हरियाणा पंजाब हाई कोर्ट चंडीगढ़ ने अनुसूचित जाति जनजाति के पदोन्नति आरक्षण में एक अप्रैल 2025 से क्रीमी लेयर लगाने का फैसला सुनाया

 




बिग ब्रेकिंग न्यूज़ 

1मई 2025 🙏🏾

*हरियाणा पंजाब हाई कोर्ट चंडीगढ़ ने अनुसूचित जाति जनजाति के पदोन्नति आरक्षण में एक अप्रैल 2025 से क्रीमी लेयर लगाने का फैसला सुनाया*🙏🏾

1 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी की लिस्ट में सब क्लासिफिकेशन और क्रिमिनल लगाने के फैसला आने के बाद भारत में हुए  विरोध के चलते देश भर के एससी-एसटी के आरक्षण के बल पर चुनाव जीते करीब 100 ,सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 8 अगस्त 2024 को मिले और प्रधानमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि एससी एसटी में क्रीमी लेयर लागू नहीं होगी ,प्रधानमंत्री की ओर से केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने प्रेस को संबोधित करते हुए केंद्र की और से घोषणा करते हुए बताया था कि एससी एसटी के लोगों को आरक्षण बाबा साहब द्वारा संविधान में दी गई व्यवस्था के अनुसार दिया जाएगा , और संविधान में क्रीमी  लेयर लगाने का कोई प्रावधान नहीं है ।इसलिए एससी एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर नहीं लगेगी, *हरियाणा राज्य में समूह ग़ और घ  की सेवाओं में scst का पदोन्नति आरक्षण लागू था,वर्ष 2023 में इसे समूह क और ख श्रेणी में भी लागू कर दिया था ,सामंत वादियों ने इसे हाई कोर्ट चंडीगढ़ में चुनौती दी, हाई कोर्ट ने SC/ST के पदोन्नति आरक्षण में  क्रीमी लेयर लगा दी , हालांकि सुप्रीम कोर्ट के जिस न्याय मूर्ति  B R गवई जी ने sc st में  क्रीमी लेयर लगाने की वकालत की थी मध्य प्रदेश के  क्रीमी लेयर लगाने की याचिका यह कहकर खारिज कर दी थी कि यह नीति गत मामला है सरकार का काम है ,परंतु हाईकोर्ट हरियाणा एवं चंडीगढ़ ने अपने फैसले में हरियाणा राज्य के लिए एससी एसटी के पदोन्नति आरक्षण में क्रीमी लेयर लगाकर ,भारत के संविधान प्रधानमंत्री मोदी के सांसदों को दिए आश्वासन पर पानी फेर दिया,चंडीगढ़ हाई कोर्ट ने sc/st  के आरक्षण में क्रीमी लेयर सुप्रीम कोर्ट के  1 अगस्त 2024 के उप वर्गीकरण और क्रीमी लेयर लगाने के फैसले के आधार पर लगाई है* , सुप्रीम कोर्ट द्वारा संविधान की मूल भावना के विरुद्ध दिए गए फैसले के बाद हरियाणा के बीजेपी के मुख्यमंत्री ,आम आदमी पार्टी ने पंजाब में आंध्र प्रदेश में तेलगु देशम पार्टी ने ,कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने कर्नाटक और तेलंगाना में राष्ट्रपति की बनाई गई एससी की लिस्ट में संशोधन करके उप वर्गीकरण लागू  करके भारत के संघीय ढांचे को क्षति पहुंचाकर अनुसूचित जाति के लोगों को नुकसान पहुंचाया है ,भारत में इस मामले में देश की एक मात्र नेता पूर्व मुख्यमंत्री बहन कुमारी मायावती जी  थी जिन्होंने इस संविधान विरोधी फैसले का सर्वाधिक विरोध किया था ,आज देश का scst समाज सर्वाधिक संकट में है बेईमानी के बल पर सरकारें बनाई जा रही है वहीं scst OBC के कुछ लोग संगठित होने के बजाय नई नई  पार्टियां बनाकर समाज को बांटने का काम कर रहे है ,कुछ scst के लोग संविधान को नेस्तनाबूद कराने के लिए व्यक्तिगत  लाभ के लालच में बीजेपी और R,S,S की गोद में बैठे है , संविधान बचाओ ट्रस्ट ने इस अति संवेदनशील मामले में पहले रिव्यू पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की ,जब वह खारिज हुई तो सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन संख्या 41/2025 दाखिल कर दी जिस पर 29 अप्रैल को सुनवाई की तिथि नियत हुई थी ,जिसकी सुनवाई 8 न्यायमूर्तियों की बेंच को करनी थी एक न्यायमूर्ति के अवकाश पर होने के कारण 29 अप्रैल कोसुनवाई नहीं हो सकी , क्यूरेटिव पिटिशन भविष्य में सुनी जाएगी परंतु सभी समस्याओं का एक ही समाधान है बीजेपी को राज्यों और केंद्र की सत्ता से बेदखल करना । सुप्रीम कोर्ट का उप वर्गीकरण पर 1 अगस्त का फैसला scst/obc पर अब तक का  संविधान की मूल भावना और राष्ट्रीय एकता और अखंडता के विरुद्ध अब तक के सबसे बड़े फैसले के रूप में देखा जा रहा है , चंडीगढ़ हाई कोर्ट एक उदाहरण है । उप वर्गीकरण और क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपने विवेक पर दिए  फैसले की अभी राज्य सरकारे एवं अन्य उच्च न्यायालय इस फैसले की व्याख्या अपने विवेक /स्तर से करना अभी बाकी है 

*चंडीगढ़ हाई कोर्ट में  याचिका CWP संख्या 24608/2023 पर 1,अप्रैल 2025 को फैसला आया है*

*सबका मंगल हो*

राजकुमार एडवोकेट 

*संविधान बचाओ ट्रस्ट* 


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