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नवंबर, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अतुल भोसेकर ने नासिक की बौद्ध गुफाओं पर अंग्रेजी में एक बेहतरीन पुस्तक लिखी है

        आज के दिन नाशिक की बौद्ध गुफाओं को देखने गया। नाशिक की बौद्ध गुफाओं के विशेषज्ञ अतुल भोसेकर साथ में थे। अतुल भोसेकर ने नासिक की बौद्ध गुफाओं पर अंग्रेजी में एक बेहतरीन पुस्तक लिखी है। बौद्ध गुफाओं को विकृत करने का कार्य सैकड़ों साल से चल रहा है। पहली तस्वीर गुफा सं. 3 की है। आप तस्वीर में पूरा स्तूप का शैल - चित्र देख सकते हैं। दूसरी तस्वीर गुफा सं. 10 की है। आप तस्वीर में स्तूप की सिर्फ हर्मिका का शैल - चित्र देख सकते हैं। आज से कोई 850 साल पहले किसी ने हथौड़े और छैनी का प्रयोग कर स्तूप की हर्मिका के निचले हिस्से को मिटाकर किसी भैरव की मूर्ति उत्कीर्ण कर दी है। मगर स्तूप का ऊपरी हिस्सा अभी बरकरार है। आप इसे तस्वीर दो में देख सकते हैं। आप तस्वीर दो में यह भी देख सकते हैं कि स्तूप मिटाकर उस पर भैरव की मूर्ति उत्कीर्ण करने में छेद हो गया है। बौद्ध निशानियों को मिटाने का कार्य सैकड़ों साल से बड़ी निर्ममता पूर्वक किया गया है।     बौद्ध गुफा हैं लेकिन नाम रख दिया घटोत्कच गुफा...लेकिन ये बौद्ध गुफाएं हैं जो भारत के जिंजला गाँव के पास हैं, अजन्ता के पश्चिम...

अतुल भोसेकर ने नासिक की बौद्ध गुफाओं पर अंग्रेजी में एक बेहतरीन पुस्तक लिखी है

        आज के दिन नाशिक की बौद्ध गुफाओं को देखने गया। नाशिक की बौद्ध गुफाओं के विशेषज्ञ अतुल भोसेकर साथ में थे। अतुल भोसेकर ने नासिक की बौद्ध गुफाओं पर अंग्रेजी में एक बेहतरीन पुस्तक लिखी है। बौद्ध गुफाओं को विकृत करने का कार्य सैकड़ों साल से चल रहा है। पहली तस्वीर गुफा सं. 3 की है। आप तस्वीर में पूरा स्तूप का शैल - चित्र देख सकते हैं। दूसरी तस्वीर गुफा सं. 10 की है। आप तस्वीर में स्तूप की सिर्फ हर्मिका का शैल - चित्र देख सकते हैं। आज से कोई 850 साल पहले किसी ने हथौड़े और छैनी का प्रयोग कर स्तूप की हर्मिका के निचले हिस्से को मिटाकर किसी भैरव की मूर्ति उत्कीर्ण कर दी है। मगर स्तूप का ऊपरी हिस्सा अभी बरकरार है। आप इसे तस्वीर दो में देख सकते हैं। आप तस्वीर दो में यह भी देख सकते हैं कि स्तूप मिटाकर उस पर भैरव की मूर्ति उत्कीर्ण करने में छेद हो गया है। बौद्ध निशानियों को मिटाने का कार्य सैकड़ों साल से बड़ी निर्ममता पूर्वक किया गया है।     बौद्ध गुफा हैं लेकिन नाम रख दिया घटोत्कच गुफा...लेकिन ये बौद्ध गुफाएं हैं जो भारत के जिंजला गाँव के पास हैं, अजन्ता के पश्चिम...

ब्राहमण और हममे में क्या अंतर

        *ब्राहमण और हममे में क्या अंतर ?*  +++++++++++++++++++++ वो धन के लिए लड़ता है , हम धर्म के लिए लडते हैं । वो संसद की तरफ दौडता है , हम तीर्थ स्थल की तरफ दौडते हैं । वो अपने बच्चो को कॉलेज भेजता है , हम मंदिर व कांवड़ लेने भेजते हैं । वो कथा भागवत करता है , हम कथा भागवत कराते हैं । वो हम से दान दक्षिणा लेता है , हम उसको दान दक्षिणा देते हैं । वो हमको झूठा आशीर्वाद देता है , हम उसके पैरों में पड़़ जाते हैं । वो हमको गुलाम बनाता है , हम उसके गुलाम बन जाते हैं । वो हमें मुसलमानों के प्रति भडकाता है , हम सब भडक जाते हैं । वो हमको बर्बाद करना चाहता है , हम उसको आबाद करना चाहते हैं । वो हमसे हमेशा ईर्ष्या रखता है , हम उससे हमेशा अनुराग रखते हैं । वो अपने घर में कभी सत्यनारायण की पूजा नहीं करता है , हम से हमेशा करवाता है । वो हमेशा सब की कुंडली बनाता है , पर अपनी कुंडली किसी से नहीं बनवाता । उसकी नजर पैसों पर रहती है , हमारी नजर कर्मकांडों पर रहती है। उसका अधिकार सभी मठ मंदिरों पर है,  हमारा अधिकार किसी मठ मंदिर पर नहीं । वो हर समय धन दौलत में खेलता है , हम...

इंदौर शहर के भाजपा के सांसद श्री शंकर जी लालवानी ने मिलना भी मुनासिब नहीं समझा इंदौर की जनता से

      इंदौर शहर के भाजपा के सांसद श्री शंकर जी लालवानी से मिलने आज शहर कांग्रेस के सभी पदाधिकारी नेता गण मिलने पहुंचे उन्होंने मिलना भी मुनासिब नहीं समझा इंदौर की जनता ने उन्हें भरपूर प्यार दिया है लाखों मतों से जिता कर लोकसभा में पहुंचाया है और फिर भी मध्य प्रदेश की जनता के साथ धोखा करते हैं मुझे लगता है गुमशुदगी दर्ज करवानी पड़ेगी🙏 इन्हीं सब बातों को लेकर आज इंदौर शहर कांग्रेस (उपाध्यक्ष )मोहन जी sengar द्वारा पत्रकार से पूछे गए सवालों के जवाब दिए🇮🇳🙏

