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दिसंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भाजपा सरकार ने स्वर्गीय सरदार मनमोहन सिंह जी का राजघाट पर अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है

  राजघाट पर जमीन की कीमत घोषित करो, हम चुकाएंगे। भारत सरकार जी...हम सबको इसकी घोषणा करनी चाहिए!!  भाजपा सरकार ने स्वर्गीय सरदार मनमोहन सिंह जी का राजघाट पर अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है।  अतीत में, एक मुगल सम्राट ने पंजाब के सरहिन्द (फतेहगढ़ साहिब) में साहिबदासों को दाह संस्कार के लिए जमीन देने से मना कर दिया था।  लेकिन एक हिंदू अनुयायी, टोडर मॉल ने क्रूर शासक द्वारा मांगी गई सबसे ऊंची कीमत पर इसे खरीद लिया।  अब, एक हिंदू राजा ने भारत के सबसे ईमानदार और उद्धारकर्ता सिख प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को राजघाट पर दाह संस्कार करने से मना कर दिया है।  संयोग से, तारीख एक ही है।   अब टोडर मॉल और उसकी जाति के सभी धर्मनिरपेक्ष हिंदू, उच्च पद के प्रधानमंत्री को चाहने वाले सभी देश प्रेमी नागरिक, सिखों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने वाले सिख प्रधानमंत्री का सम्मान करने के लिए सभी सिख संगठन खासकर एसजीपीसी और अकाली दल जैसी सभी सिख पार्टियों को घोषणा करनी चाहिए और वर्तमान भाजपा सरकार को राजघाट पर जमीन की कोई भी कीमत घोषित करने की पेशकश करनी चाहिए।  हम सभी धर्म...

मनुवाद V/S अंबेडकरवाद

  *मनुवाद V/S अंबेडकरवाद* *हिन्दू-- हिन्दुत्व वादी-- अंबेडकरवादी------* *-----------------------* *-----------------------* *ब्राह्मण धर्म जिसे वर्णाश्रम धर्म भी कहा जाता है उसके अनुसार चार वर्ण होते हैं ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य और शूद्र,* *यह व्यवस्था ब्राह्मणों द्वारा ब्राह्मणों के लिए ब्राह्मणों की व्यवस्था है जिसका लाभार्थी ब्राह्मण होता है उसी में से थोड़ा बहुत क्षत्रियों और वैश्यों को भी दे देता है लेकिन शूद्र इस व्यवस्था के तिरस्कृत अपमानित और बहिष्कृत लोग हैं जिन्हें शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान के अधिकार से वंचित रखकर ऊपर के तीनों वर्णों की सेवा करना ही उनका धर्म बताया गया है।* *शूद्र बहुसंख्यक हैं, 85% हैं लेकिन शोषित ,पीड़ित, वंचित, प्रताड़ित बहुसंख्यक हैं इन्हें न्याय दिलाने के लिए ही बाबा साहेब डा अम्बेडकर ने संविधान में इनके लिए आरक्षण की व्यवस्था की थी।* *आजादी के बाद देश में लोकतंत्र की स्थापना हुई  सबको वोट का अधिकार प्राप्त हो गया शूद्र 85% होने के कारण अपने वोट की* *ताकत से अपनी सरकार बना सकते थे अपने इस देश के शासक बन सकते थे, लेकिन ब्राह्मण धर्म के मालिक ब्...

उदारवादी-दक्षिणपंथी मध्यवर्ग

  *उदारवादी-दक्षिणपंथी मध्यवर्ग का तो समझ में आता है- खुद को वामपंथी और आंबेडकरवादी कहने वालों को क्या हो गया है? संदर्भ: मनमोहन सिंह* *Siddharth Ramu* *सोशल मीडिया में मनमोहन सिंह की किन शब्दों में और कितना चढ-बढ़कर तारीफ किया जाए, इसमें उदारवादियों-दक्षिणपंथियों की होड़ तो समझ में आती है, लेकिन खुद को वामपंथी और आंबेडकरवादी कहने वाले किस जमीन पर मनमोहन सिंह की तारीफ में जमीन-आसमान एक किए हुए हैं, यह समझ में नहीं आ रहा है-* ● फिलहाल संसदीय वामपंथियों को लेते हैं-  *सबको याद होगा कि जब मनमोहन सिंह की सरकार न्यूक्लियर डील के नाम पर पूरी तरह अमेरिका की गोद में बैठने का निर्णय लिया था, तो वामपंथी पार्टियों ने उनकी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. उनका यह निर्णय सही भी था. यह सिर्फ अमेरिका की गोद में बैठना नहीं था, बल्कि पश्चिमी साम्राज्यवाद विरोध की स्वतंत्रता आंदोलन की बची-खुची थोड़ी सी विरासत को भी अंतिम तौर पर खत्म करने का निर्णय था. एक दूसरे अर्थों में भारत की संप्रभु और स्वतंत्र विदेश नीति से पूरी मुंह मोड लेने का निर्णय था.* भारत की अर्थव्यवस्था को पश्चिमी देशों की अर्थव्यव...

