पुरे विश्व मे"बुध्द"ही ऐसे व्यक्ति थे.* *जिन्होंने कहा कि. मेरी पुजा मत करना

 


*पुरे विश्व मे"बुध्द"ही ऐसे व्यक्ति थे.*

*जिन्होंने कहा कि. मेरी पुजा मत करना.*

*ना ही मुझेसे कोई उम्मीद लगा के रखना.* 

*कि. मैं कोई चमत्कार करूँगा...*

*दुख तुमने पैदा किया है और उसको दुर तुम्हें ही करना पडेगा*

*मैं सिर्फ मार्ग बता सकता हूँ क्योंकि मैं चला हु उस मार्ग पर.*

*लेकिन उस रास्ते पर तुम्हें स्वयं ही चलना पडेगा..*

*""!!मैं मुक्तिदाता नहीं!!""*

*"!!मैं मार्गदाता हुँ !!""*


*बुद्धिज्म भारत में बहने वाली समता स्वतंत्रता बंधुत्व न्याय नैतिकता वैज्ञानिकता की निर्मल मुख्यधारा है जो ब्राह्मणी विषमता अंधविश्वास पाखंडवाद अनैतिकता के कचरे से ढक गई है जिसे कुछ लोग मुख्यधारा समझ बैठे हैं सफाई चल रही है निकट भविष्य में बुद्धिज्म की मुख्यधारा देश में पूरे वेग से बहेगी।*

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