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जून, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भारतीय जनता पार्टी का जब गठन हुआ अटल बिहारी वाजपेई जी अध्यक्ष बने तब पार्टी ने अपने पार्टी के संविधान में यह धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद दोनों शब्दों को क्यों डाला था

  *भारतीय जनता पार्टी का जब गठन हुआ अटल बिहारी वाजपेई जी अध्यक्ष बने तब पार्टी ने अपने पार्टी के संविधान में यह धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद दोनों शब्दों को क्यों डाला था आज इन दो शब्दों विरोध RSS वाले कर रहे हैं, गठन का यह पहला पन्ना है जिसमें धर्म निरपेक्षता और समाजवाद शब्द क्यों डाला था, यह झूठ और छलावा नहीं है तो क्या है*

मध्य प्रदेश में गजब हो गया। सीएम के काफिले में शामिल 19 गाड़ियों में डीजल की जगह पानी भर दिया गया।

  मध्य प्रदेश में गजब हो गया। सीएम के काफिले में शामिल 19 गाड़ियों में डीजल की जगह पानी भर दिया गया। सभी गाड़ियां बंद हो गईं। अफरा-तफरी मचने के बाद नई गाड़ियां मंगाई गईं। जहां से पेट्रोल भरवाया गया, उस पंप को सील कर दिया गया है।  अगर सीएम के साथ यह हो रहा है तो आम जनता के साथ क्या होता होगा? जिस पेट्रोल-डीजल पर आप उसके दाम के बराबर टैक्स भरते हैं, उसमें आपको पानी मिलाकर बेचा जाता है।

मानसून धम्म यात्रा

  🌸मानसून धम्म यात्रा🌸                 साथियों,सप्रेम जय भीम,नमो बुद्धाय। जैसा कि आप सब को विदित है कि विगत तीन वर्षों से हमारे द्वारा भोपाल से सुनियोजित धम्म यात्रा का सफलतम आयोजन किया जा रहा है। वर्ष 2025 मे फरवरी माह मे यात्रा का आयोजन किया गया था, किन्तु महाकुंभ मेले मे हुई अव्यवस्था के कारण यात्रा को रद्द कर दिया गया, उसी यात्रा को अब हम मानसून के सुहाने मौसम मे दिनांक 12.09.2025 से 22.09.2025 तक धम्मचारी कुमारवज्र नागपुर के नेतृत्व एवं गाइड के साथ मे आयोजन किया गया है। यह मौसम यात्रा के लिए बहुत ही सुन्दर रहता है। उत्तम सुविधाओं सहित यात्रा का आनंद लिया जा सकता है। अन्य जगह के टूर का भी आयोजन किया गया है, टूर एवं पैकेज की जानकारी पृथक से ब्रोशर के माध्यम से दी जा रही है। रेल्वे रिजर्वेशन हेतु दो माह पूर्व बुकिंग किया जाना आवश्यक है। यात्रा के इच्छुक व्यक्ति शीघ्र बुकिंग हेतु संपर्क करे। अधिकतम सीट सीमा 40 तक रहेगी। हमारी यात्रा के संबंध मे पूर्व के गए हुए यात्रियों से रिव्यू ले सकते है। संपर्क_ धम्ममित्र प्रमोद गजभिये 9981862359?...

पूज्य भंते दीपांकर जी द्वारा ₹500 का सहयोग भारत मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष धनंजय कुमार को किया गया।

  *#पूज्य_भिक्षु_दीपांकर_जी  मंडल प्रभारी बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क मण्डल बस्ती उत्तर प्रदेश* द्वारा *भारत मुक्ति मोर्चा के 1 जुलाई 2025 को भारत बन्द* का पूर्ण समर्थन किया गया तथा इस भारत बन्द कार्यक्रम आंदोलन को सफल करने के लिए *पूज्य भंते दीपांकर जी द्वारा ₹500 का सहयोग भारत मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष धनंजय कुमार को किया गया।* *पूज्य भंते जी का तहे दिल से धन्यवाद आपके द्वारा दिया गया ₹500 का सहयोग इस आंदोलन के लिए मील का पत्थर साबित होगा।* (नमो बुद्धाय जय सम्राट अशोक महान जय भीम जय मूलनिवासी) Waman Meshram  Udairaj Vidrathi आनन्द कुमार गौतम Dhananjay Kumar Mulnivasi Gurubachan Mulnivasi

बांग्लादेश में चुनाव आयुक्त की जूतों से पिटाई की घटना पर आधारित)