हिन्दू धर्म में दलितों से छुआछूत मानते हो।

  हिन्दू धर्म में दलितों से छुआछूत मानते हो।                अछूत बनाकर उनका अपमान करते हो।          जब वही दलित ईसाई -मुसलमान और बौद्ध बनता है तो उनका सिर मुड़ा कर जूते की माला पहनाकर सरेआम गांव भर में घुमाते हो।                     सच पूछो तो हिन्दू धर्म नहीं आतंकियों का गिरोह है, जो धर्म की आड़ में कमजोर दलितों पर हजारों साल से जुल्म करते आये हैं।                  मुल्क की आजादी के लम्बे अन्तराल के बाद भी दलितों को आजादी मनुवादियों ने नहीं दिया है।                 दलितों को आज भी गुलाम बनाकर उनसे बंधुआ मजदूरी कराते हैं सरेआम उनके बहू-बेटियों से छेड़छाड़ और बलात्कार किये जाते हैं।                                   तीन दिन पूर्व उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद के खागा तहसील क्षेत्र के ऐलाई गांव निवा...

प्रिय ओबीसी मित्र,

*प्रिय ओबीसी मित्र,*  *तू सोचना सुरु कर,सोचकर कृती करने के लिए खुद को तयार कर,तेरे लिए दूसरा कोई नही लड़ेगा।* *ओबीसी समाज 74 करोड़ जनसंख्या का प्रतिनिधि है।*        *तू सौ लोगों में से 52 लोगों का प्रतिनिधि है।*  *दान,मान और मतदान करने से पहले सौ बार विचार कर!तू सोचना नही इसलिए तेरा शोषण होता है।*     *ओबीसी मित्र,तू राजसत्ता में नही,तू धर्म सत्ता में नही,तू उद्योग सत्ता में नही,तू सांस्कृतिक सत्ता में नही,तू प्रचार और प्रसार सत्ता में नही,तू प्रशासकीय सत्ता में नही,तू हाय कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में नही,तू कला के क्षेत्र में नही,तू इसलिए नही है क्यो की तू सोचता नही है।*    *राष्ट्र को खड़ा करने में तेरा  सर्वाधिक योगदान है।तू बहोत मेहनत करता है।*  *तू इस देश का पोषक है।*  *तू दूसरों को सत्ताधीश बनाता है।परंतु तू सत्ताधीश नहीं बनता।*    *तू किसान के रूप में आत्महत्या करता है किन्तु तुझे आत्महत्या करने को मजबूर करनेवालों को सजा नहीं देता।*    *तेरे ऊपर बहुत खीझ आती है तेरे सहारे और तेरा वोट लेकर लोग सत्ताध...

बहुजनों का असली स्वर्ग “सामाजिक परिवर्तन स्थल” ही है।

  .बहुजनों का असली स्वर्ग “सामाजिक परिवर्तन स्थल” ही है।  ये कोई पार्क नहीं बल्कि बहुजनों की राष्ट्रीय धरोहर “डॉ अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल।” है।  देश के सबसे शोषित और वंचित समाज को अभी तक सिर्फ़ एक बार देश के सबसे बड़े राज्य में अपने दम पर पूर्ण बहुमत की सत्ता मिली।  फिर क्या था।  -गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी  -बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट  -डॉ अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल  -दलित प्रेरणा स्थल  -डॉ अंबेडकर समेत बहुजन महापुरुषों के नाम पर 13 ज़िले। -अंबेडकर, साहूजी और ज्योतिबा फुले विश्वविद्यालय  -महामाया आवास  -डॉ अंबेडकर ग्राम योजना  -रमाबाई अंबेडकर स्थल  और अनगिनत काम  सोचिए जब बहुजनों की सिर्फ़ एक राज्य में सिर्फ़ एक बार पूर्ण बहुमत की सरकार आई तो इंक़लाब आ गया। अगर दो-चार राज्यों में दो चार बार आ जाती या एक बार केन्द्र में आ जाती तब क्या होता?  देश में बसपा को छोड़कर किसी अन्य राजनैतिक दल ने आंबेडकरवादी विचारधारा के लिए अगर इतना काम किया हो तो डेटा सार्वजनिक करे।  सबसे ज़्यादा राज कांग्रेस ने किया, बताए कांग्रे...