प्रियंका रेड्डी -- मन में सिहरन उठ रही है

        #प्रियंका रेड्डी तुम मेरी हमनाम थीं। आज जब लोग तुम्हारे लिए #RIPPriyanka #StandWithPriyanka लिख रहे हैं, तो मन में सिहरन उठ रही है। भरी भीड़ में भी जब किसी को 'प्रियंका' कहते हुए सुनती हूँ तो बरबस ही उस तरफ देखने लगती हूँ, 'प्रियंका' लिखा हुया पढ़ती हूँ..तो लगता है मेरे लिए लिखा गया है। आज सोचने पर मजबूर हूं और पूरी गंभीरता के साथ कह रही हूं कि.. प्रियंका तुम जिस हैवानियत का शिकार हुई ..उसके लिए तुम्हारा/हमारा परिवार, समाज, परवरिश, सोच, जीवनशैली, संस्कार, भीरूता सब जिम्मेदार हैं। तुमने भी बचपन से यही सुना होगा ना कि अच्छे से पढ़ो नहीं तो अच्छा कैरियर नहीं बनेगा। उछलो-कूदो कम, ये अच्छे बच्चों की निशानी नहीं है। धीरे बात करना सीखो, तुम्हें दूसरे के घर जाना है। सलीके से बैठना, मुस्कराना, अभिवादन करना सीखो क्योंकि तुम एक सभ्य/पढ़े-लिखे परिवार से हो। हमें भी यही सिखाया गया है। लेकिन कभी तुम्हारे माता-पिता ने यह नहीं कहा होगा कि आत्मरक्षा करना सीखो, क्योंकि कुछ बनने के लिए या कुछ बन जाने के बाद सुरक्षित और जीवित रहना भी जरूरी है। कभी तुम्हें यह नहीं कहा गया होगा कि मजब...

वो थे इसलिए आज हम हैं

             *28,नवंबर,1890*    *वो थे इसलिए आज हम हैं !*        इतिहास के पन्नों से     *— भारत के शोषितों वंचितों पिछड़ों,बहुजन क्रांति के  ध्वजवाहक,भारत में सामाजिक क्रांति के पितामह Father of the Indian Social Revolution,मानवता के प्रचारक महिलाओं में शिक्षा अलख जगाने वाले सामाजिक,शैक्षणिक क्रांति के पुरोधा राष्ट्रपिता,बहुजन नायक,शिक्षा के अग्रदूत राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिवाराव फुले जी के परिनिर्वाण दिवस पर शत्-शत् नमन एंव विनम्र श्रद्धांजलि —* — जब जरूरत थी चमन को तो लहू हमने दिया,अब बहार आई तो कहते हैं तेरा काम नहीं —         *— राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबा फुले जी (Jyotirao Govindrao Phule ) ऐसे योद्धा,महामानव का नाम है,जिन्होंने शोषण के विरुद्ध आवाज बुलंद की उपेक्षितों को उनका हक दिलाने के लिए जीवन समर्पित कर दिया —*      — राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबा फुले ने अपना पूरा जीवन समाज में वंचित तबके खासकर स्त्री और दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष में बीता दिया — *— पोस्...

 प्याज के आसमान छूते 100 रू किलो के दाम।

       ऐसा लगता है कि प्याज की महंगाई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के रिटेल स्टोरों को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से सुनियोजित तरीके से बढ़ाए जा रहे हैं एक तरफ तो खाद्य मंत्री अपने बयान में बोल रहे हैं कि सरकार के पास 56000 मीट्रिक टन प्याज बफर स्टॉक में मौजूद है  और दूसरी तरफ बयान दे रहे है कि महंगाई तो पूरे विश्व में बढ़ रही है इससे स्पष्ट है भारत का खुदरा बाजार खासकर दैनिक खाद्य वस्तुओं का  उत्पादन भारत में ही होता है भारत के ही उपभोक्ता हैं उनके बीच में बहुराष्ट्रीय कंपनियों का खुदरा बाजार शुद्घ व्यापार लाभ का काम करता है जिसमें पूरा संरक्षण भारत सरकार का होता है खाद्य वस्तुओं खासकर सब्जियों और फलों से संबंधित वस्तुएं इसका साक्षात प्रमाण है विश्व स्तरीय कारोबार बहुराष्ट्रीय कंपनियों के रिटेल स्टोर करते हैं भारत का कोई भी छोटा मध्यम किसान ,दुकानदार गांव, शहर शहर , कस्बों की गलियों में घूम घूम कर और बहुत ज्यादा हुआ तो नजदीकी सब्जी मंडी में जाकर ही अपना सब्जी फल बेचने का काम करता है उसे तो पता ही नहीं होता कि मॉल में व्यापार कैसे होता है इससे स्पष्ट है कि सरकार देश क...

जूते की अभिलाषा

    *"जूते की अभिलाषा"* चाह नहीं मैं विश्व सुंदरी के पग में पहना जाऊँ। चाह नहीं दूल्हे के पग में रह, साली को ललचाऊँ। चाह नहीं धनिकों के चरणों में, हे हरि डाला जाऊँ। चाह नहीं कालीन पे घूमूं,भाग्य पर मैं इठलाऊँ। *बस निकाल कर मुझे पैर से, उस मुँह पर देना तुम फैंक।* *जिस मुँह से भी निकल रहे हों, सविधान विरोधी शब्द अनेक !! ....* 🙏🙏🙏🙏🙏 जयभीम जयभारत 🌹🌹🌹🌹🌹 जयभीम जयसंविधान 🙏🙏🙏🙏🙏

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए

      आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी, शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए। हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में, हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए। सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए। मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए

महात्मा ज्योतिबा फुले (ज्योतिराव गोविंदराव फुले)

    हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए। आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी, शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए। हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में, हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए। सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए। मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए नाम : महात्मा जोतिराव गोविंदराव फुले जन्म : ११ अप्रैल १८२७ पुणे पिता : गोविंदराव फुले माता : विमला बाई विवाह : सावित्रीबाई फुले         महात्मा ज्योतिबा फुले (ज्योतिराव गोविंदराव फुले) को 19वी. सदी का प्रमुख समाज सेवक माना जाता है. उन्होंने भारतीय समाज में फैली अनेक कुरूतियों को दूर करने के लिए सतत संघर्ष किया. अछुतोद्वार, नारी-शिक्षा, विधवा – विवाह और किसानो के हित के लिए ज्योतिबा ने उल्लेखनीय कार्य किया है. आरंभिक जीवन :         उनका जन्म 11 अप्रैल  1827  को सतारा महाराष्ट्र , में हुआ था. उनका परिवार बेहद गरीब था औ...

