🌻धम्म प्रभात🌻
[ स्त्रियां भी पुरुषों से श्रेष्ठ होती हैं। ]
एक समय तथागत श्रावस्ती में मिगारमाता के पुब्बाराम में विहार करते थे ।
तब, कोशलराज प्रसेनजित जहां भगवान थे वहां आया और भगवान का अभिवादन कर एक और बैठ गया।
तब, कोई आदमी जहां कोशलराज प्रसेनजित था यहां गया और कान मैं फुसफुसा कर बोला -
" महाराज ! मल्लिका देवी को लड़की पैदा हुई है। "
उसके ऐसा कहने पर कोशलराज का मन उदास हो गया।
कोशलराज प्रसेनजित के मन को गिरा देख, भगवान के मुंह से उस समय यह गाथायें निकल पड़ी -
" इत्थी पि हि एकच्चिया,
सेय्या पोस जनाधिप।
मेधाविनी सीलवती,
सस्सुदेवा पतिब्बता ।।
तस्सा यो जायति पोसो,
सूरा होति दिसम्पति ।
तादिसा सुभगिया पुत्तो,
रज्जं पि अनुसासती"ति ।। "
अर्थात-
राजन ! कोई-कोई स्त्रियां भी पुरुषों से बढ़ी-चढ़ी,बुद्धिमती, शीलवती, सास की सेवा करने वाली और पतिव्रता होती हैं , अतः पालन-पोषण कर ।
दिशाओं को जीतने वाला महा शुरवीर उससे पुत्र पैदा होता है, वैसी अच्छी स्त्री का पुत्र राज्य का अनुशासन करता है ।
बौद्ध विचारधारा में स्त्री और पुरुष के समान अधिकार है।
नमो बुद्धाय🙏🙏🙏
Ref:संयुत्त-निकाय: कोसल संयुत्त