  चेतावनी – भारत के लिए (बांग्लादेश में चुनाव आयुक्त की जूतों से पिटाई की घटना पर आधारित) यह घटना भले बांग्लादेश की हो, लेकिन इसकी गूंज भारत के लोकतंत्र के गले में फंसे सत्य की तरह है। जब जनता को लगता है कि वोट से कुछ नहीं बदलता, चुनाव केवल सत्ता हस्तांतरण नहीं बल्कि सत्ता संरक्षण का उपकरण बन चुका है, और चुनाव आयोग सत्ता का एजेंट बन गया है— तब लोकतंत्र अपनी संवैधानिक भाषा खो देता है और भीड़ की अशब्द भाषा में बोलने लगता है। भारत में आज जो हो रहा है — विपक्ष को कुचलना, EVM पर सवाल को राष्ट्रद्रोह कहना, चुनाव आयोग का एकतरफा मौन, और मुख्य चुनाव आयुक्तों का सत्ता के चरणों में समर्पण — यह सब राजनीतिक नसबंदी का पर्याय है। सत्ता चाहती है कि जनता केवल वोट डाले, सवाल न पूछे। संस्थाएं केवल आदेश माने, विवेक न चलाएं। और चुनाव केवल एक रूटीन इवेंट हो — क्रांति का औजार नहीं। मगर लोकतंत्र का शरीर इतना भी नपुंसक नहीं होता कि वह अन्याय और धोखाधड़ी को चुपचाप सहे। जब सत्य की सारी आवाजें बंद कर दी जाती हैं, तो भीड़ ही आखिरी जज बनती है। **बांग्लादेश की घटना भारत के लिए चेतावनी है — कि अगर संस्थाएं सत्ता ...

पारिवारिक जानकारी -- परिवार -- बौद्ध परिवार

  पारिवारिक जानकारी -- परिवार -- बौद्ध परिवार  समाज --- बौद्ध समाज  जाति   --- जाति नहीं है  वर्ग     ---- सामान्य  धर्म    ---  बौद्ध धर्म   राष्ट्रीयता - भारतीय  मैं सत्य पूर्वक घोषणा करता हूं कि भारत का नागरिक होकर के  हम परिवार सहित  बौद्ध परिवार के होकर  बौद्ध समाज के हैं  और  लोगों के प्रति  मानवता और भाईचारा रखते हैं । हमारी सामाजिक पहचान  बौद्ध परिवार  और  बौद्ध समाज की है । -------*-------- धम्म आचार्य ------ कैलास बौद्ध  , बौद्ध परिवार , बौद्ध समाज , देवास , मध्य-प्रदेश । **************

Ban EVM save Democracy

  डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर जी के सहयोगी लोकहितवादी रावबहादुर सीताराम केशव बोले उर्फ बाबासाहेब बोले ने संस्थागत संगठनों की स्थापना की। भंडारी समुदाय को शिक्षित करने के लिए उन्होंने जबरदस्त प्रयास किए। भंडारी शिक्षण परिषद की स्थापना की। उन्होंने अपना जीवन न केवल भंडारी समुदाय के लिए समर्पित किया, बल्कि पिछड़े, किसानों और श्रमिकों के समुदायों में भी सुधार लाया। उन्होंने अनुसूचित जातियों की ओर से सरकारी स्कूल, कुएँ, अस्पताल, अदालतों के संबंध में बिल प्रस्तुत किया।  1923 में छुआछुत नष्ट करने के लिए अछुतो को सार्वजनिक पीने का पानी उपलब्ध कराया।  1929 में पुणे में उन्हें सर रहिउद्दिन अहमदजी द्वारा 'रावबहादुर' की पदवी दी गयी। 1934 में देवदासी प्रोटेक्शन एक्ट लाकर देवदासी इस अमानवीय प्रथा पर पाबंदी लगवाई  राव बहादुर सीताराम केशव बोले जी के 157 वें जन्मजयंती के अवसर पर सभी मूलनिवासी बहुजनों को हार्दिक बधाईयां...🌹🌹 आयु.गंगा मालवीय (मेम) बहुजन मुक्ति पार्टी भारत मुक्ति महिला मोर्चा,उज्जैन,म.प्र. 1जुलाई 2025 *भारत बंद* #Bhart Band against EVM  #Ban EVM save Democracy #✅ Ball...

