सवाल:- जिसके जवाब नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल रात 8.00 बजे देश को संबोधित किया। उसमें कुछ भी नया नहीं था। वही लफ्फाजी , वही देश को भरमाने और फुसलाने की कोशिश। दो चीज़ों पर देश उनसे जवाब मांग रहा था, 1 तो यह कि जब हम जीत रहे थे तब "सीज़फायर" क्यों किया गया? और दूसरा कि हमने इस युद्ध में क्या खोया क्या पाया?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कह रहे हैं कि पिटने के बाद पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से संपर्क किया। DGMO अर्थात DIRECTOR GENERAL MILITARY OPERATION....
उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप कह रहा है कि उसने दोनों देशों को धमकी दी कि युद्ध बंद नहीं हुआ तो अमेरिका उनसे व्यापार नहीं करेगा और युद्ध बंद हो गया।
हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बात पर भरोसा होता यदि अमेरिकी राष्ट्रपति ने युद्ध विराम की घोषणा भारतीय सरकार और सेना से पहले नहीं की होती।
मामले में और कन्फ्यूजन बढ़ गया है, संभव है कि पाकिस्तान के DGMO का फ़ोन आया हो , मगर क्या यह अमेरिकी राष्ट्रपति की धमकी के बाद आया ? और दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के अमेरिकी राष्ट्रपति की धमकी के बाद युद्ध विराम के लिए तैयार होने के बाद आया। स्पष्ट है कि DGMO यह तय नहीं करता कि युद्ध होगा या सीस फायर।
महत्वपूर्ण सवाल यह है...
दरअसल भारतीय दावों को लेकर बहुत सवाल उठ रहे हैं, सरकार भारतीय सेना से जवाब दिलवा रही है जो हर सवालों से परे है। हमारे देश में सेना और न्यायालय को भगवान के बाद का दर्जा प्राप्त है जिसकी आलोचना नहीं की जा सकती। सेना की आलोचना पर देशद्रोह , न्यायालय की आलोचना पर अवमानना का प्रावधान है।
सेना की आलोचना होनी भी नहीं चाहिए, वह देश की शान है , सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, 36 राफेल में से अब कितने बचे हैं ? देश को राफेल की खरीद के आंकड़े दिए जाते हैं तो युद्ध में उसके मार गिराए जाने के भी आंकड़े दिए जाने चाहिए। एक राफेल 250 मिलियन डॉलर का है अर्थात ₹20,87,50,00,000 का।
हमसे अधिक जानकारी तो विदेश के लोगों को है , राफेल बनाने वाली कंपनी "डसाल्ट एविएशन" के शेयर प्राइज़ धड़ाम हो गये और 10% तक टूट गये।
तमाम मीडिया समूह यह खबर ब्रेक कर रहे हैं कि चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर राफेल को मार गिराया , प्रधानमंत्री को इस पर स्थित स्पष्ट करनी चाहिए क्योंकि हमारे देश के अग्रणी लड़ाकू विमान को सवालों के घेरे से परे होना चाहिए।
ध्यान दीजिए कि सेना ने भी इस बात से इन्कार नहीं किया है, और राफेल पर सवाल पूछने पर जवाब मिला कि युद्ध में कुछ ना कुछ नुकसान होता ही है।
तो क्या 8-9 मई की रात चीन ने भी भारत के साथ युद्ध किया ? यह 500-500 चीनी ड्रोन एक साथ भारतीय सीमा में जो घुस रहे हैं वह चीन को क्या डेटा उपलब्ध करा रहें हैं? क्योंकि अफ़वाहों का बाजार गर्म है।
युद्ध क्यों रूका ? क्या पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्शहबाज शरीफ द्वारा बुलाई गई NCA की बैठक के बाद अमेरिका सक्रिय हुआ? ध्यान दीजिए कि पाकिस्तान का राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण देश की परमाणु और मिसाइल नीति का सर्वोच्च नियंत्रक है और इसे तब बुलाया जाता है जब परमाणु हथियारों का प्रयोग किया जाने वाला हो , परमाणु हथियारों के लोकेशन को निर्धारित किया जाने वाला हो।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति वेंस के बारे में यह चर्चा है कि उन्हें ऐसी गोपनीय सूचनाएं मिलीं और उन्होंने आधी रात को डोनल्ड ट्रंप को जगाया।
क्या थी वह सूचनाएं? यही थीं? कि पाकिस्तान परमाणु हमला करने वाला है ?
