सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

नवंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

70 वर्षों के भारतीय इतिहास में पहली बार भारत सरकार में अल्पसांख्यक मंत्रालय में बौद्ध समुदाय का कैबिनेट मंत्री का आगमन - आदरणीय श्री किरेन रिजिजू,

  *70 वर्षों के भारतीय इतिहास में पहली बार भारत सरकार में अल्पसांख्यक मंत्रालय में बौद्ध समुदाय का कैबिनेट मंत्री का आगमन* *आदरणीय श्री  किरेन रिजिजू, भारत सरकार में एकमात्र परंपरागत बौद्ध कैबिनेट मंत्री हैं जो 2024 से 28वें संसदीय कार्य मंत्री और 7वें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री* के रूप में कार्यरत हैं।  *आज नई दिल्ली में आदरणीय मंत्री जी से मैत्रीय भेट कर* हमारे विशेष आग्रह पर *कल दोपहर 3:30 बजे भोपाल एयरपोर्ट पर आगमन पर भव्य स्वागत* और *दोपहर 04:00 बजे प्रथम आगमन मध्य प्रदेश बौद्ध समुदाय की हृदयस्थली “बुद्धभूमि महाविहार मोनेस्ट्री” चुनाभट्टी,कोलार रोड भोपाल में आशिर्वाद लेने और बुद्धवंदना लेने के लिए आदरणीय श्री किरेन रिजिजू , कैबिनेट मंत्री पोहच रहे हैं. कृपया बुद्ध विहार पोहचकर उनका भव्य स्वागत* और किसी भी प्रकार की कोई समस्या हो तो अपना पत्र लेकर पोहचे.  *यह भोपाल के नागरिकों के लिए बड़े गर्व का समय है कि भारत सरकार के कर्त्तव्यपरायण मंत्री भोपाल पधार रहे है जिनके द्वारा किए गए जनहित कार्यों की सूची  उल्लेखनीय है ।आप इस आगमन के आयोजन पर आ कर गौरवान्वित हों...

अध्यात्म आयतन अनित्य है।

  ☸️ _मंगल मय सुप्रभात_ ☸️   ```एक समय भगवान बुद्ध श्रावस्ती में अनाथपिंडक के जेतवन में विहार करते थे।वहां भिक्षुओं को आमंत्रित कर   बुद्ध ने कहा - भिक्षुओं! अध्यात्म आयतन अनित्य है। तथागत बोले भिक्षुओं! चक्षु अनित्य है।चक्षु द्वारा देखा संसार के सभी रूप भी  अनित्य है।जो अनित्य है वह दुख है और जो दुख है वो अनात्म है। जो अनात्म है - वह न मेरा है, न मैं हु, न वह मेरी अत्म्या है। इसे यथार्थतः प्रज्ञापूर्वक जान लेना चाहिए। भिक्षुओं! श्रोत्र अनित्य है।श्रोत्र द्वारा सुना संसार के सभी शब्द भी अनित्य है। जो अनित्य है वह दुख है। और जो दुख है वो अनात्म है। जो अनात्म है, वो न मेरा है, न मैं हु, न वह मेरी आत्मा है। इसे यथार्थतः प्रज्ञापूर्वक जान लेना चाहिए। भिक्षुओं! घ्राण अनित्य है।घ्राण द्वारा सूंघी गई संसार की सारी गंध भी अनित्य है।जो अनित्य है वह दुख है। और जो दुख है अनात्म है। जो अनात्म है, वह न मेरा है, न मैं हु, न वह मेरी अत्म्या है। इसे यथार्थतः प्रज्ञापूर्वक जान लेना चाहिए। भिक्षुओं! जिव्हा अनित्य है।जिव्हा द्वारा स्वादन संसार का सभी रस भी अनित्य है।जो अनित्य...

हिंदू इस तथ्य से परिचित नहीं हैं

  हिंदू इस तथ्य से परिचित नहीं हैं कि शिव एक अवैदिक और अनार्य देवता हैं। हिंदू उन्हें वेदों में उल्लिखित रुद्र देव से जोड़ते हैं। हिंदू मानते हैं कि #रुद्र और #शिव एक ही हैं। यजुर्वेद की तैत्तिरीय संहिता में रुद्र की स्तुति करते हुए एक ऋचा है। इस ऋचा में रुद्र अर्थात शिव को चोरों, दस्युओं और डकैतों का देवता और पतितों, कुम्हारों और लुहारों का राजा बताया गया है। प्रश्न यह है कि ब्राह्मणों ने चोरों और डाकुओं के देव को अपना परमदेव कैसे मान लिया ? रुद्र को अपने #आराध्य भगवान शिव के रूप में स्वीकार करते हुए #ब्राह्मणों ने रुद्र के चरित्र में एक परिवर्तन किया। आश्वलायन गृह्यसूत्र में रुद्र की उपासना की विधि बताई गई है। उसके अनुसार, रुद्र की उपासना में #वृषभ की बलि दी जाती है। इस सूत्र में बलि देने के लिए उपयुक्त #ऋतु और नक्षत्र का भी उल्लेख है। इसमें गृहस्थों से कहा गया है कि वे अपने बाड़े के सर्वश्रेष्ठ वृषभ का चयन करें। उसका रंग निर्धारित करते हुए कहा गया है कि वह मोटा- ताजा होना चाहिए। उसे चावल के मांड और जौ के पानी से पवित्र किया जाना चाहिए। फिर, रुद्र के विभिन्न नामों का उच्चारण करते...