देश के मूलनिवासी को सोचना है कि एक अड़ानी को दुनिया का बड़ अमीर बनना, बनाना है तो मूलनिवासी को खत्म कर के किया जाएगा

  देश के मूलनिवासी को सोचना है कि एक अड़ानी को दुनिया का बड़ अमीर बनना, बनाना है तो मूलनिवासी को खत्म कर के किया जाएगा, मूलनिवासी को भारत का पर्यावरण खत्म कर के किया जाएगा? मूलनिवासी को वन खत्म करने वाला विकास नहीं चाहिए। अरब पति तो AC  में चले जाएंगे ठंडे स्थान पर चले जाएंगे गर्मी में , मूलनिवासी गरीब कहां जाएंगे? मूलनिवासी तो उच्च तापमान पर मर जाएंगे। ऐसी हत्यारी सरकार को इस विकास को रोकना जरूरी।  अगला चुनाव मूलनिवासी के लिए वन संरक्षण किया जाए, इसके विरूद्ध विदेशी सोच मूलनिवासी के दुश्मन संगठन पार्टी को सत्ता से हमेशा के लिए दूर करना जरूरी। इस मुद्दे पर चुनाव रणनीति बनाने की जरूर । वन रहेंगे तो मूलनिवासी का जीवन रहेगा। वन नहीं तो मूलनिवासी खत्म। फिर यह विकास किसके लिए?  जिसको मूलनिवासी,  मानव जीवन के खिलाफ विकास चाहिए तो वो विदेश जाए। मूलनिवासी अपना विकास कर लेंगे। विकसित देश क्या कर रहे? अति आधुनिक हथियार बना कर  , जो विकास किया उसको मिट्टी में मिला रहे निर्दोष मानव  को खत्म कर रहे! यह आधुनिक विकास कुछ अमीर लोगों की सुख सुविधा विलास के लिए है। शेष ...

पहले दलितों के साथ ब्राह्मण अत्याचार करते थे और करते आ रहे हैं अब ओबीसी के साथ ब्राह्मण अत्याचार घोर अन्यायकर रहे हैं

  बीजेपी का राज में पूरा भारत में हर राज्य में डबल इंजन सरकार फेल हो रही है पहले दलितों के साथ ब्राह्मण अत्याचार करते थे और करते आ रहे हैं अब ओबीसी के साथ ब्राह्मण अत्याचार घोर अन्यायकर रहे हैं इस डबल इंजन की सरकार की उम्मीद लेकर ब्राह्मण माथे पर बैठ चुके हैं ब्राह्मण हथियार उठा लिए हैं ब्राह्मण ओबीसी के लोगों को मल मूत्रखिला रहे हैं बाल काट रहे हैं माथे पर पेशाब कर रहे हैं पूरा देश में इस डबल इंजन की सरकार इमरजेंसी से भी खतरनाक साबित हो रही है डबल इंजन का हवाई जहाज फेल हो गया डबल इंजन की सरकार फेल हो गई अंधभक्त चाहे कितनी ही छाती ठोकले लेकिन इनकी फचेती हो चुकी है अंध भक्तों को चुल्लू भर डूब कर मर जाना चाहिए जो अपने ओबीसी भाइयों की बेइज्जती ब्राह्मणों द्वारा करवा रहे हैं और ब्राह्मण का नेतृत्व में दरिया झाड़ रहे हैं तालियां बजा रहे हैं नारे लगा रहे हैं

Secularism और Socialism का विरोध, सीधे तौर पर देश द्रोह है।

  बहुत भयंकर रूप से महत्वपूर्ण विषय  Secularism और Socialism का विरोध, सीधे तौर पर देश द्रोह है। संविधान से Secularism शब्द का खत्म होने का सीधा सा मतलब यह है  ,  देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करना। यदि देश हिंदू राष्ट्र बनता है तो इसाई धर्म और इस्लाम धर्म के साथ साथ  भारत के मूल धर्मों , जैसे सिख धर्म,जैन धर्म, बौद्ध धर्म का भी अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा। क्यों हिंदू धर्म का मुखिया ब्राह्मण होता है । जैसा का आपने देखा  यादव जाति के कुछ लोगों को भागवत कथा कहने पर उन्हें भयंकर रूप से बेइज्जत किया गया , इससे पहले एक पटेल महिला कथा वाचक का भी भयंकर अपमान किया गया था । Sc, St,obc के लोगों की तो हिन्दू धर्म में औकात क्या है , ये बात भारत में पैदा हुआ हर आदमी जानता है । दुसरे Socialist शब्द को हटाने का मतलब है भारत को capitalist (पुंजीवाद ) राष्ट्र घोषित करना । यानि इसका मतलब ये हुआ कि आगे चलकर गरीबों को जिंदा रहने वाली सारी योजनाएं इसकी आड़ में बंद करने का प्लान है । ये गंभीर बाते सब देशवासियों को गंभीरता से समझनी चाहियें । अपने सब सगे संबंधियों, दोस्तों, रिस्तेद...

