अंध भक्त जिसे रावण की लंका कहते है, जाने सिगिरिया का सही इतिहास.
सिगिरिया (Sigiriya), जिसे "सिंहगिरि" (सिंह = सिंह, गिरि = पहाड़) कहा जाता है,
श्रीलंका का एक प्राचीन, ऐतिहासिक और स्थापत्य की दृष्टि से अद्वितीय स्थल है।
यह स्थल एक विशाल चट्टानी पहाड़ पर स्थित है, जिसे "सिंह शिला" भी कहा जाता है।
सिगिरिया को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है।
सिगिरिया का पूरा इतिहास:
1. भौगोलिक स्थिति:
स्थान: मध्य श्रीलंका के मतले ज़िले में स्थित
ऊँचाई: यह चट्टान लगभग 200 मीटर (660 फीट) ऊँची है
पास के शहर: डंबुला और कांडी
2. प्राचीन इतिहास और बौद्धकाल:
तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में यह स्थल बौद्ध भिक्षुओं का आरण्यक ध्यानस्थल (Forest Monastery) था।
यहाँ गुफाएँ थीं जिनमें बौद्ध भिक्षुओं ने ध्यान व वास किया और दीवारों पर ब्राह्मी लिपि में अभिलेख खुदवाए।
3. कश्यप राजवंश और किला निर्माण (5वीं सदी ईस्वी):
राजा कश्यप (King Kassapa I) का शासन:
शासनकाल: 473 – 495 ईस्वी
राजा कश्यप ने अपने पिता राजा धातुसेंन की हत्या करके सिंहासन पर कब्जा किया।
उसे डर था कि उसका सौतेला भाई मोग्गलान (वैध उत्तराधिकारी) उस पर हमला करेगा।
सिगिरिया का किला निर्माण:
कश्यप ने सिगिरिया को राजधानी बनाया और इसे एक सुरक्षा किला, राजमहल, और सौंदर्यप्रद उद्यानों के रूप में विकसित किया।
यह किला "सिंह के आकार" में बना — चट्टान के मुख्य द्वार पर सिंह के विशाल पंजों की मूर्तियाँ बनी थीं, जिससे प्रवेश होता था।
4. स्थापत्य विशेषताएँ:
(क) सिंह द्वार (Lion Gate):
एक विशाल सिंह की आकृति के मुख से प्रवेश
अब केवल सिंह के पंजे ही शेष हैं
(ख) मिरर वॉल (Mirror Wall):
यह दीवार इतनी चमकदार थी कि राजा अपना प्रतिबिंब देख सकता था
इसमें 6वीं–13वीं सदी के बीच के भित्तिलेख (graffiti) हैं, जिनमें काव्य, पर्यटकों के संदेश और स्त्रियों की प्रशंसा है
(ग) सिगिरिया की अप्सराएँ (Frescos of Sigiriya Damsels):
चट्टान की दीवारों पर बनी रंगीन स्त्रियों की भित्तिचित्र — इन्हें "अप्सराएँ" या "देवियाँ" कहा जाता है
आज भी लगभग 18 चित्र शेष हैं — ये सिगिरिया की सबसे प्रसिद्ध विशेषता हैं
(घ) जल उद्यान, फव्वारे और गुफा मंदिर:
सिगिरिया के तल में बने सिंचाई यंत्रों, जल उद्यानों, फव्वारों की तकनीक अद्वितीय है
चट्टान के नीचे और आसपास प्राकृतिक जल संरचनाएँ और गुफाएँ हैं
5. कश्यप की मृत्यु और सिगिरिया का पतन:
495 ईस्वी में मोग्गलान ने कश्यप पर आक्रमण किया
कश्यप की पराजय हुई और उसने आत्महत्या कर ली
इसके बाद मोग्गलान ने राजधानी को अनुराधापुरा वापस ले जाया
6. उत्तरकाल और बौद्ध मठ के रूप में पुनः उपयोग:
सिगिरिया पुनः बौद्ध भिक्षुओं का ध्यान केंद्र बन गया
13वीं सदी तक इसका उपयोग चलता रहा, फिर यह उपेक्षित हो गया
7. आधुनिक खोज और पुनरुद्धार:
19वीं सदी में ब्रिटिश अधिकारी मौरिस (Major Forbes) ने सिगिरिया को पुनः खोजा (1831)
बाद में पुरातत्वविद् एच.सी. पी. बेल और अन्य विशेषज्ञों ने इसकी खुदाई और संरक्षण का कार्य किया
अब यह श्रीलंका का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है
8. यूनेस्को विश्व धरोहर:
1982 में सिगिरिया को World Heritage Site घोषित किया गया
इसे “प्राचीन शहरी नियोजन और सौंदर्यशास्त्र का अद्वितीय उदाहरण” माना जाता है
✍️✍️