प्रधान मंत्री मोदी जी के द्वारा अगस्त २०२४ वर्गीकरण के निर्णय के बाद MPs को दिए गए आश्वासन कि क्रीमी लेयर नहीं लागू होगी
पंजाब हाई कोर्ट ने पदोन्नति में अनुसूचित जाति/जनजाति आरक्षण पर क्रीमी लेयर लागू करने का निर्णय
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अपने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में पदोन्नति में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) को दिए जा रहे आरक्षण में क्रीमी लेयर की अवधारणा को लागू करने का आदेश दिया है।
इस निर्णय में अदालत ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 1 अगस्त 2024 को दिए गए ऐतिहासिक ‘दविंदर केस’ (SC उपवर्गीकरण) पर आधारित सात सदस्यीय संविधान पीठ के निर्णय पर भरोसा जताया है। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई द्वारा लिखित इस निर्णय में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के भीतर क्रीमी लेयर की अवधारणा को न्यायसंगत और आवश्यक माना गया है।
हाई कोर्ट ने इस संवैधानिक व्याख्या का अनुपालन करते हुए यह स्पष्ट किया है कि आरक्षण का लाभ केवल उन्हीं पात्र व्यक्तियों तक सीमित रहना चाहिए, जो सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित हैं।
इस निर्णय का दूरगामी प्रभाव न केवल पंजाब बल्कि देश भर में आरक्षण नीतियों और पदोन्नति में आरक्षण की संरचना पर पड़ने की संभावना है।