अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराध
NCRB के नवीनतम आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत में अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराधों में चिंताजनक वृद्धि हो रही है, विशेषकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में। दोषसिद्धि दर में गिरावट और अत्याचारों का संकेंद्रण यह संकेत देते हैं कि इस समस्या से निपटने के लिए अधिक प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
प्रमुख आंकड़े:
• अपराध की श्रेणियाँ:
• साधारण मारपीट के 18,428 मामले (32%)
• आपराधिक धमकी के 5,274 मामले (9.2%)
• SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत 4,703 मामले (8.2%) 
• राज्यवार स्थिति:
• उत्तर प्रदेश: 15,368 मामले (2021 की तुलना में 16% वृद्धि)
• राजस्थान: 8,752 मामले
• मध्य प्रदेश: 7,733 मामले
• बिहार: 6,509 मामले
• अत्याचारों का संकेंद्रण:
• 13 राज्यों में 97.7% मामले दर्ज हुए, जिनमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश शीर्ष पर हैं
• दोषसिद्धि दर:
• SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दोषसिद्धि दर 2022 में घटकर 32.4% रह गई, जो 2020 में 39.2% थी
उत्तर प्रदेश की स्थिति:
उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराधों की संख्या 2021 में 13,146 से बढ़कर 2022 में 15,368 हो गई, जो 16% की वृद्धि है । यह राज्य देश में SC के खिलाफ अपराधों में शीर्ष पर है।