EVM मशीन बंद हो तथा बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए,

  #मान्यवर_रमेश_निषाद_जी  चेयरमैन प्रतिनिधि नगर पंचायत मेहदावल  जिलाध्यक्ष पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ #समाजवादी_पार्टी जनपद #संतकबीरनगर मान्यवर शूद्र ओमकार यादव जिला सचिव पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ समाजवादी पार्टी जनपद संतकबीरनगर को #भारत_मुक्ति_मोर्चा का समर्थन पत्र देकर भारत बंद करने में साथ सहयोग करने का अपील किया गया इसमें #ओमकार_जी ने पूर्ण सहमति दिया और #रमेश_जी कहा कि EVM मशीन बंद हो तथा बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए, बोधगया को ब्राह्मणों से मुक्त होना चाहिए,भारत में जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए,वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 रद्द होना चाहिए साथ ही साथ जो उत्तर प्रदेश में स्कूलों को मर्ज करके विद्यालय बंद किया जा रहा है इसके विरोध में अपने समर्थन दिया और 1 जुलाई 2025 के भारत मुक्ति मोर्चा के भारत बंद में साथ सहयोग और समर्थन करने का आश्वासन दिया।  Waman Meshram  आनन्द कुमार गौतम  #जय_मूलनिवासी

विश्व के पांच, सब से महान एक्टर्स

  विश्व के पांच, सब से महान एक्टर्स 5. अभिनेता: टीवी पर दिखनेवाले एक्टर्स, एक्टर्स होने की एक्टिंग के लिए मशहूर हैं, अपनी दमदार एक्टिंग से ये लोग किसी को पता नहीं चलने देते की वाकई में वे क्या है, इस के लिए इन्हे विभिन्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जाता हैं  4. नेता : ये एक्टर्स राजा होने की शासक होने की देश चलाने की देश बचाने की, देश संभालने की और देशभक्त होने की खूब एक्टिंग  करते हैं इसके लिए उन्हें बड़े बड़े अवॉर्ड से सम्मानित किया जाता हैं  3. उद्योग पति : ये एक्टर्स अमीर होने की, लोगो को रोजगार देने की  सफल और स्वतंत्र होने की जबरजस्त एक्टिंग करते हैं अपनी अनर्थ व्यवस्था के लिए इन्हे इंटरनेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया जाता हैं  2. वर्किंग प्रोफेशनल : ये एक्टर्स, लोगो को लूटकर उनकी भलाई करने की गजब एक्टिंग करते हैं ज्यादातर लोग उन्हें आदरभाव से देखते हैं और ये आदरभाव ही उनके लिए सब से बड़ा अवॉर्ड है  1. आम आदमी: ये महान एक्टर्स विश्व के नंबर वन एक्टर्स होते हैं ये लोग जिवन जीने के एक्टिंग करते है, मजे में हूं, ये कहकर खुश दिखने की ऐक्टिंग में इनका कोई म...

गर्भ दिव्य है।

  गर्भ दिव्य है। इस धरती पर हर जीवन इस पवित्र और शक्तिशाली मार्ग से प्रवेश करता है। सारी सृष्टि महान स्त्री के गर्भ से शुरू होती है। गर्भ की सच्ची समझ को छिपाया गया है। यह रहस्य कि यह एक एकल कोशिका को पूर्ण रूप से विकसित मानव में कैसे बदल देता है, अस्तित्व के सबसे बड़े रहस्यों में से एक है। यह ज्ञान छिपा हुआ है, जिससे हम मानव शरीर की अविश्वसनीय बुद्धिमत्ता, विशेष रूप से स्त्री शरीर की गहरी क्षमताओं को पहचानने से बचते हैं। यीशु पुनरुत्थान का प्रतीक है, जो हमारी अपनी यात्रा को दर्शाता है। हम जन्म लेते हैं, और पुनर्जन्म के माध्यम से, हम बार-बार पुनर्जीवित होते हैं, जब तक कि हम पार करने के लिए आवश्यक सबक नहीं सीख लेते। तभी आत्मा उच्चतर क्षेत्रों में जा सकती है।✍🏻👤♈🔺👁️🔺♑

सत्य पांच प्रकार के होते हैं

  #सत्य पांच प्रकार के होते हैं  1. मीठे सत्य : परिचित लोग मीठे सत्य बताते है जिसे आप पहले से जानते हैं जिससे किसी का कुछ बिगड़ता नही जिसमे कोई गुनेगार कोई नही होता , जो सत्य कुछ काम में नही आता  2. अधूरे सत्य: शिक्षक डॉक्टर वकील आपकों अधूरे सत्य बताते हैं जो आपकी मदद करते हैं आपकों नुकसान पहुंचाने के लिए 3. कड़वे सत्य : सच्चे दोस्त, अच्छे उपरी अधिकारी आपकों कड़वे सच बताते हैं जिससे आप टेंपररी बेस पर सफलता हासिल कर लेते हो पर इससे समाज, देश प्रकृति को कोई फायदा नही होता  4. तीखे सत्य : so called अच्छे पत्रकार, धर्म गुरू, मोटीवेशन स्पीकर और ज्ञान बांटू यूट्यूबर आपकों कुछ तीखे सत्य बताते हैं इससे आप सफल होते हैं बाकीओ को विफल कर के,  5. नग्न सत्य : क्रान्तिकारी, दार्शनिक और दुनिया जिन्हें कॉन्सपेरेसी थीयोरिस्ट(पागल) कहती हैं वो ही आपको इस तरह के 360 डिग्री सत्य बताते हैं, ये सत्य आपके लिए आनेवाली पीढ़ी के लिए, प्रकृति और जीव सृष्टि के संरक्षण लिए जरुरी होते हैं इसे दबाने के लिए बाकी लोग गौण अधुरे घीसेपीटे अनावश्यक सत्य बताते रहते है 

