*हमसे कहा गया था*
मोदी को प्रधानमंत्री बनाओ आतंकवाद खत्म होगा हमने मान लिया।
फिर कहा गया,
नोटबंदी से आतंकवाद की कमर टूट गई, हमने मान लिया।
ये लोग बोले,
देश सुरक्षित हाथों में है, हमने मान लिया।
फिर कहने लगे,
पुलवामा हमला हो गया मोदी को वोट दो वो बदला लेंगे, हमने मान लिया।
उसके बाद बाद बोले,
सर्जिकल स्ट्राइक करके मोदी ने आतंकवाद खत्म कर दिया हमने मान लिया।
वो कहने लगे,
धारा 370 खत्म कर दी, अब कश्मीर में बेशक प्लॉट लेकर रहो, हमने मान लिया।
कुछ और मानना है तो वो भी बताओ, हम मान लेंगे।
लेकिन, बस इतना बता दो कि कंगना रनौत जैसी फालतू और नशेड़ी को भी सरकारी खर्चे से Y+ सिक्योरिटी मिली हुई है। 10 कमांडो उसे 24 घंटे सुरक्षा देते हैं।
पहलगाम में उस समय 2000 से ऊपर पर्यटक बताए जा रहे हैं, घटनास्थल पर एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं था।
ऊपर से अपनी गलती स्वीकार करने की बजाय कभी विपक्ष पर ठीकरा फोड़ रहे हो, कभी सांप्रदायिक कार्ड खेल रहे हो, कभी बिकाऊ मीडिया से जहर उगलवा रहे हो।
आतंकवाद भाजपा नेताओं के लिए वोट की फसल है।
अगर सरकार अपनी पर आए तो उसकी मर्जी के बिना एक पत्ता नहीं हिल सकता, हत्याओं की तो बात ही छोड़िए।
अकेली आर्मी में 13 लाख सैनिक हैं। 3 लाख भी डिप्लॉय करके 'सर्च एंड शूट' ऑपरेशन चला दीजिए। 1 महीने में कश्मीर का पत्ता पत्ता चेक हो जाएगा। AK 47 तो बहुत बड़ी बात है घर से खुरपा भी निकाल लाएंगे।
2003- 04 में 'ऑपरेशन सर्प विनाश' चलाया गया था, सैंकड़ों आतंकवादी जंगलों से ढूंढ - ढूंढकर मारे गए थे।
लेकिन, वो जमाने और थे। तब लाशों पर वोट मांगने का फैशन नहीं था।
मूर्ख अंधभक्त कभी विपक्ष को गालियां दे रहे हैं, कभी इस देश के मुस्लिम को गालियां दे रहे हैं। इन जाहिलो को समझ ही नहीं है कि तुम्हारे जैसे जाहिलों की मूर्खता पर भरोसा होने के कारण ही मोदी घटनास्थल का दौरा करके देश को सुरक्षा का भरोसा दिलाने की बजाय चुनावी रैली में खिलखिलाकर वोट मांग रहे हैं।
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