मुझे मत निहारो

  मुझे मत निहारो, उजाले में लाकर, सियासत हूँ मैं, कपड़े नहीं पहनती।

प्रकृति की ओर

        सोनाली बेंद्रे - कैंसर अजय देवगन - लिट्राल अपिकोंडिलितिस  (कंधे की गंभीर बीमारी) इरफान खान - कैंसर मनीषा कोइराला - कैंसर युवराज सिंह - कैंसर सैफ अली खान - हृदय घात रितिक रोशन - ब्रेन क्लोट अनुराग बासु - खून का कैंसर मुमताज - ब्रेस्ट कैंसर शाहरुख खान - 8 सर्जरी  (घुटना, कोहनी, कंधा आदि) ताहिरा कश्यप (आयुष्मान खुराना की पत्नी) - कैंसर राकेश रोशन - गले का कैंसर लीसा राय - कैंसर राजेश खन्ना - कैंसर, विनोद खन्ना - कैंसर नरगिस - कैंसर फिरोज खान - कैंसर टोम अल्टर - कैंसर... ये वो लोग हैं या थे-  जिनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है/थी! खाना हमेशा डाइटीशियन की सलाह से खाते है। दूध भी ऐसी गाय या भैंस का पीते हैं  जो AC में रहती है और बिसलेरी का पानी पीती है। जिम भी जाते है।  रेगुलर शरीर के सारे टेस्ट करवाते है।  सबके पास अपने हाई क्वालिफाइड डॉक्टर है। अब सवाल उठता है कि आखिर  अपने शरीर की इतनी देखभाल के बावजूद भी इन्हें इतनी गंभीर बीमारी अचानक कैसे हो गई। क्योंकि ये प्राक्रतिक चीजों का इस्तेमाल  बहुत कम करते है।  या मान लो बिल...

चंद्रगुप्त का पिता धनंनन्द भी बौद्ध राजा  

    आपने आज तक यह पढ़ा होगा कि चाणक्य ने चंद्रगुप्त नाम के एक दासी पुत्र को सम्राट बना दिया था ,ब्रह्मणिक ग्रन्थो के अनुसार मुरा नाम की दासी से उत्पन्न चंद्रगुप्त को ब्राह्मण चाणक्य ने नंदवंश को नष्ट  करने के लिए तैयार किया और अंत में नंदवंश की समाप्ति के बाद मगध की गद्दी पर बैठाया । किन्तु, सिंहल ग्रन्थो के अनुसार बिम्बिसार ( 567- 551 ईसापूर्व) मगध का प्रथम ऐतिहासिक शासक था जो बौद्ध था ,उसके बाद उसका उत्तराधिकारी  अजातशत्रु हुआ फिर उदई , शिशुनाग ,काकवरणा, महापद्यनंद , धननंद उत्तराधिकारी बने । धनंनन्द का पुत्र हुआ था चंदगुप्त जिसके बारे में भ्रंति फैलाई गई की उसे चाणक्य(कौटिल्य) ने सिंहासन पर बैठाया। चंदगुप्त से पहले महापद्यनंद ( 363-341 ईसापूर्व) के समय के  पाटलिपुत्र में पांच बौद्ध स्तूप थे जिसका जिक्र चीनी यात्री ह्वेनसांग ने जिक्र किया है , अर्थात महापद्यनंद बौद्ध था और पाटलिपुत्र में उसने पांच बौद्ध स्तूपो का निर्माण करवाया था। चंद्रगुप्त का पिता धनंनन्द भी बौद्ध राजा  ही था ,फिर चन्र्दगुप्त कैसे दासी पुत्र हुआ ? चंद्रगुप्त को अपने पिता की विशाल सेना मि...

पेरियार_बनना_आसान_नही

        *#पेरियार_बनना_आसान_नही..* ************************* ⚡ *पेरियार नायकर जी ने पत्नी का ह्रदय परिवर्तन किया !*💫              तमिलनाडू के क्रांतीकारी महामानव *पेरियार रामास्वामी नायकर* का विवाह होने के पश्चात जब उनकी पत्नी *नागम्मई* दुल्हन बनकर ससुराल आई, तो उन के सामने दो संस्कृतियों का संगम था ! *अन्धविश्वास की सौगात उन्हे नैहर और ससुराल में विरासत के रुप में मिली थी.*              *👱‍♀ अपने पति का धर्म के प्रति चिंतन ने उन्हें भी सोचने पर बाध्य कर दिया । वे दो पाटो में पिसी जा रही थी ।*  👉 दशहरा जैसे जुलूशों पर जब भारत की जनता ताजियों की तरह *रावण* के पुतले हिन्दू धर्म के अनुसार दफनाते या जलाते थे तो पेरियार म का पुतला जलाते थे ।               *🤦🏻‍♀ माता नागम्मई को प्रारम्भ में यह देखकर बहुत बुरा लगता था पर पेरियार जब अपनी पत्नी को समझाते कि अगर...* ➡ *हम तुम्हे गर्भावस्था में जंगल में छोड़ दे तो क्या तुम फिर भी हमारी ही पूजा करोगी ?*  ➡ ...

वो थे इसलिए आज हम है

                  *29,नवंबर,1857*         *वो थे इसलिए आज हम है!*              इतिहास के पन्नों से  *— 1857 की जंगे आजादी के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी,प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के सूत्रधार अमर शहीद मातादीन भंगी जी की जंयती की हार्दिक बधाईयां एवं शत्-शत् नमन —*           — जीना है स्वाभिमान से संघर्ष तो करना होगा जैसे निकलते हैं काम पर,वैसे ही निकलना होगा मैदान में —          *— जब जरूरत थी चमन को तो लहू हमने दिया,अब बहार आई तो कहते हैं तेरा काम नहीं —* — भारतवर्ष के स्वतंत्रता संग्राम के बहुजन नायक,एक सलाम गुमनाम बहुजन योद्धाओ के नाम क्रांतिकारी अमर शहीद मातादीन भंगी की बारे में आपको बमुश्किल पढ़ने मिलेगा। 1857 की क्रांति के बीज रोपने वाला कोई और व्यक्ति नहीं बल्कि मातादीन भंगी ही थे — *— पोस्ट को विस्तार से पढ़ने के लिए साथ में शेयर की गई पीडिएफ फाइल का अवलोकन करें —* — साथियों 8 अप्रैल 1857 को पहली फाँसी मातादीन भंगी को हुई, उसके बाद मं...