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता BNSS की धारा 35 पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता BNSS की धारा 35 पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि 👇🏼 पुलिस व्हाट्सएप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से आरोपियों या संदिग्धों को नोटिस नहीं दे सकती। दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के तहत निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुपालन पर जोर देते हुए, अदालत ने पुलिस को कानूनी पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए व्यक्तिगत रूप से नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने घोषित किया है कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 35 के तहत नोटिस व्हाट्सएप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से नहीं दिए जा सकते। यह निर्णय कानूनी नोटिस देने के लिए स्थापित प्रक्रियाओं का पालन करने के महत्व को रेखांकित करता है ताकि प्राप्तकर्ताओं द्वारा स्पष्टता, जवाबदेही और पावती सुनिश्चित की जा सके। यह निर्णय ऐसे मामलों के जवाब में आया है, जहां नोटिस भेजने के लिए संचार के इलेक्ट्रॉनिक तरीकों का इस्तेमाल किया गया, जिससे प्रक्रियागत अस्पष्टताएं पैदा हुईं और उचित प...

420 = मनुवाद के तीर से

  .✍️📢 *जी करता है दिखा दूँ सीना चीर के*  *कलेजा छलनी हुआ पड़ा है,*  *मनुवाद के तीर से !!*  *हमारे पूर्वज राक्षस और राक्षसों के,*  *अवतार हो गये !!*  *इस तरह हम चक्रवर्ती से कुर्मी ,*  *और कुम्हार हो गये !!*  *ये यूरेशियन भारत में शरणार्थी बन कर आये थे !*  *रोटी भी हम लोगों से माँग कर खाये थे !!*  *फिर धीरे-धीरे वो हमारे,*  *कबीलों के सरदार हो गये !!*  *इस तरह हम चक्रवर्ती से पाल और कलार हो गये !!*  *हमारी संस्कृति और सभ्यता को मिटाया था,*  *जान ना ले हकीकत इसलिए,*  *हमारा इतिहास भी जलाया था !*  *रहते थे जो फिरंगी मेहमान बन कर*  *वो राजा, वजीर और सूबेदार हो गये !*  *इस तरह हम चक्रवर्ती से कहार हो गये !!*  *वैदिक सभ्यता थी इनकी !*  *जो इंसान को इंसान ना समझे,*  *वो धर्म नहीं ऐसा अधर्म था !!*  *वर्णवाद और जातिवाद के कारण,*  *समाज के टुकड़े हजार हो गये !*  *इस तरह हम चक्रवर्ती से तेली*  *नाई, लोधी और महार हो गये !!*  *सरेआम बहन-बेटियों की इज्ज़त को ,*  *नीलाम...

आजादी का आंदोलन ब्राह्मणों ने शुरु किया था, लोगों को जानकारी का अभाव है l

  आजादी का आंदोलन ब्राह्मणों ने शुरु किया था, लोगों को जानकारी का अभाव है l 👆👆 खबर पढ़े l कुछ समझ में आएगा ll देश से अंग्रेजो को भगाने का आंदोलन ब्राह्मणों ने  क्यों चलाया था इसके हजारों कारण है, लेकिन तीन कारण महत्वपूर्ण है l (1) 5अगस्त 1774 को जालसाजी के केस में नंद कुमार नामक बंगाली ब्राह्मण को अंग्रेजो द्वारा फांसी पर लटकाना l इससे पहले विगत ढाई तीन हजार वर्षों के काल में ब्राह्मण को कोई फांसी की सजा नही हुई थी चाहे वह कितना ही बड़ा अपराध क्यों न कर दे l इस घटना से यूरेशियाई ब्राह्मण आग बबूला हो गया l (2) सन 1854 में कलकत्ता, मद्रास तथा मुंबई में विश्वविद्यालयो को स्थापना l यूरेशियाई ब्राह्मण ने यहां के मूल निवासीयो को अक्षर ज्ञान भी देना नही चाहते हैं, ओर अंग्रेज उन्हे विश्व का ज्ञान देना चाहते थे, यह बात कैसे हजम हो सकती थी l (3) सन 1918 ने विधि मंडल का गठन l अभी तक जो भी कानून बनाते थे उसमे प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से यूरेशियाई ब्राह्मण की दखल अंदाजी थी, वह उन्ही के अनूकूल कानून बनवाकर लागू करवाते थे, विधि मंडल का गठन अर्थान कानून बनाने वाली संस्थाओं की स्थापना l पढ़ो...