देशवासियों को गंभीरता से समझना चाहिए

  देशवासियों को गंभीरता से समझना चाहिए महंगाई बेरोजगारी  भ्रष्टाचार घोटाला बलात्कार हत्या आत्महत्या यह सब चरम पर हैं शिक्षा एवं चिकित्सा से लोग वंचित हैं इन सभी समस्याओं के सैकड़ो उदाहरण जनता के बीच हैं इन सब का सर्वे कराना चाहिए लेकिन उपासना एवं आस्था के स्थलों के सर्वे कराए जा रहे हैं इन सबसे किसको लाभ इतिहास तो सभी के लिखे जाते हैं  उत्तर प्रदेश संभल सर्वे ने देश में भूचाल ला दिया जिसकी गूंज विदेशो तक पहुंच गई बहराइच मुजफ्फरनगर बरेली अलीगढ़ आदि मैं इस तरह की घटनाओं की चर्चा हो रही है लगता है कि उत्तर प्रदेश को लंबे समय के लिए सांप्रदायिक माहौल में झोंकने के लिए तैयार  किया जा रहा है हिंसा से किसका फायदा बेगुनाह की खून से लथपथ लाशे दर्द से करराहते घायल लोग महिलाओं एवं लोगों का रो-रो कर अपना दर्द बयां करना इस तरह के गंभीर दृश्य बार-बार क्यों आते हैं रिपोर्टिंग या वीडियो द्वारा लगातार एक वर्ग को ही अधिकार अधिनियम किया जा रहा है अखबारों की रिपोर्टिंग डरावनी होती जा रही है एक पक्ष को हमलावर लिखने लग जाता है मीडिया धर्म की रक्षा के नाम पर राजनीति के इस लंबे प्रोजेक्ट मे...

एक शूद्र की बेटी ने राजपुतों पर लेख लिखा है

  *एक शूद्र की बेटी ने राजपुतों पर लेख लिखा है :----* *मै जाति से हरिजन हूँ मेरा नाम मानसी कुमारी है, और मैं बिहार कटिहार की रहने वाली हूं। गोवा में रहकर software engineering  की पढ़ाई करती हूं।* लेकिन आज एक *ठाकुरवादी (राजपूती) पोस्ट* लिख रही हूं। *राजपूतो के बारे में कहा जाता है:......* *अजी साहब बहुत भेदभाव हुआ दलितों के साथ। उनसे खेतों में काम कराया गया। हरवाही कराई गई। गोबर उठवाया गया। उन्हें शिक्षा से वंचित रखा गया।*  *साब बहुत जुल्म हुआ दलितों पे .......* यह बात बहुत जोरों से सोशल मीडिया,मास मीडिया के माध्मय से लोगो को बताई जा रही है। मगर *1400 साल पहले जब मक्का से इंसानी खून की प्यासी इस्लाम की तलवार लपलपाते हुए निकली तो ......* एक झटके में ही...ईरान,इराक,सीरिया,मिश्र,दमिश्,अफगानिस्तान, कतर, बलूचिस्तान से ले के मंगोलिया और रूस तक *ध्वस्त होते चले गए।* स्थानीय धर्मों परम्पराओं का तलवार के बल पर  लोप कर दिया गया और *सर्वत्र इस्लाम ही इस्लाम हो गया।* शान से *इस्लाम का झंडा आसमान चूमता हुआ अफगानिस्तान होते हुए सिंध के रास्ते हिंदुस्तान पहुंचा।* पर यहां पहुंचते ही...

पानी भरना = मौत ( M. P)

  मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के सुभाषपुरा थाना क्षेत्र के इंदरगढ़ गांव में दलित युवक  नारद, जो अपने मामा के घर आया हुआ था, ने सरपंच के बोरवेल से पानी भरने की "हिम्मत" की, और इसी "जुर्म" में उसे लाठी-डंडों से इतना बेरहमी से पीटा गया कि उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जाति-पाति की करो बिदाई हिन्दू-हिन्दू भाई-भाई ब्राह्मण समाज खाए मलाई हिंदू का मतलब समझो भाई