भारतीय सेना ने कल स्पष्ट किया कि उन्हें नहीं पता कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार कहां रखे गए हैं। कल प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर मार्शल ए के भारती ने कहा कि “हमें यह बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में कुछ परमाणु प्रतिष्ठान हैं, हमें इसके बारे में पता नहीं था। हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है, चाहे वहां कुछ भी हो”
जबकि ग्रोक और गूगल एक मिनट में बता देता है कि पाकिस्तान का विखंडनीय पदार्थ उत्पादन निलोर, कहुटा और खुशाब परमाणु परिसरचार जगहों पर होता है और परमाणु हथियारों की तैनाती अक्रो (पेटारो), गुजरांवाला, खुजदार, पानो अकील, सरगोधा, बहावलपुर और डेरा गाजी खान में है , नूरखान एयरबेस के पास मौजूद किराना हिल में भी परमाणु हथियारों की तैनाती है।
वैसे भी परमाणु हथियारों पर कोई कितना भी ब्रम्होस से मार करे वह कोई फ़ठाका नहीं है कि आग या चींगारी लगते ही फट जाएगा। कुछ नहीं होगा , उसको प्रयोग में लाने की पूरी एक प्रक्रिया है।
परमाणु हथियार आमतौर पर सुपर-हाई सिक्योरिटी स्टोरेज फैसिलिटी में रखे जाते हैं, जिसे हार्डेंड अंडरग्राउंड बंकर या स्पेशल वेपन स्टोरेज एरिया कहा जाता है।
अगर वहां अत्यधिक विस्फोटक मिसाइल तेजी से आकर गिरे तो भी परमाणु विस्फोट नहीं होगा ,क्योंकि साधारण मिसाइल या बम के हमले से परमाणु बम वैसे नहीं फट सकता।
परमाणु बम को फिजिकल धमाके से नहीं, बल्कि सटीक इलेक्ट्रॉनिक सिक्वेंस और डिटोनेशन कोड और ट्रिगर की कोडिंग के ज़रिए ही विस्फोट कराया जाता है। इसके लिए कई स्तर के सेफ्टी इंटरलॉक्स होते हैं।
इसीलिए अगर कोई दुश्मन मिसाइल उस जगह पर गिरती भी है तो अधिक से अधिक फिजिकल डैमेज होगा लेकिन परमाणु विस्फोट नहीं होगा।
भारतीय सेना कहती है कि उसने पाकिस्तान के परमाणु ठिकाने पर हमला नहीं किया, भारतीय मीडिया कहती है कि ब्रम्होस ने पाकिस्तान के परमाणु ठिकाने पर हमला किया , इससे घबरा कर पाकिस्तान गिड़गिड़ाने लगा और युद्धविराम के लिए हाथ जोड़ने लगा।
तमाम सवाल हैं जिसके जवाब देश के सामने स्पष्ट नहीं होंगे क्योंकि यह सेना और युद्ध संबंधी गोपनीयता का मामला बता दिया जाएगा।
मगर हकीकत यह है कि पाकिस्तानी हार कर जश्न मना रहे हैं, अजीब अजीब मीम और AI वीडियो बनाकर हमारे देश , हमारी सेना और हमारे प्रधानमंत्री का मज़ाक उड़ा रहें हैं, अपने सैनिकों का फूल मालाओं से स्वागत कर रहे हैं।
मीडिया द्वारा किए दावों के विपरीत आतंकवादी जीवित दिखाई दे रहे हैं, जश्न मना रहे हैं...हम 26 का बदला लेने में 23 लोगों की शहादत दे चुके हैं।
और इधर हम ग़म मना रहे हैं..भारतीय जनता पार्टी आज से अगले 10 दिन तक तिरंगा यात्रा निकाल रही है। ना निकालती तो यह सवाल भी नहीं पूछे जाते।
बस इतना ही सच है।