15%मनुवादियों को 85%sc st OBC समाज वाले सता देकर मनुवादियों के मानसिक गुलाम बने रहेंगे

   "दुखिया का दु:ख दुखिया जाने, का दुखिया की माई। जाके पांव न फटे बेवाई, वो का जाने पीर पराई।" अर्थ: जो स्वयं दुखी है या जिसने पीड़ा को झेला है, वही दूसरे के दुख को समझ सकता है। जैसे, जिसकी एड़ी (पांव) कभी फटी ही नहीं, वह फटी एड़ी की पीड़ा को नहीं समझ सकता। इसी प्रकार, जो व्यक्ति कभी किसी कष्ट से नहीं गुजरा, वह दूसरों के दुख को महसूस नहीं कर सकता।   जातिवाद भेदभाव  ऊंच नीच  की बीमारी का उपचार सिर्फ- *इंटरकास्ट सम्बन्ध* इसके अतिरिक्त चाहे जितने ग्रुप , भाषण, संगठन, कार्यक्रम आयोजित कर लो कुछ परिवर्तन होने वाला नही है। । ।।जय अर्जक। ।  दिलीप सिंह पटेल  बांदा उत्तर प्रदेश। ।  Right 👍 और ऐसे ही 15%मनुवादियों को 85%sc st OBC समाज वाले सता देकर मनुवादियों के मानसिक गुलाम बने रहेंगे , तभा बारी बारी से जुल्म अत्याचार सहते रहेंगे।10 बीस इक्ट्ठा होकर एक दो  दिन धरना प्रदर्शन करेंगे और फिर अपने अपने घर आकर फिर किसी और के खिलाफ जुल्म अत्याचार का इंतजार करेंगे। और हजारों साल से यही होता चला आ रहा है। जय भीम जय संविधान।

भंगी जाती के लोग

  आप ने सही लिखा है भंगी जाती के लोग अपने आप में भंगी केहने से कतराते हैं क्योंकि ब्राह्मणों ने इस जाती को इतना गिरणित इस  देश में कर दिया है। जिस ब्राह्मण ने इन्हें नीच अछुत गटर से बत्तर गुलाम से बत्तर गुलाम बना कर रखा है आज उसी ब्राह्मण के नाम पर अपने को बाल्मीकि केहते और अपने आप को गोरब महसूस कर रहे हैं जब कि ब्राह्मण से इन्हें नफ़रत करना चाहिए थी अब तो खुदी ही ब्राह्मण बन गये 🤣 क्या ब्राह्मण बाल्मिक केहने से इस देश के  ऊंची जाति वर्ग के लोगों ने नफ़रत घृणा करना छोड़ दिया है नहीं आज जो भी सम्मान मिला रहा है संविधान की कारण मील रहा है बड़े ही दुखी बात है आज बहुत कम लोग डॉक्टर अंबेडकर को मानते हैं इस ब्राह्मण धर्म को अपना भाग विधाता मानते हैं जिस धर्म में कुत्ते से बत्तर गुलामों से पत्थर रखा है । कारण  अपने इतिहास नहीं मालूम भंगी तथागत बुद्ध को कहा गया है हर उसे व्यक्ति को का भंगी कहा गया है जिसने अपनी अंदर की सारी गंदगी बुराइयों को समाप्त कर दिया गया हो उसे भंगी कहा गया है आपको त्रिपिटक पढ़ना चाहिए आपका इतिहास आपके सामने आ जाएगा। जय भीम नमो बुद्धाय हरीश घेंघट भोपा...

🌻धम्म प्रभात🌻 - संसार क्या है?

  🌻धम्म प्रभात🌻   [ संसार क्या है? ] "खन्धानञ्च पटिपाटि धातु आयतनान च।अब्बोच्छिन्नं वत्तमाना संसारो'ति पवुच्चति।।" स्कंध, धातु और आयतनों की अटूट प्रवर्तित परिपाटी संसार कहा जाता है।  पुनर्भव से कैसे मुक्त होगी?  विञ्ञान ( तीसरी कडी संस्कार ( पालि सञ्खारा) शृंखला की  ऊर्जा के मदद से ही सभी बाराह कड़ियां का काल के अनुसार ही चार भागो में  संक्षेपो का प्रसंक्षेपण होता है , अविज्जा और सञ्खार जो मुलाधार है इस चार तरह की संक्षेपण के , जिस कारण कम्म चक्र, विपाक चक्र दोनो ही क्लेष ( चक्र) से युक्त होने से संस्कार की छ: कडीओ की तीन संधी में सतत विभाजन होकर या त्रिकाल के अनुसार कारण - विपाक के हेतुप्रभवा से यह तीन तरह संधि याने जोड़ सतत  बनती रहती है । भुतकाल के पांच कारण वाला वर्ग  ( पहला संक्षेप ) और  वर्तमान काल के पांच विपाक वाला वर्ग  ( दुसरा संक्षेप ),  वर्तमान काल के पांच कारण वाला वर्ग  (तीसरा संक्षेप ) और भविष्य काल के पांच विपाक वाला वर्ग  ( चौथा संक्षेप)। यह चार संक्षेपो का संक्षेपण विञ्ञान की उर्जा के तरंग लहर के सा...