भाग्य ,भगवान, भूत-प्रेत, ईश्वर, देवी-देवता, पूर्वजन्म पुनर्जन्म , ज्योतिष सब ब्राह्मणों के मायावी प्रोडक्ट हैं ,शूद्र यानी एससी एसटी ओबीसी के लोग जब तक इनके ग्राहक बने रहेंगे ठगे जाते रहेंगे

  भाग्य ,भगवान, भूत-प्रेत, ईश्वर, देवी-देवता, पूर्वजन्म पुनर्जन्म , ज्योतिष सब ब्राह्मणों के मायावी प्रोडक्ट हैं ,शूद्र यानी एससी एसटी ओबीसी के लोग जब तक इनके ग्राहक बने रहेंगे ठगे जाते रहेंगे उन्हें ठगे जाने का एहसास तभी होगा जब अपने समतावादी महापुरुषों फुले साहू अम्बेडकर और पेरियार आदि के साहित्य पढ़ेंगे और बहुजन संगठनों से जुड़कर इस ठगी का पर्दाफाश करेंगे अगली पीढ़ी को भी ब्राह्मणी प्रोडक्टों के ग्राहक बनने से रोककर उनको वैज्ञानिक दृष्टिकोण और मानवता वादी विचारों से लैस करेंगे , तभी भारत से ब्राह्मण शाही का अंत करके बहुजन शाही कायम करके समतावादी महापुरुषों के सपनों का प्रबुद्ध व समृद्ध भारत का निर्माण कर सकेंगे। चन्द्रभान पाल 

कृषि तकनीकी सहायक ग्रुप-सी भर्ती में ओबीसी,एससी कोटा की हकमारी

  *कृषि तकनीकी सहायक ग्रुप-सी भर्ती में ओबीसी,एससी कोटा की हकमारी* ******************************** 👉 *उ. प्र. आरक्षण नियमावली का भाजपा सरकार में गला घोंटा जा रहा-लौटनराम निषाद* *लखनऊ*। उ.प्र. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) के द्वारा कृषि निदेशक/कृषि विभाग उ.प्र. में प्राविधिक सहायक ग्रुप-सी के 3,446 स्थायी पदों पर नियुक्ति परीक्षा होनी है।उत्तर प्रदेश आरक्षण नियमावली-1994 के अनुसार ओबीसी को 27 प्रतिशत,एससी को 21 प्रतिशत व एसटी को 2 प्रतिशत आरक्षण कोटा निर्धारित किया गया है। 103वें संविधान संशोधन के द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को गैर संवैधानिक 10 प्रतिशत कोटा देकर दिया गया।  ईडब्ल्यूएस पूरी तरह से सवर्ण कोटा है,जिसमें ओबीसी,एससी,एसटी का प्रतिनिधित्व वर्जित है,जिसका 80-90 प्रतिशत लाभ ब्राह्मण जाति को ही मिल रहा है।विगत महीने संघ लोक सेवा आयोग-2024 का 1009 पदों का अनंतिम परिणाम घोषित हुआ,जिसमें ईडब्ल्यूएस के 101 पदों में से 80 पद पर  सिर्फ ब्राह्मण चयनित हुए। समाजवादी पार्टी पिछड़ावर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चौ.लौटनराम निषाद ने कहा कि जब से...

देश के मूलनिवासी बहुजन समाज के लोगों को आगाह करना चाहता हूं कि भारतीय संविधान होने के बावजूद देश में पूंजीपति, दबंग, धनाढ्य ,मनुवादी सोच के लोग संविधान को नजरअंदाज कर कार्य कर रहे है ।