भाजपा 29 में से केवल 10 राज्य में ही स्पष्ट बहुमत में है

    *भाजपा 29 में से केवल 10 राज्य में ही स्पष्ट बहुमत में है।* *दूसरी ओर भाजपा के पास-* सिक्किम में 0 सीटें मिजोरम में 0 सीटें तमिलनाडु में 0 सीटें हैं। *बीजेपी के पास-* आंध्र मे 175 में से 4 केरल में 140 में से 1 पंजाब में 117 में से 3 प. बंगाल में 294 में से 3 तेलंगाना में 119 में से 5 दिल्ली में 70 में से 3 उड़ीसा में 147 में से 10 नागालैंड में 60 में से 12 *सीटें ही हैं।* *जिन राज्यों में बीजेपी गठबंधन की सरकार है, वहाँ बीजेपी की सीट की स्थिति-* मेघालय में 60 में से 2 बिहार में 243 में से 53 जेएंडके में 87 में से 25 गोवा में 40 में से 13 सीटें। *पूरे देश में कुल 4139 विधानसभा सीटों में से भाजपा के पास 1516 सीटें हैं जिनमें से 950 सीटें 6 राज्यों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, यूपी, एमपी, राजस्थान से ही है।* *मतलब साफ़ है...बीजेपी की कोई लहर या आँधी नहीं है, आज भी देश की 66% सीटों में बीजेपी को हार मिली है।*🇮🇳🇮🇳🇮🇳

OBC - ओबीसी को 52 प्रतिशत अधिकार के लिए भी क्या कभी किसी का गुस्सा उबाल पर आयेगा

      *भारत में दलितों पर हो रहे हमलोंऔर ओबीसी को 52 प्रतिशत अधिकार के लिए भी क्या कभी किसी का गुस्सा उबाल पर आयेगा ?* """""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""   *26 नवम्बर संविधान दिवस* 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में मारे गए 44 CRPF जवानों का दोषी पाकिस्तान  को ठहराया गया है एवं केवल दोषी ही नहीं ठहराया गया है बल्कि पाकिस्तान से बदला लेने के लिए उस पर हमला भी कर दिया गया है और कहा जा रहा है कि देश के लोग गुस्से से उबल रहे हैं इसलिए पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिया जाना जरूरी है।  हम सरकार के इस कदम की  सराहना करते हैं,एवं पूरी तरह से सरकार के साथ खड़े हुए हैं,लेकिन हम *संविधान दिवस* के अवसर पर केंद्र सरकार का ध्यान इस ओर भी दिलाना चाहते हैं कि हमारे ...

सिख कौन है

    सिख कौन है ????? सिख वो है जो सिर्फ श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के आदर्शों पर चलकर अपनी जिंदगी बतीत करे और मानवता को ही असल धर्म समझे  सिखों के भगवान कौन है ???? सिख एक सचे भगवान को मानते है जिसका कोई रूप रंग आकार नही है  जो जन्म मरण से परे है जो न किसी से नफरत करता है ना किसी से डरता है वो एक है बस एक उसके जैसा  कोई नही । क्या सिख धर्म हिन्दू  धर्म का ही अंग है ??? नही । सिख धर्म हिन्दू धर्म या किसी भी धर्म का हिस्सा नही है या अंग नही है ।।। सिख धर्म गुरू नानक देव जी के द्वारा चलाया गया और उसे बाकी के गुरूओं ने उसको उसकी चरम सीमा तक पहुंचाया अंत गुरु गोविंद सिंघ जी ने सीखो को अमृत शक्का कर खालसा बनाया । क्या सिख किसी देवी देवता एवं  अवतार मैं विश्वास करते है या उनको पूजते है या पूज सकते है ??????? नही । सिख किसी देवी देवता या अवतार मै विश्वास नही करते । न उनको पूजते है न ही पूज सकते है  इसका कारण है गुरु का उपदेश गुरु का हुक्म गुरु का फ़रमान गुरु की वाणी जो सिखाती है ईश्वर एक है जिसका कोई रूप रंग आकार नही है जो समय से प्रेह है जो न मरता है न जन्...

जियो के ग्राहकों को दूसरे नेटवर्क पर कॉल के लिए देना होगा चार्ज

      *जियो के ग्राहकों को दूसरे नेटवर्क पर कॉल के लिए देना होगा चार्ज*  रिलायंय जियो ने एक बड़ा कदम उठाया है, जिसके बाद ग्राहकों को अन्य नेटवर्क पर कॉल करने के लिए पैसे अदा करने होंगे। अब तक जियो फ्री कॉलिंग सेवा प्रदान कर रही थी, लेकिन आईयूसी व्यवस्था पर ट्राई के रिव्यू फैसले के बाद जियो ने 6 पैसे प्रति मिनट का चार्ज लगाने का फैसला किया है। जियो ने इस मामले में बताया कि चूंकि जियो नेटवर्क पर वॉइस कॉलिंग फ्री है, जिसके कारण कंपनी को भारती एयरटेल और वाडोफोन आइडिया जैसी प्रतिद्वंदी कंपनियों को 13,500 करोड़ रुपए अदा करने पड़ रहे हैं। कंपनी का कहना है कि ट्राई के इस कदम के कारण जियो को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए कंपनी प्रतिद्वंदी नेटवर्क्स पर कॉल करने वाले ग्राहकों को चार्ज लगाने का फैसला किया है। ये पहला मौका है जब जियो ने ग्राहकों को फ्री कॉलिंग के बजाय पैसे अदा करने की बात कही है। फिलहाल कंपनी सिर्फ डेटा के लिए चार्ज करती है और वॉइस कॉलिंग फ्री है।  जियो ने ग्राहकों पर आने वाले अतिरिक्त बोझ के बदलने डेटा लाभ देने का फैसला किया है। कंपनी चार टॉप अप प्लान की...