"दि बुद्धिष्ट प्रचारक विंग , छत्तीसगढ़" की धम्म संगोष्ठी का आयोजन जयंती नगर दुर्ग में किया गया

  *🌹☸️ धम्म संगोष्ठी☸️🌹* *🙏🏻नमो बुद्धाय जय भीम 🙏🏻*       *घर-घर संगोष्ठी के तहत आज दिनांक 29/12/2024  रविवार को  "दि बुद्धिष्ट प्रचारक विंग , छत्तीसगढ़" की धम्म संगोष्ठी का आयोजन जयंती नगर दुर्ग में किया गया ।धम्म संगोष्ठी का आयोजन  आयुष्मति -- सरिता टेंर्भुने जी के निज निवाज पर किया गया। दि बुद्धिष्ट प्रचारक विंग सरिता टेंर्भुने जी और उनके परिवार को तहेदिल से साधुवाद देती है।*   *🌹2024 में दि बुद्धिष्ट प्रचारक विंग छत्तीसगढ़ का 11 वां  वर्धापन दिवस मनाया गया। इस वर्धापन दिवस के अवसर पर धम्म प्रचारिका "साक्षी बौद्ध" को दि बुध्दिष्ट प्रचारक विंग की ओर से शाॅल एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया साथ ही में सभी धम्म प्रचारिकाओ को पुष्प देकर सम्मानित किया गया।🌹*   *संगोष्ठी की शुरुआत  त्रिशरण - पंचशील से हुई।* *भारतीय संविधान की उद्देशिका का वाचन साक्षी बौद्ध द्वारा किया गया।* *आज संगोष्ठी का विषय रहा- मनुस्मृति महिला व शुद्र विरोधी काला क़ानून थी । इस विषय  पर उपस्थित उपासिकाओ ने  अपने विचार रखे एवं सविता बौद्ध 'संकल्प...

भारत बंद का आवाहन

  जनक: एक महत्वपूर्ण सूचना साथियों मूल निवासी बहु संख्यक समाज से निवेदन है की 31 दिसंबर 2024 भारत बंद का आवाहन किया जा चुका है इस भारत बंद को भारत मुक्ति मोर्चा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा बहुजन क्रांति मोर्चा राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा के नेतृत्व में इस भारत बंद को घोषित किया है लिहाजा निवेदन है कि इस भारत बंद को ज्यादा से ज्यादा सफल बनाने के लिए सभी भारत के सभी बहु संख्या अंक समाज से अनुरोध है कि आप अपने अधिकारों को आने वाली पीढ़ी के अधिकारों को बचाने के लिए इस इस भारत बंध मैं अपना साथ सहयोग और समर्थन करें kyunki यह भारत बंद भारत मुक्ति मोर्चा वोट मांगने के लिए नहीं कर रहा है नाही पिछड़ा वर्ग मोर्चा वोट मांगने के लिए नहीं कर रहा है नहीं बहुजन क्रांति मोर्चा वोट मांगने के लिए नहीं कर रहा है और ना ही परिवर्तन मोर्चा आपका वोट मांगने के लिए नहीं कर रहा है क्योंकि यह पॉलिटिकल प्लेटफार्म नहीं है तो आपसे वोट क्यों मांगेंगे Lekin लोकतंत्र में जब भी चुनाव होते हैं आप किसी न किसी को वोट देते हैं परंतु इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के बाद आप जिस किसी को वोट देते हैं उसे वह वोट नहीं मिल पाता है य...

मृत्युभोज कुप्रथा

  *मृत्युभोज कुप्रथा उन्मूलन अभियान ललितपुर*  1, वार्ड नंबर 16 आजादपुरा ललितपुर, जिला ललितपुर उत्तर प्रदेश निवासी *स्मृति शेष शोरभ कुशवाहा* 2, ग्राम रोड़ा जिला ललितपुर निवासी *स्मृति शेष कल्याण राजपूत* का आकस्मिक देहांत होने पर, मानव समाज में व्याप्त *सामाजिक कुरीति मृत्युभोज कुप्रथा*  को बंद कर दिनांक 30,12, 2024 दिन सोमवार को  जिले में 02 *श्रद्धांजलि_शोकसभा* संपन्न हुई, उपस्थित रहे सभी महानुभावो का ह्रदय से आभार, आशा है,आप भी इस सामाजिक मिशन से जुड़कर मानव समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों,ढोंग पाखंड,अन्धविश्वास,जुआ शराब,फिजूलखर्ची आदि गलत परम्पराओ को बंद कर, अपने पिछड़े हुए मानव समाज को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे|  *महेश कुशवाहा सामाजिक कार्यकर्ता टोडी* *धन्यवाद*

