OBC - 52% -- पूरी जिंदगी संविधान का खाया और अब बुढ़ापे में भी संविधान का खा रहे है.

 

आज में एक  obc वर्ग के  व्यक्ति की शव यात्रा में गया.

जब शव का अंतिम संस्कार चल रहा था तब हम श्मशान में ही एक शेड के नीचे बैठे थे.

वहाँ दो बूढ़े व्यक्ति सरकारी पद से रिटायर्ड आपस मे चर्चा कर रहे थे.की आपको कितनी पेंशन मिलती है तो दूसरे व्यक्ति ने जवाब दिया कि 27 हजार ,फिर उसने पूछा कि आपको कितनी पेंशन मिलती है तो उस व्यक्ति ने कहा कि 23 हजार.

इस प्रकार दोनों चर्चा कर रहे थे.

में उनकी चर्चा को सुन रहा था.थोड़ा उनके पास गया और बोला कि आप पेंशन की चर्चा कर रहे है उन्होंने बोला हां हम पेंशन की चर्चा कर रहे है.

फिर मेने उनसे एक सवाल किया कि --आपको यह पेंशन बगैर काम किये मिल रही है यह कहाँ से मिल रही है.

थोड़ी देर दोनों निरुत्तर थे उसमें से एक ने जवाब दिया सरकार से.

फिर मेने कहा सरकार आपको क्यो दे रही है.

तो दोनों निरुत्तर थे.

उनके पास कोई जवाब नही था.


फिर मेने उनको बताया कि यह भारत देश जिस ग्रन्थ से चल रहा है उस ग्रन्थ का नाम है भारत का संविधान.


ओर भारत के संविधान में 22 भाग ओर 12 अनुसूचिया तथा 395 अनुच्छेद है.


उसमें से आपको आर्टिकल 290 के तहत पेंशन मिल रही है.

इसकी जानकारी आपको है.

फिर मेने कहा कि आपको 1950 से पहले नोकरी करने का अधिकार नही था तथा 1950 के बाद भारत के संविधान के आर्टिकल 16( 4) के तहत नोकरी का अधिकार मिला और आप नोकरी कर रहे थे. और अब बगैर काम किये पेंशन प्राप्त कर रहे है.


इस प्रकार मेने उनको उनकी 52% हिस्सेदारी की बात बताई.

इस प्रकार संविधान की बात सुनकर दोनों अचंभित थे.


मेरे कहने का अर्थ यह है कि आज भी हमारे लोगो को भले ही वह नोकरी से रिटायर्ड हो गए.

पूरी जिंदगी संविधान का खाया और अब बुढ़ापे में भी संविधान का खा रहे है.


फिर भी संविधान की जानकारी नही है.


फिर उन्होंने कहा कि संविधान कहाँ मिलता है मेने बताया संविधान साधारण दुकानों पर नही मिलता.


आज हमे समाज मे संविधान स्थापित करने के लिये कितना काम करने की जरूरत है.


धन्यवाद

जय संविधान

जय मूलनिवासी

Featured Post

देशभर में आपने देखा होगा हॉस्पिटल पुलिस थाने सरकारी कार्यालयों व न्यायालयों आदि में देवी देवताओं की प्रतिमा लगी है जबकि देश संविधान से चलता है

आप सभी से निवेदन 🙏करता हूं कि देशभर में आपने देखा होगा हॉस्पिटल पुलिस थाने सरकारी कार्यालयों व न्यायालयों आदि में देवी देवताओं की प्रतिमा ल...