ये कैसा युद्ध विराम..?
ना पाकिस्तान ने घुटने टेके...
ना पाकिस्तान ने माफी मांगी ...
ना आतंकी नहीं भेजने के गारंटी दी...
ना आतंकी सेंटर बंद करने का वादा किया...
सिर्फ ट्रंप ने कहा और हमने मुंडी हिला दी
हम अभी चुप हैं, सुन्न हैं!
थोड़ी देर बार सोचेंगे कि हम क्यों लड़े, जिस मकसद से लड़े, वह हासिल हो गया ?
फिर सोचेंगे कि लड़ाई शुरू हमने की और खत्म उन्होंने किस हक से करवा दी?
बात तो बदला लेने की हुई थी, फिर बात बीच में ही क्यों छूट गई?
ख्याल तो यह भी आएगा कि वास्तव में बड़ा तो वह है जिसने हमारी लड़ाई खत्म होने का एलान हम से पहले कर दिया!
फिर यह भी मन कहेगा कि जो होता है, अच्छे के लिए होता है, लेकिन तुरंत लगेगा का कि इसमें अच्छा क्या हुआ!!
यानी सवाल बहुत सारे हैं लेकिन जवाब कोई नहीं....
कुल मिलाकर
ना proud Feel हुआ
ना Good Feel हुआ
ना मुद्दा Solve हुआ
कुल मिलाकर फूफा तो अमेरिका ही साबित हुआ...