जाओ ओबीसी भाई जाओ

  👏 31 दिसंबर 2024 भारत बंद👏  -:  जाओ ओबीसी भाई जाओ  अपने हक और अधिकारों को बचाने जाओ...! मांग करो अपनी जातिगत जनगणना की मांगों अपने हक और अधिकार...! कल भारत बंद रहेगा क्योंकि मौजूदा सरकार ओबीसी की जनगणना नहीं कर रही.. -: वर्तमान विरोधी पार्टियां अपने भ्रष्टाचार की वजह से EVM के खिलाफ जनांदोलन करने नाकाम रही है हम सबको एक होना होगा और बोलना होगा कल भारत बंद रहेगा. -: जब तक हमे अपने दोस्त और दुश्मनों का पता नहीं चलेगा तब तक हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे...! व्यवस्था परिवर्तन के लिए कल भारत बंद रहेगा  -: 1931 में आखरीबार ओबीसी की जाति आधारित गिनती हुई थी तब से लेकर आज तक पिछड़ा वर्ग (OBC) की जाति आधारित गिनती नहीं हुई तो OBC की जाति आधारित गिनती करवाने हेतु कल भारत बंद रहेगा. -: कल भारत बंद रहेगा क्योंकि OBC के हक  अधिकारों को बचाना हैं.. -: कल भारत बंद रहेगा क्योंकि ओबीसी को अपना 52% हिस्सा दिलाना हैं.  -: ओबीसी की जातिगत जनगणना सरकार नहीं करवा रही क्योंकि ओबीसी की जातिगत जनगणना करवा दी तो उनको उनकी हिस्सेदारी देनी पड़ेगी...! अधिकार चाहिए तो कल भारत बंद रहेग...

संत रैदास

  💐संत रैदास 💐 👉संत रविदास जी ने भक्ति के विरोध में लम्बी कविता लिखी। कविता का शिर्षक है,  ‘भक्ति भ्रम है सो जान।’ अर्थात भक्ति एक भ्रम है।  भ्रम यह एक मानसिक बिमारी है। ब्राह्मण हम लोगों को भक्ति के नाम पर बिमार बनाये रखना चाहते हैं। जो मानसिक रूप से बिमार होते हैं उन्हें काबू में रखना, उन्हें गुलाम बनाए रखना बहुत आसान होता है।  👉मूलनिवासी संतों का आंदोलन भक्ति का आंदोलन नहीं था। संत हमारे आज़ादी के लिए ब्राह्मणवादी व्यवस्था के विरोध में, जाति व्यवस्था, वर्ण व्यवस्था, अस्पृश्यता के विरोध में विद्रोह का आंदोलन चला रहे थे।  संतों के इस विद्रोह की वजह से ब्राह्मणों ने हमारे मूलनिवासी संतों की हत्याएँ करने का प्रयास किया, इसी कारण रैदास जी को हत्या की,कुछ प्रमुख संतों की हत्याएँ की। 👉जाति-जाति में जाति है, ज्यों केलन में पात।  रैदास मानुष ना जुड़ सके, ज्यों लो जाति न जात।। सतगुरु रविदास जी जाति व्यवस्था के विषय में बता रहे हैं कि जाति में जाति और उस जाति में भी जाति, बिल्कुल केले की जैसे, उसके तने से छिलका उतारो, फिर एक परत उतारो और परत उतारते ही जाओ। छिलक...

सनातन धर्म का कलंक है मनुस्मृति

  सनातन धर्म का कलंक है मनुस्मृति  🤷🤷‍♀️👌🏿🤷🤷‍♀️     1. मनुस्मृति (100) के अनुसार पृथ्वी पर जो कुछ भी है, वह ब्राह्मणों का है। 2. मनुस्मृति (101) के अनुसार दूसरे लोग ब्राह्मणों की दया के कारण सब पदार्थों का भोग करते हैं। 3. मनुस्मृति (11-11-127) के अनुसार मनु ने ब्राह्मणों को संपत्ति प्राप्त करने के लिए विशेष अधिकार दिया है। वह तीनों वर्णों से बलपूर्वक धन छीन सकता है अर्थात् चोरी कर सकता है। 4. मनुस्मृति (4/165-4/166) के अनुसार जान-बूझकर क्रोध से जो ब्राह्मण को तिनके से भी मारता है, वह 21 जन्मों तक बिल्ली की योनी में पैदा होता है। 5. मनुस्मृति (5/35) के अनुसार जो मांस नहीं खाएगा, वह 21 बार पशु योनी में पैदा होगा। 6. मनुस्मृति (64 श्लोक) के अनुसार 'अछूत' जातियों के छूने पर स्नान करना चाहिए। 7. मनुस्मृति धर्म सूत्र (2-3-4) के अनुसार यदि शूद्र किसी वेद को पढ़ते सुन लें तो उनके कान में पिघला हुआ सीसा या लाख डाल देनी चाहिए। 8. मनुस्मृति (8/21-22) के अनुसार ब्राह्मण चाहे अयोग्य हो, उसे न्यायाधीश बनाया जाए वर्ना राज्य मुसीबत में फंस जाएगा। इसका अर्थ है कि भूतपूर्व में ...

