महामुर्खोंकी अकल घास चर रही है, अराजकतावादी इन नौजवानोकों भस्मासूर बना रहे है.

 


महामुर्खोंकी अकल घास चर रही है, अराजकतावादी इन नौजवानोकों भस्मासूर बना रहे है.भस्मासूरने मोहीत होकर, लोभमें आकर खुदकेही सिरपर नाचनेवालीने जैसे हरकत की वैसेही हरकत की और खुदही भस्म हो गया यही तरीका अराजकतावादी औरोंके प्रति अपना रहे है. सावधान हो जाओ, संभल जाओ.जीवनमे कुछ अच्छा करो, कुछ खुदके लिए, कुछ अभावग्रस्तोंके लिए.

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