फिर एक समझदार शेर ने गर्जना की, “भाइयो, हमारी छोटी-मोटी अनबन अपनी जगह है, पर ये शरारती कुत्ते हमारे पूरे समुदाय की इज्ज़त को चुनौती दे रहे हैं! अगर हम एक न हुए, तो ये हमारी कमजोरी का फायदा उठाएँगे। हमारी इज्ज़त रौब और भाईचारा सबसे ऊपर है!”
समझदार शेर की बात सुनकर सारे शेरों का खून खौल उठा। उन्होंने अपनी आपसी नाराज़गियाँ भुला दीं और एकजुट होकर कुत्तों पर टूट पड़े। शेरों की एकता और ताकत के सामने कुत्ते टिक न सके। कुछ ही देर में कुत्तों का झुंड या तो भाग गया या मारा गया। जंगल में फिर से शांति छा गई।
लड़ाई के बाद, शेर एक साथ बैठे और आपस में बात की। एक शेर ने कहा, “हमारी छोटी-छोटी लड़ाइयाँ हमें कमजोर कर रही थीं। अगर आज हम एक न होते, तो ये कुत्ते हमारी इज्ज़त मिट्टी में मिला देते।” दूसरा शेर बोला, “सच कहा, भाईचारा और इज्ज़त सबसे बड़ी ताकत है। हमें अपनी अनबन को भूलकर हमेशा एक रहना चाहिए।”
उस दिन से शेरों ने ठान लिया कि वे अपनी छोटी-मोटी नाराज़गियों को बड़ा नहीं होने देंगे। जंगल के बाकी जानवरों ने भी सीखा कि जब भाई-बंद एकजुट होकर खड़े होते हैं, तो कोई बाहरी शरारती ताकत उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती।
अतः छोटी-मोटी अनबन हर समुदाय में होती है, लेकिन जब बात इज्ज़त और सम्मान की आती है, तो भाईचारे की एकता बनाये रखना सबसे ज़रूरी है। शरारती और बाहरी लोग हमारी आपसी फूट का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं, लेकिन अगर हम एकजुट रहें, तो कोई हमारी इज्ज़त को ठेस नहीं पहुँचा सकता।