तथागत गौतम बुद्ध के कुछ अनमोल विचार

      *तथागत गौतम बुद्ध के कुछ अनमोल विचार* शेयर के लिए बधाई।। बुद्धप्रिय नवनीत।। 👉 इस ब्रह्मांड को चलानेवाला कोई नहीं है और न ही कोई बनाने वाला या खत्म करने वाला है। 👉 न तो ईश्वर है और न ही आत्मा। 👉 जिसे लोग आत्मा समझते हैं, वह चेतना का प्रवाह है,  यह प्रवाह कभी भी रुक सकता है। 👉 भगवान और भाग्यवाद कोरी कल्पना है, जो हमें जिंदगी की सचाई और असलियत से अलग कर दूसरे पर निर्भर बनाती है। 👉 पांचों इंद्रियों की मदद से जो  जानकारी, अनुभूति मिलता है,  उसी को बुद्धि मान लिया जाता है। असल में बुद्धि ही जानती है कि क्या है और क्या नहीं। बुद्धि से ही यह समस्त संसार प्रकाशवान है। 👉 न यज्ञ से कुछ होता है और न ही धार्मिक किताबों को पढ़ने मात्र से.. धर्म की किताबों को, गलती से मुक्त मानना ना समझी है !   👉 पूजा-पाठ से पाप नहीं धुलते..  👉 जैसा मैं हूं, वैसे ही दूसरा प्राणी है जैसे दूसरा प्राणी है, वैसा ही मैं हूँ, इसलिए न किसी को मारो, न मारने की इजाजत दो..!  👉 किसी बात को इसलिए मत मानिये कि दूसरों ने ऐसा कहा है या यह रीति-रिवाज है या बुजुर्ग ऐसा कहते ह...

शुद्रों ( ST, SC & OBC ) को हराने के लिए अलग अलग व्यक्तियों की क्या राय रही...जरुर पढ़े।

      शुद्रों को हराने के लिए अलग अलग व्यक्तियों की क्या राय रही...जरुर पढ़े। (1) देवकी नन्दन ठाकूर:- ✍ शुद्रों को दोस्ती करके हराया जा सकता है लेकिन लड़कर नही। (2) मोहन भागवत:- ✍ जंग मे उतर जाने के बाद शुद्रों को रोकना ,शेर के मुँह में हाथ देने जैसा है। (3) संभाजी भिड़े:- ✍ अगर शुद्रों से *जीतना* है तो उन्हे आपस में लड़ा दो। #RSS की किताब *बंच ऑफ थाट्स* यही बोल रही है 👉 शुद्रों के घरों के पास में शराब की दुकाने खोल दो ताकी ये नशे में होकर आपस में लड़कर मर जाएं। 👉 शुद्रों के मोहल्ले में मन्दिर बनवा दो ताकि ये पाखण्डवाद के दलदल मे उलझे रहें  इसलिए इन बातों को ध्यान में रखते हुए आपस में न झगड़े और सभी SC ST OBC शुद्र समाज सदैव आपस में एकता बनाएं रखें, जब कि हम भारत के मूलनिवासी हैै।  #एक_बनों_नेक_बनों #जय_भारत।।

सभी देशवासियों को भारतीय संविधान दिवस की हार्दिक शुभेच्छा एंव मंगलकामनाएं     — सत्यमेव जयते

               *26,नवंबर,1949*     *वो थे इसलिए आज हम हैं*          इतिहास के पन्नों से     *— सभी देशवासियों को भारतीय संविधान दिवस की हार्दिक शुभेच्छा एंव मंगलकामनाएं –*               — सत्यमेव जयते —   *—सामाजिक क्रान्ति का दस्तावेज है भारतीय संविधान—* —पोस्ट को विस्तार से पढ़ने के लिए साथ में शेयर की गई पीडिएफ फाइल का अवलोकन करें —     *— जिसने देश को दी नई दिशा””…जिसने आपको नया जीवन दिया वह है आपका संविधान साथियों —*           || भवतु सब्बमंगलं || *"भारतवर्ष को समता-स्वतंत्रता-बंधुत्व के एक सूत्र में बांधने वाला सामाजिक क्रान्ति का दस्तावेज है भारतीय संविधान"*      — सम्मानित साथियों हम सब के लिए अत्यंत हर्ष एवं गौरव की बात है कि 26 नवम्बर को पिछले वर्षो से संविधान दिवस के रूप में मनाने की परंपरा की शुरूआत केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा की गयी है — *— भारतीय संविधान के निर्माता, जिन्होंने भारत को समता-स्वतंत...

निम खली (पेंड) के बजाय निंबोली क्रश (चुरी) का उपयोग

      *📌क्यों महत्वपूर्ण है❓*  *"निम खली (पेंड) के बजाय निंबोली क्रश (चुरी) का उपयोग"*📌 *संकलन - पंकज काळे ( M.Sc. Agri), निसर्ग फाऊंडेशन, अमरावती* *संपर्क क्र. - 9403426096, 7350580311* सिंचाई क्षेत्र तथा असिंचीत सुखे क्षेत्र मे खेती कि उर्वरा ताकद बढाने हेतू अकार्बनिक खादो (गोबर खाद, पोल्ट्री तथा विभिन्न वेस्टेजेस, अलग अलग खल्लीयाँ तथा हरियाली खाद) का उपयोग किसानो में बढते जा रहा है. इन सभी अकार्बनिक खादो में निम खाद सबसे महत्वपूर्ण है. लेकिन यह 'निम खाद' में जब खली का उपयोग किया जाता है तब उसका असर फसलो पर कम दिखायी देता है | इसीकारण *'निम खाद' को असरदार बनने में 'निम गिरी' (गोडंबी) का रहेना जरूरी है.* *फल* नीम के फल में जैसे... छिलका लगभग 23.8 %,  गूदा 47.5 %,  आवरण 18.6 % तथा  गिरी 10.1 % पायी जाती है|  फल का गुदा आदमी, जानवर तथा चिड़ियों द्वारा खाया जाता है| इसका प्रयोग पेट के कीड़े मारने या उन्हें पेट से बाहर निकालने के लिए जरूरी दवाइयों मे किया जाता है| इसके गूदे से तैयार किए गए पानी के घोल को फसलों पर छिड़काव करने से फसल को रसचुसक किट एवं ...