भारतीय किसान यूनियन टिकैत

  भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कुशल पाल आर्य जी रामपाल सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष बाबुराम तोमर प्रदेश उपाध्यक्*युवा प्रदेश उपाध्यक्ष एकलव्य सिंह सहारा की तरफ़ से    आवश्यक सूचना----       हापुड़ जनपद  के सभी कर्मठ ईमानदार शिक्षित पदाधिकारी, व बाबा महात्मा टिकैत में आस्था रखने वाले सभी जांबाज सिपाहियो  से अनुरोध किया है कि, 30/12/2024 को नोएडा जीरो पॉइंट पर होने वाली  किसान महापंचायत की जा रहीं हैं l जिसमें किसानो के साथ हो रहे शोषण अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलन्द की जाएंगी  और आवाज बुलंद करने के लिए सभी किसान भाई  नोएडा ज़ीरो पॉइंट  पर अधिक से अधिक पहुंचने का कष्ट करें  किसान मज़दूर एकता ज़िंदाबाद चौधरी नरेश टिकैत ज़िंदाबाद  चौधरी राकेश टिकैत ज़िंदाबाद  चौधरी राजपाल शर्मा प्रदेश अध्यक्ष  ज़िन्दाबाद  चौधरी गौरव टिकैत ज़िंदाबाद  चौधरी चरण सिंह ज़िन्दाबाद            आपका सेवक  नाज़िम चौधरी युवा जिला सचिव

लड़ना तुम्हें पड़ेगा। प्रिय पिछडे़वर्ग के बहिन और भाईयो, जय भारत जय संविधान।

  लड़ना तुम्हें पड़ेगा। प्रिय पिछडे़वर्ग के बहिन और भाईयो, जय भारत जय संविधान। अब हमें निर्णय कर लेना चाहिए कि हम सभी भारतीय बर्ष २०२५ संविधान बर्ष मनायें और हम सभी पूरे बर्ष भर संविधान की समस्त जानकारी लोगों तक पहुंचाये। संविधान भारत राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोकर राष्ट्र के सभी वर्गों के लोगों को राष्ट्रीय विकास के लिए एकजुट होकर काम करने प्रेरित करता है। इसके लिए समता, स्वतंत्रता,बंधुता एवं सामाजिक न्याय की अवधारणा प्रदान करता है। भारत के सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार देता है। शोषण के विरुद्ध लड़ने के साथ अपनी सरकार चुनने का अधिकार दिया गया है। कोई सरकार राष्ट्रीय विकास एवं लोकहित के अनुरूप कार्य न करने के कारण प्रत्येक ५ बर्ष बाद सरकार बदलने का अधिकार आपको दिया है। प्रत्येक भारतीय नागरिक को वोट डालने, चुनाव लड़ने और जीतकर सरकार बनाने का अधिकार आपको है। उद्योग और व्यापार करने का अधिकार आपके पास है। न्यायाधीश बन न्यायपूर्ण व्यवस्था कायम करने का अधिकार है। पर वास्तव में संविधान की मंशानुरूप इस देश की व्यवस्था चल पा रही है? नहीं न! क्यों? क्योंकि हमारी सरलता ने और शातिर लोगों क...

देश ने खोया दूरदर्शी नेता और अद्वितीय अर्थशास्त्री – डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि

  🔴 देश ने खोया दूरदर्शी नेता और अद्वितीय अर्थशास्त्री – डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि "मैं इस बड़ी कुर्सी के लिए छोटा आदमी हूं।" ये विनम्र शब्द डॉ. मनमोहन सिंह जी की सादगी और महानता को दर्शाते हैं। भारत के आर्थिक सुधारों के नायक, उदारीकरण के पितामह, और जनकल्याणकारी योजनाओं के सर्जक डॉ. सिंह ने 92 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। 👉 उनकी अमूल्य उपलब्धियां: 1️⃣ 1991 का आर्थिक सुधार: लाइसेंस राज खत्म कर भारत को वैश्विक बाजार में खोला। 2️⃣ मनरेगा (2005): ग्रामीणों को रोजगार का अधिकार दिया। 3️⃣ सूचना का अधिकार (RTI): जनता को सरकारी सूचना पाने का अधिकार। 4️⃣ परमाणु करार (2006): भारत को एक परमाणु शक्ति के रूप में मान्यता दिलाई। 5️⃣ आधार (2009): हर नागरिक को एक डिजिटल पहचान दी। 6️⃣ शिक्षा का अधिकार (RTE): बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान। 🕊️ दुनिया में भारत की आवाज़: बराक ओबामा ने कहा था, "जब मनमोहन बोलते हैं, तो दुनिया सुनती है।" उन्होंने भारत को आर्थिक और वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित किया। 📜 देश का मन मौन: डॉ. सिंह को राजकीय सम्मान के साथ विदाई...