मातादीन वाल्मीकि जयंती पर विशेष

  *मातादीन वाल्मीकि जयंती पर विशेष * *✍1857 की क्रांति के जनक ब प्रथम शहीद महान  क्रांतिकारी भारतीय वीर सपूत मातादीन वाल्मीकि/मेहतर जी की जयन्ती 29 नवम्बर की हार्दिक बधाई ब उन्हें शत शत नमन🙏* वैसे तो 1857 की क्रांति की पटकथा 31 मई को लिखी गई थी,लेकिन मार्च में ही विद्रोह छिड़ गया। दरअसल जो जाति व्यवस्था हिन्दू धर्म के लिए हमेशा कलंक अभिशाप रही,उसी ने क्रांति की पहली नीव रखी हुआ यह था कि बैरकपुर छावनी कोलकत्ता से मात्र 16 किलोमीटर की दूरी पर था। फैक्ट्री में कारतूस बनाने वाले मजदूर मुसहर अछूत समझी जाने वाली वाली हेला, भंगी,मेहत्तर वाल्मीकि जाति के थे। एक दिन वहां से एक मुसहर मजदूर सैनिक छावनी आया। उस मजदूर सैनिक का नाम मातादीन वाल्मीकि था जो पहलवानी के भी बड़े उस्ताज थे जिन्हें हिन्द ए रुस्तम का खिताब मिला था। मातादीन को प्यास लगी,तब उसने मंगल पांडे नाम के सैनिक से पानी मांगा। मंगल पांडे ने ऊंची जाति ब्राह्मण का होने के कारण उसे पानी पिलाने से इंकार कर दिया कहा जाता है कि इस पर मातादीन वाल्मीकि बौखला गया और उसने कहा कि कैसा है तुम्हारा धर्म जो एक प्यासे को पानी पिलाने की इजाजत न...

ये मजदूरों के दुश्मन पर लोग कहाँ पहचान रहे ?

*~~~~ये मजदूरों के दुश्मन पर~~~* *~~~लोग कहाँ पहचान रहे ?~~~* *हमने सड़कों पर दौड़ाया, साँस नहीं ले पाये हैं।* *कुछ वर्षों में हमने ही, कितने मजदूर बढ़ाये हैं ?* जिन्हें भेजना स्कूलों में, वे  हैं सब चौराहों पर। उनके भी मुँह सूख रहे हैं, जो झूले हैं बाहों पर। *हमने इन्हीं किसानों के, अन्धे कानून बनाये थे।* *श्रमिकों के कानून बदल कर, हम कितने हर्षाये थे।* अभी हाथ में है सत्ता, हम कलकत्ता भी जायेंगे। जब तक बाजी नहीं पलटती, पत्ता खूब हिलायेंगे। *भरने वाला घड़ा पाप का, जाने कब तक फूटेगा।*  *ये तो ऐसा मिला लुटेरा, ये सबको ही लूटेगा।* महल बना है जो तिलिस्म का, धीरे धीरे टूट रहा। पर लगता है इस मौसम में, कुछ न कुछ तो छूट रहा। *हींग फिटकरी नहीं लगेगी, तान रहो अपनी ताने।* *अपने मन की करो उसे, दुनिया माने या न माने।* मनरेगा से छूटे हैं जो, उनको भी तो लाना है। मजदूरों की संख्या को, अब जमकर खूब बढ़ाना है। *इनकी संख्या इतनी कर दो, देश छोड़ कर भाग चलें।* *जाये जहाँ आग फैलायें, और पड़ोसी देश जलें।* पहले भी थे जब सत्ता में, तब मजदूर बनाये थे। गिरमिटिया बन कर ही तो वे, दुनिया भर में छाये थे। *आ...

हो चुकी देर है अब तो अंधेर है

  *~~~~~~हो चुकी देर है~~~~~* *~~~~~अब तो अंधेर है~~~~~* *छोड़ कर के कदम वे चले ही नहीं,* *किस तरह से उन्हें फिर फँसाया गया।* आज तक वे गुलामों के मानिंद हैं,  बिन हँसी के उन्हें फिर हँसाया गया। *अब तो चेहरे सभी के हैं उतरे हुये,* *पद गया कोई भी भाव देता नहीं।* एक भी न मिला उनकी चौपाल में,  क्या किसी को कोई घाव देता नहीं ? *हो चुकी देर है अब तो अंधेर है,* *आने वाले ही इसको घटा पायेंगे।* जिस तरह से पटे लोग इस दौर के,  इस तरह से कभी न पटा पायेंगे। *जो बिके कौड़ियों में अभी तक यहाँ,* *उनको बंगले सजाये हुये मिल रहे।* हो चुकीं बन्द काफी प्रथाएं यहाँ,  फिर भी बाजे बजाये हुये मिल रहे। *वे समझते हैं उनको बड़ा पद मिला,* *इसलिये उनके पीछे जमाना चला।* भूल जाते हैं बर्बाद सब कर दिया,  कब तलक उनका नचना नचाना चले। *साँप हरियाली में छिप के बैठे हुये,* *जानते ही नहीं क्यों डंसाया गया ?* जब जरूरत हमें आ पड़ी काम की,  देख लो किस तरह कसमसाया गया ? *छोड़ कर के कदम वे चले ही नहीं,* *किस तरह से उन्हें फिर फँसाया गया।* *मदन लाल अनंग* द्वारा : मध्यम मार्ग समन्वय समिति। *1-*  व...