  साथियों जय मूलनिवासी  देश के मूलनिवासी बहुजन समाज के लोगों को आगाह करना चाहता हूं कि भारतीय संविधान होने के बावजूद देश में पूंजीपति, दबंग, धनाढ्य ,मनुवादी सोच के लोग संविधान को नजरअंदाज कर कार्य कर रहे है ।  देश में सार्वजनिक क्षेत्र को खत्म कर निजीकरण किया जा रहा है , निजीकरण में संवैधानिक प्रतिनिधित्व नहीं है तो संविधान लागू होने के बाद भी शून्य हो गया है ।  पुनः संवैधानिक अधिकार प्राप्त करना है तो देश भर में जन आंदोलन किए बिना समस्या का समाधान नहीं है ।  आंदोलन से कांग्रेस ने अंग्रेजों को भगाकर सत्ता प्राप्त की, बर्फोस घोटाला का आंदोलन वीपी सिंह की अगुआई में किया वो प्रधान मंत्री बने, लोकपाल का आंदोलन अरविंद केजरीवाल ने किया तो मुख्यमंत्री बना ।  हम बहुजन भी जन आंदोलन निर्माण करते है तो हमारा भविष्य हम खुद लिख सकते है ।  राष्ट्रीय स्तर का  1 जुलाई को भारत बंद किया जा रहा है जिसमें निम्न मुद्दा रखा गया है । 1. ईवीएम के विरोध में और बेलेट पेपर के समर्थन में 2. केंद्र सरकार ओबीसी की जाति आधारित गिनती नहीं करने के विरोध में 3. आरएसएस और बीजेपी द्...

सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या घटने का कारण

  **सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या घटने का कारण** ✍🏻 *— अक़रम ख़ान* आज हम देख रहे हैं कि अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या लगातार घट रही है। अभिभावक अपने बच्चों को या तो निजी स्कूलों में भेज रहे हैं या फिर शिक्षा से निराश होकर उन्हें घर पर ही बिठाने लगे हैं। इस गिरावट के पीछे एक मुख्य कारण है — शिक्षकों की भारी कमी, विशेष रूप से **कक्षा अनुसार (Class-wise)** और **विषय अनुसार (Subject-wise)** शिक्षकों की अनुपलब्धता। ### मुख्य समस्याएं: 1. **एक शिक्षक, पांच कक्षाएं:**    बहुत से प्राथमिक विद्यालयों में केवल एक ही शिक्षक नियुक्त है, जो पहली से पांचवीं तक की सभी कक्षाओं को पढ़ाने के लिए मजबूर है। इससे किसी भी कक्षा के बच्चों को न तो पूरा समय मिल पाता है, न गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा। 2. **विषय विशेषज्ञों की कमी:**    गणित, विज्ञान, हिंदी या अंग्रेज़ी जैसे प्रमुख विषयों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित शिक्षक नहीं हैं। एक ही शिक्षक सभी विषयों की जिम्मेदारी निभाता है, चाहे वह विषय उसका विशेषज्ञ क्षेत्र हो या नहीं। 3. **बच्चों में रुचि की कमी:...

बालू/सीमेंट का गुण

  *_बालू/सीमेंट का गुण--* ❓ बालू सीमेंट कही पड़ा हुआ है तो वो कचरा सामान है।इसको किसी सांचे में डाल दीजिए तो महल दिखने लगता है। ❓ 85 को भक्ति मनुस्मृति/कुरान और काल्पनिक आईकॉन के सांचे में डालकर हिंदू मुसलमान नामक महल खड़ा कर दिया है। ❓ इसी 85 को आप ध्यान संविधान वास्तविक आइकॉन के सांचे में डाल दीजिए यही 85 बहुजन नामक महल खड़ा कर देगा ❓ आप मनुवाद के खिलाफ कितना भी समझाइए अगर उसको आप बहुजन के फ्रेम में नहीं ला पा रहे है तो आपकी सारी मेहनत बेकार होने वाली है। ❓ आपके घर में भगवान है तो आप हिंदू है अगर महापुरुष है तो आप बहुजन है और बहुजन है तो आप अपने पूर्वजों की विरासत को धरोहर के रूप में फिर से संजो देंगे ❓ हमारे पूर्वज लोकतंत्र के समर्थक थे समता के समर्थक थे इंसानियत के समर्थक थे तो उनका फोटो घर में होना चाहिए या उन झूठे लोगों का जिनका न जन्म का पता ना मरण का पता न किसी काम का पता फिर ऐसी काल्पनिक चीजों से जुड़ने से आप आने वाली पीढ़ी को क्या देकर जाएंगे ❓ नीचता ❓ घंटा          देवेंद्र यादव *भारतीय शूद्र संघ* *(BSS)*

भगत रविदास के 'बेगमपुरा खालसा राज' सपने को साकार करने के लिए हमें गुरु नानक पातशाह द्वारा बताए गए "प्रेम के खेल" के मार्ग पर चलना चाहिए।