हिंदू संगठन ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन कर हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग की थी

  जिन हिंदू , हिंदू संगठन ने धर्म  के आधार पर देश का विभाजन कर हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग की थी,  उन्हें आज भी  वर्तमान राजनीति में अपराध  बोध कराया जाता है , जबकि वो अपने उद्देश्य में असफल रह गए . इसके विपरीत भारत का विभाजन कर ,  इस्लामिक राष्ट्र पकिस्तान बनाने के लिए , मुस्लिम लीग को  समर्थन कर , इस्लामिक राष्ट्र बनाने में सफल हुए और वो पाकिस्तान ना जाकर भारत में ही रह गए  ! ऐसे लोग समूह  को कोई ना तो अपराध बोध है , ना ही कोई इन्हें अपराध बोध कराने की कोशिश की है !  उल्टे कांग्रेस ने , इस समूह का लगातार धार्मिक तुष्टिकरण अपना स्थाई वोट बैंक बना लिया !  इस मुस्लिम सांप्रदायिक राजनिति, करने वाले अशराफ वर्ग के सामने, आज भी हम ओबीसी की देश में कोई हैसियत नहीं है .  हम सिस्टम के बाहर मुगलिया सल्तनत में भी थे , ब्रिटिश पीरियड में भी थे और आज भी है . फर्जी राष्ट्रवाद के विरोध में , फर्जी  सेकुलरिज्म का बोझ नहीं उठाया जाएगा  ! मुगलिया सल्तनत में स्थापित ब्राह्मण, अशराफ़ सत्ता शेयरिंग eco system का फर्जी सेकुलरिज्म की धज्जी...

मृत्यु भोज बंद होना चाहिए

  *मृत्यु भोज बंद होना चाहिए*।  ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। मृतक भोज बंद होने की मांग एक महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक मुद्दा है। यह परंपरा, जो कई समुदायों में प्रचलित है, अक्सर आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों पर भारी बोझ डालती है। ऐसे समय में, जब परिवार को भावनात्मक और मानसिक समर्थन की आवश्यकता होती है, मृतक भोज जैसी  कुप्रथाएं उन्हें अनावश्यक तनाव और वित्तीय कठिनाइयों में डाल देती हैं। इस विषय पर जागरूकता फैलाने और बदलाव लाने के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं:  1. जागरूकता अभियान: स्थानीय स्तर पर समाज में जागरूकता फैलाने के लिए बैठकें और चर्चा आयोजित करें। 2. सामूहिक निर्णय: गांवों, कस्बों, और समुदायों के बड़े-बुजुर्ग मिलकर इस परंपरा को बंद करने के लिए सामूहिक निर्णय लें। 3. सरकारी हस्तक्षेप: सरकार या प्रशासन ऐसी प्रथाओं को रोकने के लिए नियम और दिशा-निर्देश जारी कर सकती है। 4. सामाजिक समर्थन: समुदाय को इस बात पर जोर देना चाहिए कि शोक के समय में मृतक भोज की जगह भावनात्मक सहानुभूति और समर्थन अधिक महत्वपूर्ण है। 5. उदाहरण प्रस्तुत करना: जिन परिवारों ने यह परंपरा बंद की है, ...

गढ़ी माई के मंदिर मा हिन्दू,

  गढ़ी माई के मंदिर मा हिन्दू, लाखों पसु के बलि चघाथें। वैदिक विधि-विधान के सेती, खून के नदिया उहां बोहाथे।। बड़े-बड़े सब धरम गुरु मन, धरम के काम ऐला बताथें। लबरा मन हा ये सच्चाई ला, यहां छुपाए ऊपर छुपाते।। *लक्ष्मी नारायण कुम्भकार "सचेत"* दुर्ग (छ०ग०)

मृत्यु भोज के स्थान पर श्रद्धांजलि सभा

  मृत्यु भोज के स्थान पर श्रद्धांजलि सभा  ---------------------------------------- श्री कैलाश कुशवाहा के सुपुत्र व करन कुशवाहा के बड़े भाई सौरभ कुशवाहा का आकस्मिक निधन दिनांक 18/12/2024  बुधवार को हो गया है जिसमें उनकी आत्मशंति हेतु परिवार वालों द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन दिनांक 30/ 12/ 2024 सोमवार को दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक रिशाला मंदिर के सामने आजादपुरा ललितपुर में किया जा रहा है अतः आप सभी समय से पहुँच कर शोकाकुल परिवार को सम्बल प्रदान कर कार्यक्रम को सफल बनायें l संपर्क -7860203440 : *भोज विहिन श्रद्धांजलि सभा* *सम्पन्न*  जक्खिनी, वाराणसी; आज दिनांक 25 दिसम्बर 2024 को आराजीलाइन ब्लाक के ग्राम सभा मरूई में सपा के पूर्व प्रदेश सचिव श्री राम सिंह यादव के माताजी श्रीमती कलावती देवी के मृत्युपरान्त  उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा करने और सम्मान प्रकट करने के लिए एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। मंच से मृत्यु भोज को समाप्त करने की आवाज उठाई गई जिसको उपस्थित जनों में सर्वसम्मति से पारित किया। सभा में पूर्व मंत्री श्री सुरेंद्र सिंह पटेल, सपा मिर्जापुर के प...