चरागों ने यहाँ अब आँधियों पर जुल्म ढाया है

*~~~~~चरागों ने यहाँ अब~~~~~* *~~~आँधियों पर जुल्म ढाया है~~~* *उठी उन आँधियों के दिन, कभी न भूल पायेंगे।* *करेंगे याद जब भी, आँख अपनी ही रुलायेंगे।* अभी तो नौजवानों ने, उमर सारी खपायी है। कई वर्षो से जागे हैं, कहाँ फिर नींद आयी है ? *बढ़ी है उम्र शिक्षा का, यहाँ विस्तार पाया है।*    *नहीं है नौकरी कोई, अभी तक क्या कमाया है ?* खिलाने फूल निकले थे, फूल बन लौट आये हैं। बड़े ही जोश में थे, खूब नारे भी लगाये हैं। *कहीं से ईंट पकड़ी है, कहीं रोड़ा उठा लाये।* *समझते अश्वमेधी यज्ञ का, घोड़ा उठा लाये।* अँधेरे में उन्हें रोना, नहीं अब रास आता है। खुले में हर युवा अब, खून के आँसू बहाता है। *युवा अब भूल जायें, नौकरी की बात सपना है।* *यही है गम भरी दुनिया, नहीं अब कोई अपना है।* उन्होंने पत्थरों का जाल, फैलाया करीने से। नहीं है वास्ता कोई, किसी के मरने जीने से। *अभी तो हाल खस्ता है, कहाँ हर माल सस्ता है ?* *जो पीढ़ी आ रही उसके, नहीं अब हाथ बस्ता है।* निरक्षर हैं निरक्षर कर के ही, वे दूर भागेंगे। पता कुछ भी नहीं, इस देश के कब लोग जागेंगे ? *चरागों ने यहाँ अब, आँधियों पर जुल्म ढाया है।* *समझ लो कि...

महानायक मातादीन भंगी

  सभी देश वासियों को बहुजन नायक / मूलनिवासी नायक 1857 की क्रांति के सूत्र धार महानायक मातादीन भंगी ( वाल्मीकि )जी की जन्म जयंती 29 नवम्बर 2024 के अवसर पर सभी देश वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं एवम् मंगलकामनाएं ।                 साथियों जय भीम जय मूल निवासी जय सृष्टि ।                 साथियों इस समाज को भंगी क्यों कहा गया साथियों कारण स्पष्ट है कि इस समाज ने हिंदू धर्म के अंतर्गत वर्ण व्यवस्था , जाति व्यवस्था , असमानता , गैर बराबरी , छुआछूत , ऊंच नीच , छोटा बड़ा , वाली व्यवस्था को भंग करने का काम किया था । इसलिए इनको भंगी की उपाधि दी गई । और घृणित काम सौंपा गया ।          मातादीन वाल्मीकि एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे । जिन्होंने 1857 के भारतीय विद्रोह के शुरू होने से ठीक पहले की घटनाओं में महत्व पूर्ण भूमिका निभाई थी । वे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की कारतूस निर्माण ईकाई में वाल्मीकि कार्य करता थे । वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 1857 के विद्रोह के बीज बोए थे । आभार एवम ध...

नरेंद्र मोदी की ओबीसी के प्रति नफ़रत का राज क्या है?

  *नरेंद्र मोदी की ओबीसी के प्रति नफ़रत का राज क्या है?* - उन्होंने अपने पीएमओ में एक भी ओबीसी अफ़सर नहीं रखा - किसी ओबीसी को कैबिनेट में महत्वपूर्ण मंत्रालय नहीं दिया - ओबीसी के वेतनभोगी लोगों के बच्चों पर क्रीमी लेयर लगाने की कोशिश की - मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के 27% ओबीसी कोटा क़ानून पर संविधान संशोधन नहीं - 13 प्वायंट रोस्टर लगाकर ओबीसी को यूनिवर्सिटी में टीचर बनने से रोकने की कोशिश की  - लैटरल एंट्री के ज़रिए ओबीसी का 27% कोटा हड़प कर सवर्णों को देने की कोशिश  - बिना आँकड़ा जुटाए ओबीसी को बाँटने की घोषणा और फिर अति पिछड़ों को कुछ न देना - ओबीसी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर बनने से रोकना - निजीकरण के ज़रिए ओबीसी को सरकारी नौकरी में आने से रोकने की कोशिश - एक भी ओबीसी को केंद्र सरकार में सेक्रेटरी के सर्वोच्च पद तक न पहुँचने देना कोई आदमी ओबीसी से इतनी घृणा कैसे कर सकता है। वह भी ऐसा आदमी जो हर विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले कम से कम तीन बार ये दावा करता है कि वह ओबीसी है। पिछड़ी माँ का बेटा है।  *इसका रहस्य ये है कि नरेंद्र मोदी RSS की लॉन्ग टर्म योज...

EVM हटाओ

 Xxxxx    EVM   xxxxX धरने पर बैठने से कोई सुनने वाले नहीं। चुनाव चंदा दो, खूब धंधा  बढ़ाओ। इवीएम से चुनाव जारी रहे  तो अपमान, बेइज्जती, असुरक्षा  की जिंदगी मूलनिवासी को ढोना है। इवीएम हटवाएंगे तो मनमानी करने  करने देनी की सरकार को हटा सकते हैं। संविधान के  अनुसार सभी भारतियों को समान अधिकार है, बिना किसी भी भेद भाव के। यह अधिकार सभी को हमेशा मिलता रहे  शेष तो संविधान  में बहुत सारे अधिकार  हैं। भारत के संविधान को  D N A . के अनुसार बामण विदेशी बदलना चाहता। इस बदलने की ताकत जाने अनजाने में मूलनिवासी  sc. St. Obc. Mino.  वोट दे कर, विरोधी के संगठन, पार्टी, को मजबूत कर रहे, विरोधी की धार्मिक, जाति वादी, रीति रिवाज , वाली व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। विरोधी को मजबूत नहीं करना है, कमजोर करना है। इसे व्यवहार में , कथनी करनी एक  कर , अमल करना जरूरी है।