नसबंदी

      नसबंदी ------------------ लघुकथा चिंतित राजा ने कहा -'अब तो एकलव्यों को रोकने का कोई दूसरा तरीका ढूंढना पड़ेगा। हम लोकतंत्र में उनसे अंगूठा भी तो नहीं मांग सकते।" महामंत्री -"आपका कथन उचित है महाराज! पढ़-लिखकर ये तो हमारी बराबरी करने लगे हैं। इनकी विशाल जनसंख्या से हमारे बच्चों को नौकरी के लाले पड़ने लगे हैं। ये एकलव्य लोग आजकल मेरिट में आ रहे हैं। टापर में इनका नाम आने लगा है। ऐसा ही रहा तो ये बड़े पदों पर बैठ जाएंगे और हमारे बच्चे इनके कार्यालयों में चपरासी का काम करेंगे। घोर कलयुग आ गया महाराज!" राजा ने चतुर मंत्री से इसका हल पूछा। चतुर मंत्री ने समाधान देते हुए कहा -"राजा साहब! आप उन विद्यालयों को बंद कर दें, जहां नि: शुल्क शिक्षा की व्यवस्था है। इससे राज्य का पैसा तो बचेगा ही, साथ ही निम्न जाति से निकलने वाले होनहार विद्यार्थियों पर अंकुश लग सकेगा।" राजा ने तार्किक प्रश्न उछाला -"इससे निद्रालीन मानवाधिकार संगठन उठ खड़ा हो जाएगा। ये लोग हमारा जीना हराम कर देंगे। ऐसा करना संभव नहीं चतुर मंत्रीजी!" चतुर मंत्री ने पुनः अपनी बात रखी -"फ...

सवर्णों ने यूनिवर्सिटी में OBC, SC, ST का आरक्षण कैसे खत्म किया , इसे समझते हैं*

    *सवर्णों ने यूनिवर्सिटी में OBC, SC, ST का आरक्षण कैसे खत्म किया , इसे समझते हैं*👇 *जरा कुछ नामों पर गौर करें* 👇 *1.* सबसे पहले आरक्षण के इस केस को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट कौन गया - *विवेकानंद तिवारी (ब्राह्मण)* 🔱 *2.* विवेकानंद तिवारी के वकील कौन है - *विमलेंदु त्रिपाठी (ब्राह्मण)* 🔱 *3.* आरक्षण के विषय में भारत सरकार का पक्ष किसने रखा- *गुजराती ब्राह्मण अशोक मेहता ने* 🔱 *4.* बीएचयू के वकील *ए.के. उपाध्याय (ब्राह्मण)* 🔱, बीएचयू के वाइस चांसलर *5.* यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन के वकील - *वी. के. शुक्ला (ब्राह्मण)* 🔱 *6.* हाई कोर्ट में आरक्षण के खिलाफ फैसला देने वाले जज हैं - विक्रम नाथ और *दया शंकर त्रिपाठी (ब्राह्मण)* 🔱 *7.* भारत के मानव विकास मंत्री - *पंडित प्रकाश जावड़ेकर (ब्राह्मण)* 🔱 *8.* शिक्षा विभाग के सचिव - *आर. सुब्रह्मण्यम (ब्राह्मण)* 🔱 *🏛 हाई कोर्ट में क्या हुआ था ?* 👇 हाई कोर्ट में *तिवारी* के वकील *त्रिपाठी* ने मौजूदा आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ अपनी बात रखी , जिसे जज *त्रिपाठी* और जज *नाथ* ने स्वीकार कर लिया और आरक्षण के पक्ष में अपनी बात रखने वाले दू...

एक पुरानी कहानी

      एक पुरानी कहानी है। एक दिन एक बूढे आदमी ने एक बढिया  सी बछिया खरीदी।एक ठग ने उसे लेने की ठान ली। उसने उसके गुजरने वाले रास्ते पर आगे थोडी थोडी दूर पर अपने दो बेटो को बिठा दिया और आगे खुद जाकर बैठ गया।     बूढा जब वहां पहुंचा तो उस पहले लडके ने कहा। बाबा राम राम! बाबा इस कुत्ते को क्या खरीदा है जो इसके गले में रस्सी बांधे लिये जा रहे हो?       बूढा चौक कर बोला ये गाय की बछिया है इसे कुत्ता क्यों बोला?   अरे बाबा लगता है आपको मोतियाबिंद है साफ दिखाई नहीं देता यह सफेद वाला कुत्ता ही है जिसे किसी नै आपको बछिया बताकर ऊंचे दाम पर बेंच दिया।     बूढे को कुछ संदेह हुआ रुककर बछिया का गौर से निरीक्षण किया और चलदिया।     कुछ दूर जाने पर दूसरे ठग ने सामने आकर टोका। अरे बाबा ये कुक्कुर कहां लिये जा रहे हो?   तुम्हे भी ये कुत्ता दिखाई देता है। ये गाय की बछिया है बाजार से खरीद कर लाया हूं। बूढे ने कहाअभी पीछे मिला एक आदमी भी यही बोल रहा था।      अरे एक क्या.हजार आदमी देखेंगे सभी कुत्ते को कुत्ता  ही कह...

भारत - इतिहास की प्रमुख घटनाएँ

      इतिहास की प्रमुख घटनाएँ  ***************** 1 भारत में आर्यों का आगमन - *1500 ई०पू०*_  2_महावीर का जन्म - *540 ई०पू०*_ 3_महावीर का निर्वाण - *468 ई०पू०*_ 4_गौतम बुद्ध का जन्म - *563 ई०पू०*_ 5_गौतम बुद्ध का महापरिवार्न - *483 ई०पू०*_ 6_सिकंदर का भारत पर आक्रमण - *326-325 ई०पू०*_ 7_अशोक द्वारा कलिंग पर विजय - *261 ई०पू०*_ 8_विक्रम संवत् का आरम्भ - *58 ई०पू०*_ 9_शक् संवत् का आरम्भ - *78 ई०पू०*_ 10_हिजरी संवत् का आरम्भ - *622 ई०*_ 11_फाह्यान की भारत यात्रा - *405-11 ई०*_ 12_हर्षवर्धन का शासन - *606-647 ई०*_ 13_हेनसांग की भारत यात्रा - *630 ई०*_ 14_सोमनाथ मंदिर पर - *1025 ई०*_ 15_तराईन का प्रथम युद्ध - *1191 ई०*_ 16_तराईन का द्वितीय युद्ध - *1192 ई०*_ 17_गुलाम वंश की स्थापना - *1206 ई०*_ 18_वास्कोडिगामा का भारत आगमन - *1498 ई०*_ 19_पानीपत का प्रथम युद्ध - *1526 ई०*_ 20_पानीपत का द्वितीय युद्ध - *1556 ई०*_ 21_पानीपत का तृतीय युद्ध - *1761 ई०*_ 22_अकबर का राज्यारोहण - *1556 ई०*_ 23_हल्दी घाटी का युद्ध - *1576 ई०*_ 24_दीन-ए-इलाही धर्म की स्थापना - *1582 ई०*_ 25_पला...

