जहाँ जहाँ भी जाओगे~~~~* *~~~कब्जा है इनका घाटों पर

 



*~~~~जहाँ जहाँ भी जाओगे~~~~* 

*~~~कब्जा है इनका घाटों पर~~~*


*गंगाजल के सम्मुख जमुना, बड़ी बिचारी लगती है।*

*गाय खड़ी हो वहाँ, भैंस की भी लाचारी लगती है।*

गाय जीव है भैंस जीव है, नदियाँ तो निर्जीव रहीं।

अच्छी बुरी जगह कैसी भी, नदियाँ तो हर जगह बहीं।

*जो जल बाँट रहे गंगा का, उसकी क्या गारंटी है ?*

*यही आस्था पागल हो कर, रोज बजाती घण्टी है।*

गंगाजल व्यापार हो गया, ये भी अवसर ढूँढ़ लिया।

जनता तो भोली भाली है, चालाको ने मूँड़ लिया।

*बेशर्मी की हद कितनी है, इसकी भी परिभाषा हो।*

*वे मस्ती में जब जनता में, छायी घोर निराशा हो।*

आडम्बर था शुरू जहाँ से, उनके अपने डूब गये।

मन की बातें सुनते सुनते, आम आदमी ऊब गये।

*नदियों का संवाद शुरू है, किसे सुनायी पड़ता है ?*

*पानी में भी छल होता है, तभी आदमी लड़ता है।*

कितनी नदियाँ हैं भारत में, वे भी तो लाचार हुयीं।

जिससे सौदा पटा जहाँ पर, सब गंगा की धार हुयीं।

*जहाँ जहाँ भी जाओगे, कब्जा है इनका घाटों पर।*

*हम कैसे फिर नाज करेंगे, उन अनपढ़ सम्राटों पर।*

आश्रय दिया जिन्होंने इनको, वे उनको ही दबा लिये।

कोई दूसरा बढ़े न आगे, कच्चे दाने चबा लिये।

*कृष्णा काबेरी भी छूटीं, फूटी ज्यों कचनार कली।*

*बही नर्मदा तो लगती है, जैसे खिली अनार कली।*

नदियों की धारा को देखो, औरत में तब्दील किया।

बेशर्मों के इसी झूठ ने, खुद को बड़ा जलील किया।

*डूब गयी जो खुद के जल में, दुख की मारी लगती है।*

*जो मन्थर गति से बहती है, मन की भारी लगती है।*

*गंगाजल के सम्मुख जमुना, बड़ी बिचारी लगती है।*

*गाय खड़ी हो वहाँ, भैंस की भी लाचारी लगती है।*


*मदन लाल अनंग*

द्वारा : मध्यम मार्ग समन्वय समिति।

*1-*  वैचारिक खोज बीन के आधार पर समसामयिक, तर्कसंगत और अकाट्य लेखन की प्रक्रिया *मध्यम मार्ग समन्वय समिति* के माध्यम से जारी  *2700 से अधिक लेख/रचनायें* सोशल मीडिया पर निरंतरता बनाये हुए हैं।

*2-* कृपया रचनाओं को अधिक से अधिक अग्रसारित करें।

*3-*सम्पर्क सूत्र~* 

Featured Post

साथियों जिस दिन बाबा सहाब के छोटे बेटे राज रत्न का इलाज के अभाव में मृत्यु हुई उस दिन बाबा सहाब के पास कफन तक डालने के लिए पैसे नहीं थे।

  साथियों जिस दिन बाबा सहाब के छोटे बेटे राज रत्न का इलाज के अभाव में मृत्यु हुई उस दिन बाबा सहाब के पास कफन तक डालने के लिए पैसे नहीं थे। स...