सर अलेक्जेंडर कनिंघम जी स्मृति दिवस पर उन्हें कोटि कोटि नमन|

  सर अलेक्जेंडर कनिंघम जी स्मृति दिवस पर उन्हें कोटि कोटि नमन| तथागत बुद्ध और सम्राट अशोक का देश ऐसी भारत की दुनिया में पहचान है| इस पहचान को मिटाने के लिए ब्राम्हणों ने हजारों बौद्ध ग्रंथ और बौद्ध विश्वविद्यालय जला दिए, बौद्धों को हिंसक अभियानों से मार डाला, बौद्ध विहारों को हिंदू मंदिरों में तब्दील किया, बुद्ध मुर्तियों को हिंदू देवी देवताओं की मुर्तियों में तब्दील किया और मूल बौद्धों को हिंदू घोषित किया| उनमें भी, जिन बौद्धों ने ब्राह्मणवाद तथा ब्राह्मणवर्चस्व को अपनाया उनको उंची जाती के क्षत्रिय, बनिया तथा जमींदार हिंदू बनाया और जिन बौद्धों ने ब्राह्मणवाद तथा ब्राह्मणों का विरोध जारी रखा उनको ब्राह्मणों ने शुद्र, अतिशुद्र, आदिवासी और अछुत हिंदू घोषित किया| इस तरह, शक्तिशाली बौद्धों को हिंदू के नाम से विभाजित कर ब्राह्मणों ने बौद्ध भारत की पहचान मिटाई, भारत का पतन किया और खुद का वर्चस्व स्थापित किया| ब्रिटिश जब भारत आये, तब भारत में बुद्ध और अशोक को पहचानने वाला कोई बचा नहीं था| तब ब्रिटिशों ने बौद्ध राष्ट्रों में संशोधन कर भारत में बौद्ध धर्म का वजूद ढूंढना शुरू किया| रिस डेविड...

बहुजन नायक / मूलनिवासी नायक महात्मा ज्योति बा फूले जी

  *"राष्ट्रपिता महात्मा फुले कहते थे......"*     *मंदिर का मतलब होता है ...मानसिक गुलामी का रास्ता ...!*   *स्कूल का मतलब होता है ..जीवन में प्रकाश का रास्ता .....!!* *मंदिर की जब घंटी बजती है तो हमें सन्देश देती है की हम धर्म, अन्धविश्वास, पाखंड और मूर्खता की ओर बढ़ रहे.... हैं ....!*     *वहीं जब स्कूल की घंटी बजती है तो ये सन्देश देती हैं ....कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान और वैज्ञानिकता की ओर बढ़ रहे हैं ...!*    *अब तय आपको करना हैं कि आपको जाना कहाँ  हैं ....?    *क्रांति ज्योति ज्योतिबा फुले स्मृति दिवस पर कोटि कोटि वन्दन.* बहुजन नायक / मूलनिवासी नायक महात्मा ज्योति बा फूले जी के परिणिर्वाण दिवस 28 नवंबर 2024 के अवसर पर उनको शत शत नमन एवम भावपूर्ण श्रद्धांजलि ।        साथियों महात्मा ज्योति बा फूले जी का जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक किसान परिवार माली परिवार में हुआ था । और उनका परिणिर्वाण 28 नवंबर 1890 में पुणे में हुआ था ।                   ...

सत्यशोधक_समाज ने एक निर्णय

#सत्यशोधक_समाज ने एक निर्णय यह भी लिया कि सत्यशोधक समाज के कार्यकर्ता ही मूलनिवासी लोगों में #सैद्धांतिक_अंधविश्वास_और_पाखंड_रहित_शादियां करवाएंगे।  मूलनिवासी लोगों कि शादियों में किसी भी #ब्राह्मण को शादी करवाने के लिए #नहीं_बुलाएंगे ,ब्राह्मण के द्वारा शादी नहीं करवाएंगे ,ना ही ब्राह्मण को दान दक्षिणा देंगे। सत्यशोधक समाज के इस #निर्णय_के_विरोध में पूना के ब्राह्मण #कोर्ट में गए और उस कोर्ट में जाकर उन्होंने कोर्ट कैस किया कि यह #ब्राह्मणों_कि_रोजी_रोटी का मामला है। और इससे ब्राह्मणों मे गरीबी बेरोजगारी बढ़ गई है। इसलिए सत्यशोधक समाज चाहे तो वह अपनी #शादियां_स्वंय_कराए  परंतु शादी में जो दान दक्षिणा दी जाती थी, शादी में जो ब्राह्मणों को पैसे दिए जाते थे । #उतना_रूपया_पैसा_वह_सत्यशोधक_समाज_ब्राह्मणों_को_दे। इस कोर्ट केस का नेतृत्व #रेवरेंड_तिलक नाम का एक ब्राह्मण कर रहा था । तो कोर्ट के द्वारा ज्योतिबा फुले को गवाही देने के लिए बुलाया गया ।राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले ने कहा जज साहब मैं रेवरेंड तिलक से मैं एक #सवाल_करना_चाहता_हूं। जज ने कहा अनुमति है  ज्योतिबा फुले ने रेवर...