शिक्षा सामाजिक और आर्थिक उन्नति का आधार है - जागो

      शिक्षा सामाजिक और आर्थिक उन्नति का आधार है। शिक्षा ही हमें तर्क और विवेक से  परिपूर्ण करती है। 19वीं शताब्दी के आरंभ में महात्मा फुले और ज्योति बा फुले ने सबके लिए शिक्षा प्रारंभ की। बीसवीं शताब्दी तक शिक्षा अच्छी और गुणवत्ता युक्त सबके लिए सुलभ थी। देश के शोषित, वंचित व गरीब तबकों में शिक्षा के प्रति जैसे जैसे  जागरूकता बढ़ी, वैसे वैसे शिक्षा का व्यवसायीकरण होने लगा। 21 वी शताब्दी के प्रारंभ में शिक्षा महंगी होने लगी, गरीब वर्ग  के हाथ से शिक्षा दूर होने लगी। शिक्षा के निजीकरण ने शिक्षा को  महंगा और गुणवत्ता विहीन कर दिया। इसका जीता जागता उदाहरण इंजीनियरिंग की पढ़ाई है। आज हमारी युवा पीढ़ी बहुतायत में शिक्षित है, डिग्री नाम मात्र की है लेकिन उस पढ़ाई का ज्ञान नगण्य है। यह किसी भी देश के लिए बहुत चिंता का विषय है जरूरी है शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन करने का ताकि  हमारे देश का बच्चा, युवा जो  देश का नागरिक बनने वाला है उसके कंधों पर देश का भविष्य आने वाला है उस भविष्य को हम अच्छी सस्ती व गुणवत्ता युक्त  शिक्षा देकर यदि उसे योग्य नही...

मानवता के तीन दुश्मन 👉 1. जाति  2. धर्म  3. भगवान

      मानवता के तीन दुश्मन 👉 1. जाति  2. धर्म  3. भगवान अपने निजी स्वार्थ के लिये धर्म के ठेकेदारों ने तीन शब्दों का अविष्कार किया है । इन तीनों शब्दों के षड़यंत्र का उपयोग करके सारी दुनिया को मुर्ख बनाकर तबाह किया जा रहा हैं । लगभग 90% लोग इन तीनों शब्दों से मानसिक गुलाम बन चुके हैं , इस मानसिक गुलामी के कारण लोग जाति , धर्म और भगवान के लिये लड़ रहे हैं , जबकि वास्तविक लड़ाई अधिकारों के लिये लड़ी जानी चाहिये । आदमी कितना मुर्ख हैं खुद ही मिट्टी से मूर्ति बनाता हैं , खुद ही पूजा करता हैं और खुद ही उस मूर्ति से डरता हैं हद हो गयी । ये अजब किस्म की बीमारी हैं इस बीमारी को ब्राह्मणवाद कहते हैं । इस बीमारी का एक ही इलाज हैं तर्क , शोध और विज्ञान । ब्राह्मणवाद आज भी इसलिए जीवित है क्योंकि ब्राह्मणवाद का ढोल हमारे ही लोग पीटने में व्यस्त हैं । मै यह जानता हूँ मेरे अकेले के प्रयास से समाज में बदलाव नही आ सकता लेकिन मैं हमेशा ब्राह्मणवाद को मिटाने की कोशिश इसलिए करता हूँ क्योंकि बड़ी क्रांति करने के लिये एक छोटी सी चिंगारी ही काफी होती हैं । हमारे जितने भी महापुरुष हुए हैं ...

मॉब लिंचिंग / रात में बस ने गाय का पैर कुचला, सुबह ग्रामीणों ने ड्राइवर को पीटा

        मॉब लिंचिंग / रात में बस ने गाय का पैर कुचला, सुबह ग्रामीणों ने ड्राइवर को पीटा    BJ-2589 छतरपुर/नौगांव। नौगांव के आलीपुरा थाना क्षेत्र में एक यात्री बस की टक्कर से गाय घायल हो गई। गाय के घायल हो जाने पर एक दर्जन से अधिक युवकों ने बस ड्राइवर के साथ जमकर मारपीट कर दी। जिससे ड्राइवर घायल हो गया, डायल 100 की मदद से ड्राइवर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद घायल को जिला अस्पताल के लिए रैफर कर दिया गया।  हरपालपुर से छतरपुर चलने वाली सुजात कंपनी की यात्री बस सोमवार की रात छतरपुर से हरपालपुर जा रही थी। यात्री बस का पहिया आलीपुरा गांव के पास सड़क पर बैठी एक गाय के पैर पर चढ़ गया। बस का पहिया गाय के पैर पर चढ़ जाने से वह घायल हो गई। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार की सुबह साढ़े 10 बजे हरपालपुर की ओर से आर ही बस को रोका और आलीपुरा निवासी ड्राइवर जाकिर उर्फ अब्दुल पिता खैराती के साथ जमकर मारपीट कर दी। युवकों की मारपीट से घायल ड्राइवर जाकिर को डायल 100 पुलिस की सहायता से उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहा...