शूद्र शिवशंकर - उनके कार्य के मुख्य पहलू:

  शूद्र शिवशंकर सिंह यादव एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और "गर्व से कहो हम शूद्र हैं" आंदोलन के संस्थापक हैं। वह शूद्र समुदाय में एक प्रमुख व्यक्ति हैं, जो उनके अधिकारों, गरिमा और सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहे हैं। उनके कार्य के मुख्य पहलू: १. _सामाजिक सक्रियता_: सामाजिक असमानता, जातिवाद और भेदभाव के खिलाफ लड़ाई। २. _शूद्र सशक्तिकरण_: शूद्र समुदाय में एकता, स्वाभिमान और गर्व को बढ़ावा देना। ३. _साहित्यिक योगदान_: सामाजिक मुद्दों, शूद्र इतिहास और संस्कृति पर पुस्तकें और लेख लिखना। ४. _आंदोलन नेतृत्व_: "गर्व से कहो हम शूद्र हैं" आंदोलन का नेतृत्व करना, जिसका उद्देश्य सामाजिक परिवर्तन और समानता लाना है। शिवशंकर सिंह यादव का कार्य मौजूदा सामाजिक पदानुक्रम को चुनौती देने और एक अधिक समावेशी और समानता वाला समाज बनाने पर केंद्रित है। वह शूद्र समुदाय के अधिकारों और गरिमा के लिए एक मजबूत वकील हैं, और उनके आंदोलन ने पूरे भारत में महत्वपूर्ण ध्यान और समर्थन प्राप्त किया है। Shudra Shivshankar Singh Yadav is a social activist and the founder of the "Garv Se Kaho Hum Shudra Hain...

चोटीवाला की कलम से - रीवा/गुढ़

  *ब्रेकिंग न्यूज रीवा/गुढ़🔥* *28/12/024* *धरे रह गए कलेक्टर के आदेश, व्यवस्था की खुली पोल, बारिश में भीगी हजारों क्विंटल धान* *अगर हल्की बारिश होती तो खरीदी प्रभारी को होता  फायदा आज अगर इससे तेज बारिश हुई तो सरकार को लगेगा लंबा चुना* *कलेक्टर मैडम को चाहिए कि इन पर करें कड़ी से कड़ी कार्यवाही*  किसानों के खून पसीने की कमाई किस तरह से जिला प्रशासन और जिम्मेदार विभागों की लापरवाही से बर्बाद होती है इसका जीवंत उदाहरण आज रीवा जिले के खरीदी केन्द्रों में देखने को मिला रहा है। रीवा जिले के साथ साथ गुढ़ में भी हो रही सुबह से बारिश ने धान खरीदी केंद्रों में की जाने वाली व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। हद तो तब हो गई कि 2 दिन पहले कलेक्टर ने दो टूक कहा था कि, यदि बारिश से धान खराब होती है तो आप लोग जिम्मेदार होंगे और व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे, लेकिन 2 दिनों तक खाद्य विभाग, नागरिक आपूर्ति निगम सहित समितियां वा केंद्र प्रभारी   बने रहे और आज जब बारिश हुई तो खुलकर बेपरवाही सामने आई। धान खरीदी केंद्रों में हजारों क्विंटल धान पानी में भीग कर बर्बाद हो रही है। धान खर...

ब्राह्यण धर्म के अनुसार स्त्री शूद्र है

  ब्राह्यण धर्म के अनुसार स्त्री शूद्र है और  शिक्षा ,सम्पत्ति का अधिकार नहीं है यानि कि अधिकार वंचित है किसी ना किसी पर निर्भर है दुनिया में निर्भरता ही गुलामी है इसका मतलब गुलाम है तो जो लोग स्त्रियों को शिक्षा से रोकते हैं ,वही लोग स्त्रियों के श्रंगार को बढावा देते हैं उसके गुणगान करते हैं माता कहकर बुलाते हैं और माता आत्मनिर्भर नहीं है स्त्री को बचपन में पिता,पत्नी के रूप में पति और बुढापे में पुत्र की गुलाम बनाकर ब्राह्मण धर्म ने रखा है। इसके पीछे बहुत गहरा गूढ षड़यंत्र है इसके पिछे उनका क्या मकसद है ? एक आत्मनिर्भर शिक्षित महिला आत्मनिर्भर स्वाभिमानी संतान पैदा करती है और स्वाभिमानी लोग आसानी से गुलाम नहीं बनाए जा सकते हैं परंतु अगर निर्भर, सांस्कृतिक, मानसिक गुलामी स्त्रियों पर लाद दी जाती है तो बहन/बेटी/बहू/महिलाएं/स्त्रियां दिनभर अपने श्रंगार मे डुबी रहेगी, निर्भर गुलाम बनी रहेगीे और अपने हक अधिकारों के लिए संघर्ष नहीं करेगी सांस्कृतिक गुलामी क्या है ? उसके सामने उसकी नाबालिग बेटी कि शादी करवा सकते हैं ।उसकी जवान विधवा बेटी के पूनः शादी को रोक सकते हैं।उसके सामने और ष...