इस देश में नफ़रत की राजनीति करने वालों का सबसे आसान चारा मुसलमान हैं

इस देश में नफ़रत की राजनीति करने वालों का सबसे आसान चारा मुसलमान हैं। यही कारण है कि गोमांस के नाम पर "अखलाक" की हत्या से शुरू हुआ सिलसिला आजतक जारी है , और सैकड़ों मुसलमान इस गोमांस की भेंट चढ़ गये। हकीकत में देखा जाए तो नफ़रत की राजनीति करने वालों को गाय या गोमांस से कोई मतलब नहीं है , इन्हें मतलब केवल उस राजनीति से है जिसमें मुसलमानों की बलि होती रहे और उनके खून से सींच कर इनकी राजनीतिक फसल लहलहाती रहे। क्योंकि गाय और गोमांस से मतलब होता तो यह फ्रीज़ में गोमांस रखने के झूठे आरोप में मार दिए गए अखलाक के उसी गांव बिसहाड़ा में प्रदर्शन कर रहे होते जहां 9 और 10 नवंबर को पुलिस ने 185 टन गोमांस बरामद कर जमीन में दबवा दिया , एक अनुमान के अनुसार पूरन जोशी के यहां ज़ब्त गोमांस के लिए करीब करीब 8 से 10 हजार गायों को काटा गया। मगर आपने एक भी गोरक्षक , एक भी गोसेवक का इसके विरोध में बयान नहीं सुना होगा , मज़ेदार बात यह है कि गौरक्षा हिन्दू दल कार्यकर्ताओं ने ही हाईवे पर एक कंटेनर रुकवाया। इससे 32 टन मांस बरामद हुआ , इसके बाद पता चला कि ये मांस दादरी क्षेत्र में उसी अखलाक के बिसाहड़ा गा...

आज महिलाएं स्कूल- कॉलेज में स्वतंत्र रूप से पढ़ सकती हैं तो,,,

  आज महिलाएं स्कूल- कॉलेज में स्वतंत्र रूप से पढ़ सकती हैं । किसी संगठन में पुरुषों के समान ही काम करने के साथ ही समाज के उत्थान में अपना योगदान दे सकती हैं। अपने सपनों को साकार कर सकती हैं, तो इस सब का श्रेय भारत की कुछ महान विभूतियों को जाता है। इन्हीं विभूतियों में से से एक नाम 'महात्मा ज्योतिराव फुले' का है। महात्मा ज्योतिराव फुले की आज जयंती है। 28 nov 1890 । उस दौर में समाज में फैली महिला विरोधी कुरीतियों, उनके शोषण के खिलाफ आवाज उठाने वाले 19वीं सदी के महान समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के प्रयासों को हमेशा महिला सशक्तिकरण की दिशा में अभूतपूर्व योगदान की तरह याद किया जाता है। ज्योतिबा फुले एक समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक और क्रांतिकारी कार्यकर्ता हैं। ज्योतिबा फुले ने अपना पूरा जीवन महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिलाने, बाल विवाह को रोकने, विधवा विवाह का समर्थन करने में लगा दिया। महिलाओं के लिए ज्योतिबा फुले ने स्कूल खोला। महान समाजसुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती

बुद्ध और बोधिवृक्ष का विवरण

  🌻धम्म प्रभात🌻  [ बुद्ध और बोधिवृक्ष का विवरण ] बुद्ध परंपरा यानी बोधिवृक्ष 1) सम्यक संबुद्ध तन्हांकर  बोधिवृक्ष  सप्तपर्णी  (Alstonia , scholaris) 2) सम्यक संबुद्ध मेधांकर  बोधिवृक्ष  पळस  (Butea frondosa) 3) सम्यक संबुद्ध सरणंकर  बोधिवृक्ष  पाटला (पाडळ)   (Stereospermum chelenioides) 4)सम्यक संबुद्ध दीपंकर  बोधिवृक्ष  पिंपर्णी (Ficus tsiela) 5) सम्यक संबुद्ध कौण्डण्य बोधिवृक्ष  मोई शिमटी (Lannaea grandis) 6)सम्यक संबुद्ध मंगल बोधिवृक्ष नागचाफा  (Mesua ferrea) 7) सम्यक संबुद्ध सुमन  बोधिवृक्ष नागचाफा  (Mesua ferrea) 8) सम्यक संबुद्ध  रेवत  बोधिवृक्ष नागचाफा  (Mesua ferrea)  9)सम्यक संबुद्ध शोभित   बोधिवृक्ष नागचाफा  (Mesua ferrea) 10)सम्यक संबुद्ध  अनोमदस्सी बोधिवृक्ष  अर्जुन  (Terminalia Arjuna) 11)सम्यक संबुद्ध पदुम  बोधिवृक्ष शोण (श्योनाक  (टेटू) Oroxylum indicum) 12) सम्यक संबुद्ध नारद  बोधिवृक्ष शोण श्योनाक  (टेटू) Oroxy...

