*ग्वालियर हाई कोर्ट परिसर में बाबा साहब डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा लगने का विरोध करने वाले जातिवादी वकीलों को चेतावनी।*
ऐसे वकीलों को यह नहीं भूलना चाहिए कि यह वही समाज है जिसने सम्मान की रक्षा के लिए भीमा कोरेगांव जैसा इतिहास रचा है। यह समाज न केवल जूते बनाना जानता है, बल्कि *समय आने पर वही जूते जब सिर पर पड़ते हैं तो घमंड और भ्रम दोनों दूर हो जाते हैं।*
इन वकीलों के बयान न केवल संकीर्ण जातिवादी मानसिकता को उजागर करते हैं, बल्कि इससे सामाजिक वैमनस्य और वर्ग संघर्ष को बढ़ावा मिलने की आशंका है।
हम प्रशासन से मांग करते हैं कि इस गंभीर मामले का संज्ञान लेते हुए दोषियों पर त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए।
Dr.(Major) Manoj Raje