जो माँ बाप अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेगा,
उस पर 1 रुपया सजा के तौर पर जुर्माना लगाने वाले शिक्षणप्रेमी,शासन प्रशासन में भागीदारी के जनक छत्रपती शाहू महाराज के 146 वें जन्मदिन कि बहुत बहुत बधाइयाँ।
डॉ॰बाबासाहब अंबेडकर के बैरिस्टर बनने के बाद राजर्षि छत्रपति शाहुजी महाराज उनसे मिलने स्वयं मुंबई के डबक कॉलोनी में उनके घर गए। बाबासाहब के जो साथी बाहर खड़े थे, उनसे उन्होने कहा कि “जाओ, डॉ॰ अंबेडकर जी को बताओ कि मैं उनसे मिलने आया हूँ।” बाबासाहब जब बाहरआये और उन्होने साक्षात शाहुजी महाराज को घर के बाहर देखा, तो उन्हे बड़ा आश्चर्य हुआ कि एक राजा मुझसे मिलने मेरे घर आया हैं!! उन्होने शाहुजी महाराज से कहा “आप राजा हो, छत्रपति हो। आपने कहा होता तो मैं स्वयं ही कोल्हापुर आ जाता। आपने इतनी परेशानी क्यों उठाई?”। तब छत्रपति शाहूजी महाराज ने जवाब दिया कि
“हम किस बात के राजा? हम तो परंपरा से राजा बने है। परंपरा से तो कोई भी राजा बन सकता है।
आप ‘ज्ञान के राजा’ हो। ‘ज्ञान का राजा’ हर कोई नहीं बन सकता। आप बैरिस्टर हुए हो, इसलिए कल हम, आप के सम्मान में आपकी रैली निकालने वाले हैं। आप कोल्हापुर आईये।”..... उसके बाद इतिहास में ये अविस्मरणीय घटना हुई कि एक राजा ने,ब्राह्मणी व्यवस्था दवारा अछूत बनाए एक वर्ग के व्यक्ति,जो बैरिस्टर हुआ इसलिए उनकी रैली निकाली और उन पर फूल बरसाकर उनका अभिनन्दन और सम्मान किया .....!!
जातिभेद की दीवारों को तोड़कर इंसान को इंसानियत सीखाने वाले महान लोकराजा राजर्षि छत्रपति शाहुजी महाराज को कोटी कोटी नमन ...!!💐💐
प्रतिनिधित्व के जनक, राजर्षी छत्रपति शाहूजी महाराज जी(OBC) के जन्मदिन दिवाली के जैसे मनाना चाहिए।
(बाबा साहब अम्बेडकर)