इन्टरनैशनल बुद्ध विहार ग्वालियर - नालंदा विश्वविद्यालय

  नालंदा विश्वविद्यालय की तरह राष्ट्रीय स्तर का आवासीय शिक्षा का केंद्र इन्टरनैशनल बुद्ध विहार ग्वालियर मध्यप्रदेश पर बन रहा है।    अशोक सम्राट के इतिहास को पुनः ज़िंदा करने के उद्देश्य से नालंदा की तरह शिक्षा का केंद्र बन रहा है आने वाले समय में उसी तरह बहुजन समाज के बच्चे शिक्षा ग्रहण करेंगे, जिस प्रकार हज़ारों वर्ष पहले नालंदा विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करते थे।   हम बहुजन समाज के उन सभी सम्मानित सदस्यों से अपील करते हैं कि नालंदा के निर्माण कार्य के लिए कम से कम दस ईंट के लिए सहयोग ज़रूर करें या एक बोरी सीमेंट के लिए सहयोग करें।   सहयोग phone pay n- 9826220304 पर सभी मिशनरी सदस्य सहयोग ज़रूर करें।  नालंदा की तरह शिक्षा का 200 विघा ज़मीन पर बन रहा है।   प्रथम चरण का निर्माण कार्य चल रहा है प्रथम चरण में दस हॉल बनना है।  टोटल दस चरणों में बनकर तैयार होगा।  लाखन सिंह बौद्ध  इन्टरनैशनल बुद्ध विहार ग्वालियर  मध्यप्रदेश मो- 9826215124

दि बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया जिला शाखा विदिशा

  अपील/निवेदन जैसा कि आपको विदित है 30 नवंबर और 1 दिसंबर 2024 को सांची महोत्सव मेला का आयोजन है प्रचार प्रसार के लिए  दि बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया मध्य प्रदेश द्वारा 17/11/2024 को  डॉ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जन्म स्थल महू से प्रारंभ किया है संदेश यात्रा रथ मध्य प्रदेश के  विभिन्न जिलों से हो कर 30 नवम्बर को संदेश रथ यात्रा विदिशा जिले में  प्रवेश करेगी जिले के कुरवाई, मेहलूआ चौराहा,सिरोंज, नटेरन,गंजबासौदा, गुलाबगंज , को विदिशा, पहुंचकर रात्रि विश्राम कर 1 दिसंबर को सांची महोत्सव में समापन होगा! धम्म एवं डॉ बाबासाहेब अंबेडकर जी के अनुयायियों से निवेदन है कि धम्म का संदेश लेकर चल रहे यात्रा हमारे भीक्कू संघ एवं अन्य लोगों का स्वागत करे! धम्म को  बढ़ाने का काम करने की कृपा करे ! चल रहे संदेश रथ यात्रा के भीक्कू संघ एवं अन्य लोगों का भोजन दान आदरणीय संतोष अहिरवार छात्रावास अधीक्षक नटेरन द्वारा किया जाएगा! जय भीम नमो बुद्धाय             अध्यक्ष   दि बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया जिला शाखा विदिशा

देश की राजधानी दिल्ली में 70 से 80 लाख मजदूरों का शोषण

  *देश की राजधानी दिल्ली में 70 से 80 लाख मजदूरों का शोषण * 🌼 मिलती नहीं न्यूनतम मजदूरी🌼 दिल्ली सरकार होश में आओ  *श्रमिकों को न्यूनतम वेतन दिलवाओ, वरना कुर्सी खाली करो*!      दिल्ली के मुख्यमंत्री कहती हैं कि दिल्ली में श्रमिकों को 18000हजार रुपए से कम नहीं होगी किसी की सैलरी, वहीं भारत सरकार 1035₹ रोजाना मजदूरी देने की घोषणा करती हैं। और दैनिक समाचार पत्र नवभारत टाइम्स की हेडलाइन में समाचार प्रकाशित कर दिल्ली के 70 से 80 लाख मजदूरों को गुमराह करते हैं।         देखा जाए तो! जमीनी स्तर पर दोनों सरकारों के बयान झूठे हैं। दिल्ली के श्रमिकों की आधी कमाई भ्रष्ट अफसरों, श्रमिकों के वेतन की कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों, सफेद पोज दलालों की जेब में जा रही है। दिल्ली के मजदूरों को 8हजार रुपए से 10 हजार से ज्यादा दिल्ली के किसी फैक्ट्री संस्थान में नहीं मिलता है। प्रमाण के लिए आनंद पर्वत फैक्ट्री एरिया का ही सर्वे कर लिया जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी। 👉इसलिए हमारा पैगाम है कि:- *न्यूनतम वेतन लागू करो वरना कुर्सी खाली करो*।    ...

हम रामायण काल्पनिक क्यों मानते हैं?

