जातिगत जनगणना के घोर विरोधी भाजपा, क्यों करा रही है जातिगत जनगणना? *बता रहे हैं प्रोफेसर श्रावण देवरे*
*1)* ओबीसी के साथ धोखाधड़ी करनेवाली कॉंग्रेस और भाजपा पर विश्वास करना मुश्किल है। बिहार के इलेक्शन जितने का *चुनावी जुमला* है।
*2)* जातिगत जनगणना की घोषणा भाजपाने कॉंग्रेस के दबाव में नही नितीश कुमार की वजहसे की है।
*3)* ओबीसी जितना जागृत हो रहा है उतने ही कॉंग्रेस-भाजपा दबाव में आकर झुकते है।
*4)* ओबीसी व्होट बँक पुरे देशभर मे है और बडी ताकदवर है। लेकिन यह वोटबँक कभी कॉंग्रेस, कभी भाजपा लुट रही है और सत्ता में आने के बाद ओबीसी के खिलाफ काम करते हैं!
*5)* ओबीसी की एक बहोत बडी कमजोरी यह है कि ओबीसी की एक भी *नॅशनल पार्टी* नही है!
*6)* केवल जातिगत जनगणना से ओबीसी का भला नहीं होगा। आरक्षण की *50 पर्सेंट मर्यादा* खत्म करने के लिए भी कानून बनाना होगा।
*7)* तामीळनाडू के ओबीसी नेताओं ने *नॅशनल ओबीसी पार्टी* बनाने के लिए आगे आना चाहिए!