वही सच्चा श्राद्ध है

          एक बार गुरु रामानंद ने कबीर से कहा कि हे कबीर! आज श्राद्ध का दिन है और पितरो के लिये खीर बनानी है. आप जाइये, पितरो की खीर के लिये दूध ले आइये.... कबीर उस समय 9 वर्ष के ही थे.. कबीर दूध का बरतन लेकर चल पडे.....चलते चलते आगे एक गाय मरी हुई पडी मिली....कबीर ने आस पास से घास को उखाड कर, गाय के पास डाल दिया और वही पर बैठ गये...!!! दूध का बरतन भी पास ही रख लिया..... काफी देर हो गयी, कबीर लौटे नहीं, तो गुरु रामानंद ने सोचा.... पितरो को छिकाने का टाइम हो गया है...कबीर अभी तक नही आया....तो रामानंद जी खुद चल पडे दूध लेने. चले जा रहे थे तो आगे देखा कि कबीर एक मरी हुई गाय के पास बरतन रखे बैठे है...!!! गुरु रामानंद बोले, अरे कबीर तू दूध लेने नही गया.? कबीर बोले: स्वामीजी, ये गाय पहले घास खायेगी तभी तो दुध देगी...!!! रामानंद बोले: अरे ये गाय तो मरी हुई है, ये घास कैसे खायेगी?? कबीर बोले: स्वामी जी, ये गाय तो आज मरी है....जब आज मरी गाय घास नही खा सकती...!!! ...तो आपके 100 साल पहले मरे हुए पितर खीर कैसे खायेगे...?? यह सुनते ही रामानन्दजी मौन हो गये..!! उन्हें अपनी भूल...

पेरियार - पत्नी का ह्रदय परिवर्तन

        ⚡ *पेरियार नायकर जी ने पत्नी का ह्रदय परिवर्तन किया !*💫              तमिलनाडू के क्रांतीकारी महामानव *पेरियार रामास्वामी नायकर* का विवाह होने के पश्चात जब उनकी पत्नी *नागम्मई* दुल्हन बनकर ससुराल आई, तो उन के सामने दो संस्कृतियों का संगम था ! अन्धविश्वास की सौगात उन्हे नैहर और ससुराल में विरासत के रुप में मिली थी ।              👱‍♀ अपने पति का धर्म के प्रति चिंतन ने उन्हें भी सोचने पर बाध्य कर दिया । वे दो पाटो में पिसी जा रही थी । 🙇‍♀ 👉 दशहरा जैसे जुलूशों पर जब भारत की जनता ताजियों की तरह *रावण* के पुतले हिन्दू धर्म के अनुसार दफनाते या जलाते थे तो पेरियार *राम* का पुतला जलाते थे । 👊              🤦🏻‍♀ माता नागम्मई को प्रारम्भ में यह देखकर बहुत बुरा लगता था पर पेरियार जब अपनी पत्नी को समझाते कि अगर... ➡ *हम तुम्हे गर्भावस्था में जंगल में छोड़ दे तो क्या तुम फिर भी हमारी ही पूजा करोगी ?*  ➡ *अगर हम तुम्हे जुए के दांव पर लगा कर हार जाये तो क्या तुम ...

राजस्थानी ,M P, CG, JKH, के  बच्चे

        *गुजराती बच्चे -*  CA, BBA, MBA *यूपी, बिहार-*   IS,  IPS, UPSC, RAILWAY *हरयाणवी बच्चे-* रेस्लर,  बॉक्सर, ओलम्पिक रिटर्न्स  *दक्षिण भारतीय बच्चे-*  IIT, IIM, MBBS  *राजस्थानी ,M P, CG, JKH, के  बच्चे कांवड़ भंडारा,  परसादी,    जीमण,  सवा मणी,  पैदल यात्रा,   😫😫😫🤪🤪🤪😫😫😫

सच, पढ कर आप भी आश्चर्य चकित रह जायेगे

      सच, पढ कर आप भी आश्चर्य चकित रह जायेगे ? ______ भारत में कुल 4120 MLA और 462 MLC हैं अर्थात कुल 4,582 विधायक। ______ प्रति विधायक वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 2 लाख का खर्च होता है। अर्थात ______ 91 करोड़ 64 लाख रुपया प्रति माह। इस हिसाब से प्रति वर्ष लगभ 1100 करोड़ रूपये। ______ भारत में लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर कुल 776 सांसद हैं। इन सांसदों को वेतन भत्ता मिला कर प्रति माह 5 लाख दिया जाता है। ______ अर्थात कुल सांसदों का वेतन प्रति माह 38 करोड़ 80 लाख है। और हर वर्ष इन सांसदों को 465 करोड़ 60 लाख रुपया वेतन भत्ता में दिया जाता है। ______ अर्थात भारत के विधायकों और सांसदों के पीछे भारत का प्रति वर्ष 15 अरब 65 करोड़ 60 लाख रूपये खर्च होता है। ______ ये तो सिर्फ इनके मूल वेतन भत्ते की बात हुई। इनके आवास, रहने, खाने, यात्रा भत्ता, इलाज, विदेशी सैर सपाटा आदि का का खर्च भी लगभग इतना ही है। ______ अर्थात लगभग 30 अरब रूपये खर्च होता है इन विधायकों और सांसदों पर। ______ अब गौर कीजिए इनके सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों के वेतन पर। ______ एक विधायक को दो बॉडीगार्ड और एक सेक...

रियासतीकरण है। - निजीकरण व्यवस्था नहीं बल्कि पुनः

      (इसे सिर्फ पढ़ो ही नहीं इस पर चिंतन भी करो ) *निजीकरण व्यवस्था नहीं बल्कि पुनः रियासतीकरण है..* मात्र 70 साल में ही बाजी पलट गई। जहाँ से चले थे उसी जगह पहुंच रहे हैं हम। फर्क सिर्फ इतना कि दूसरा रास्ता चुना गया है और इसके परिणाम भी ज्यादा गम्भीर होंगे। 1947 जब देश आजाद हुआ था। नई नवेली सरकार और उनके मंन्त्री देश की रियासतों को आजाद भारत का हिस्सा बनाने के लिए परेशान थे। तकरीबन *562 रियासतों*  को भारत में मिलाने के लिए साम दाम दंड भेद की नीति अपना कर अपनी कोशिश जारी रखे हुए थे।   *क्योंकि देश की सारी संपत्ति इन्हीं रियासतों के पास थी।*  कुछ रियासतों ने नखरे भी दिखाए, मगर कूटनीति और चतुरनीति से इन्हें आजाद भारत का हिस्सा बनाकर भारत के नाम से एक स्वतंत्र  लोकतंत्र की स्थापना की। *और फिर देश की सारी संपत्ति सिमट कर गणतांत्रिक पद्धति वाले संप्रभुता प्राप्त भारत के पास आ गई।* धीरे धीरे रेल, बैंक, कारखानों आदि का राष्ट्रीयकरण किया गया और एक शक्तिशाली भारत का निर्माण हुआ । मात्र 70 साल बाद समय और विचार ने करवट ली है। फासीवादी ताकतें पूंजीवादी व्यवस्था के...