  🍁हम रामायण काल्पनिक क्यों मानते हैं? 🍁 ********************************* 🌱हम सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले 5 जनवरी,2011 में भीलवंश के बारे में क्या लिखा है?? पढ़ चुके हैं!! 🌱भील इंडीजीनस समुदाय हैं,भीली बोली भाषा इंडीजीनस स्पिचैस है!! 🌱हम जानते हैं आज के मिश्र, इजरायल, युनान, तुर्की,युरेशिया से लेकर मध्यएशिया तक के लोग भारत में आए हैं!! 🌱 हम जानते हैं "रामायण महाभारत महाकाव्य" युनानी कवि होमर (आज से 3000 हजार साल पहले) के ग्रंथ "इलियड और ओडेसी" से प्रभावित हैं!! 🌱हम जानते हैं आज से 3300 साल पहले मिश्र के कई फैरो (राजाओं) के नाम "रामसेस" मिलते हैं, इससे पुराना नाम "राम" नहीं है!! 🌱हम जानते हैं तुर्की देश में आज से 3000 साल पुराने हुरियन भाषा के "बोगाजकोई शिलालेख" पर इन्द्र, वरूण देवताओं के साथ "राजा दशरथ" का नाम मिला है!! 🌱हम जानते हैं कि "इंडो आर्यन संस्कृत भाषा" से भारत के सबसे बड़े इंडीजीनस समुदाय भीलवंश का कोई संबंध नहीं है!! 🌱हमने बौद्ध जातक कथाएं "दशरथ जातक" पढा है!! 🌱 हमने "उत्तर र...

क्या सरकारी कर्मचारी गुलाम है?

  🌷 क्या सरकारी कर्मचारी गुलाम है?🌷 °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° 🌱 आदिवासी सरकारी कर्मचारी ऑफिस समय में अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी के साथ निभा रहे हैं!! 🌱 आदिवासी सरकारी कर्मचारी "अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र" लगा कर आरक्षण का लाभ लेकर सरकारी नौकरी में आया है!! 🌱 अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र और आरक्षण से सरकारी नौकरी में लगे सभी कर्मचारी "आदिवासी समाज को प्रशासन में मिली हिस्सेदारी (आरक्षण)" में से लाभ लेकर सरकारी नौकरी कर रहे हैं अर्थात आदिवासी समाज को मिले हिस्से में से नौकरी लेकर कमा खा रहे हैं, मासिक वेतन (पैसे) लेकर गाड़ी बंगला खरीद रहे हैं!! 🌱 पूरे आदिवासी समाज को मिले हिस्से में से एक हिस्सा सरकारी नौकरी के रूप में लेने की वजह से हरेक आदिवासी सरकारी कर्मचारी का नैतिक कर्तव्य है कि वह समाज का जनजागरण करें और सामूहिक ताकत निर्माण करे तथा संवैधानिक अधिकार की सुरक्षा करें!! 🌱 इसी सामाजिक कर्तव्य को ध्यान में रखते हुए आदिवासी सरकारी कर्मचारी अपने समाज के ऋण को उतारने के लिए आदिवासी समाज का जनजागरण अभियान चला रहे हैं, वे राजनीति नहीं कर रहे हैं!! 🌱 अ...

शत शत नमन बिरसा मुंडा को

  बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें शत शत नमन! बिरसा मुंडा एक महान आदिवासी नेता, स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे, जिन्होंने अपने जीवन को आदिवासी समुदाय के अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए समर्पित किया। उनकी विरासत और योगदान को याद करते हुए, हमें उनके आदर्शों और सिद्धांतों को अपनाने की आवश्यकता है: 1. आदिवासी अधिकारों की रक्षा 2. सामाजिक न्याय और समानता 3. स्वतंत्रता और आत्मसम्मान 4. संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण बिरसा मुंडा की जयंती पर, हम उनके जीवन और योगदान को याद करते हैं और उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लेते हैं। शत शत नमन बिरसा मुंडा को ! "धरती आबा" की जयंती पर, हम उनकी विरासत को जीवित रखेंगे और उनके सपनों को पूरा करने के लिए काम करेंगे।

आरक्षण हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है! मिलना चाहिये और लेकर रहेंगे!

  आरक्षण हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है! मिलना चाहिये और लेकर रहेंगे!  लेकिन आज आरक्षण को लेकर बांसवाडा संभाग मुख्यालय पर रैली में आये उनका आप पहचान करो? ये कौन लोग है?  1. क्या ये वही लोग है जब 2013 में अनुसूचित क्षेत्र में समानता मंच ने 30% माँगा उन्होंने 50% दे दिया! जिसकी वजह 2013 से आज तक अनुसूचित क्षेत्र के सामान्य वर्ग के लिये 50% आरक्षण हो गया और विभिन्न विभाग की भर्तियो में आदिवासी युवाओं की 4000-5000 पद छीन लिये! 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 2. क्या ये वही लोग है जब⁠ राजस्थान के अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासीयो के जल जंगल ज़मीन की रक्षा के लिये पैसा एक्ट के लिये राजनीतिक विहीन ग्राम सभा व ग्राम सभा की 75% जनमत से ग्राम सभा का स्वतंत्र अध्यक्ष चुनने के लिये नियम बनाने थे! लेकिन आज जो सड़क पर रैली कर रहे है उन्हीं के मंत्री रहते हुये, राजस्थान में 2011-12 में पंचायतिराज की ग्राम सभा व सरपंच को ही ग्राम सभा का अध्यक्ष बनाकर पैसा एक्ट को ख़त्म कर आदिवासीयो का गला गोठ दिया!  💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 3. आज केंद्र व राज्य में किस पार्टी की सरकार है? और सड़क पर आरक्षण के लिये...