राष्ट्रपति मुर्मू से कुछ सवाल
1. मैडम राष्ट्रपति, क्या आपने कभी अपनी ही केंद्र सरकार द्वारा पारित किसी विधेयक को महीनों-बरसों तक रोके रखा है, जैसा आपने तमिलनाडु के विधेयकों के साथ किया?
2. जब केन्द्र सरकार का कोई विधेयक आता है, तो आप उसे बिना देरी मंज़ूरी देती हैं—फिर तमिलनाडु की चुनी हुई सरकार के विधेयकों पर विचाराधीन मुद्रा क्यों?
3. क्या केवल इसलिए कि तमिलनाडु में बीजेपी की सरकार नहीं है, आपने वहाँ के विधेयकों को रोक कर संघीय ढांचे की गरिमा का हनन नहीं किया?
4. क्या आप मानती हैं कि राष्ट्रपति का पद राजनीतिक पक्षपात से ऊपर होना चाहिए? अगर हाँ, तो फिर आपने इस असंवैधानिक, पक्षपातपूर्ण, मनमाने और अमर्यादित रवैये की अनुमति क्यों दी?
5. क्या आपको नहीं लगता कि सुप्रीम कोर्ट का यह कहना कि राज्यपाल/राष्ट्रपति समयबद्ध निर्णय लें—संविधान की ही आत्मा की रक्षा है?