  *भगत रविदास के 'बेगमपुरा खालसा राज' सपने को साकार करने के लिए हमें गुरु नानक पातशाह द्वारा बताए गए "प्रेम के खेल" के मार्ग पर चलना चाहिए। साहस, बलिदान और प्रेम के माध्यम से, बेगमपुरा एक सपना नहीं, बल्कि यह हमारी सामूहिक नियति बन जाता है।* - सरदार जीवन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष बीडीपी  ***************************************** बहुजन द्रविड़ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार जीवन सिंह को आज दिनांक 23 जून, 2025 को बारू साहिब के प्रबंधन कमेटी द्वारा इटरनल विश्वविद्यालय के छात्रों को उनके विश्वविद्यालय सभागार में संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया। सभागार में उपस्थित छात्र, शिक्षक और संगत को सम्बोधित करते हुए सरदार जीवन सिंह जी ने कहा.... वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह।। प्रिय छात्रों, शिक्षकों और संगत के सम्मानित सदस्यों को सुप्रभात। पिछले दो वर्षों से, मैं इस केंद्र के बारे में सुन रहा था, लेकिन मैंने कभी इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। हाल ही में, मैंने जब अपने जिले के पास स्थित अकाल फार्म का दौरा किया और वहां जो मैंने देखा, उससे मैं वास्तव में आश्चर्यचकित रह...

इसमें अहीर, कुर्मी, तेली तीनों कथित शूद्र कथावाचकों को मनुस्मृति के नियमानुसार दंड।

  इसमें अहीर, कुर्मी, तेली तीनों कथित शूद्र कथावाचकों को मनुस्मृति के नियमानुसार दंड। मनुस्मृति विधान के नियमानुसार यही कटु सत्य हैं स्वीकार करो और इस व्यवस्था में जो भी हैं वह ख्याल रखे यह मनु महराज का विधान हैं। ब्राह्मण आयोजक ने कथावाचक यादव के साथ मनुस्मृति विधान का ईमानदारी से सत प्रतिशत पालन किया बल्कि कम पालन किया मानवता दिखाया नहीं तो मनुस्मृति लिखित नियमानुसार शूद्र को मंत्र का उच्चारण करना मतलब जीभ काट दिया जाता, मंत्र सुनने पर कान में शीशा पिघला कर डाल दिया जाता इत्यादि और भी तमाम लिखित नियम है मनुस्मृति एक बार जरूर पढ़े सभी प्रकार के नियम पता रहे ताकि भविष्य में मंत्र और धर्म के प्रति कोई गलती न हो नहीं तो अपमानित होने के साथ साथ जान भी गंवाना पड़ सकता हैं। तथाकथित शूद्र-अतिशूद्र अपमानित होने, लात खाने, मूत्र शुद्धिकरण कराने, मूढ़ मुड़वाने, जान गंवाने इत्यादि खुद तुम जाते हो और आरोप लगाते हो कि ब्राह्मण बुरा है ब्राह्मण बुरा नहीं है बल्कि वह अपने वैदिक धर्म के अनुसार मनुस्मृति विधान का शत प्रतिशत ईमानदारी से पालन करता हैं निकम्मे नालायक तुम हो जो अपने पुरुखों के बताए हु...

अब तो जागो ,SC /ST /OBC/आने वाले पीडी को आपकी खामोशी गुलाम बनाते है

  अब तो जागो ,SC /ST /OBC/आने वाले पीडी को आपकी खामोशी गुलाम बनाते है घर आपको आपके गुलामी से बचाना है तो तमाम संख्यांक मुस्लिम मायनॉरिटी एक बनकर सत्ता काबीज  करना यही मक्सद रखो का करने वाली है और आपको गुलाम करना आपके गुलाम करना यही मक्सद का दिख रहा है उठो जागो तमाम एससी एसटी ओबीसी अल्पसंख्यांक मुस्लिम एक बनव

यादव कथा वाचकों पर पेशाब छिड़कना बहुत भारी पड़ेगा ब्राह्मणों को ,,,, चेतन बैरवा , एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट

  यादव कथा वाचकों पर पेशाब छिड़कना बहुत भारी पड़ेगा ब्राह्मणों को  ,,,,  चेतन बैरवा  , एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट  ,,,,,,,  सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट चेतन बैरवा ने कहा कि ब्राह्मणों को , यादव कथा वाचकों पर महिला ब्राह्मणी का पिसाब छिड़कना उनके लिए बहुत भारी पड़ेगा । इटावा कांड के मुख्य सूत्रधार रेणु तिवाड़ी ( ब्राह्मणी ) और उसका आदमी अब पत्रकारों के सामने रो रहे हैं , गिड़गिड़ा रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्हें यादवों से धमकी मिल रही हैं कि वे उनकी लड़कियों को उठा ले जायेंगे ।  लेकिन इन ब्राह्मणों को तब बड़ा अच्छा लग रहा था जब ये लोग यादव कथावाचकों के साथ मार पीट कर रहे थे , उनके साथ गाली गलौच कर रहे थे , उनके बाल मुड़वा रहे थे , उनसे अपने पैरों में नाक रगड़वा रहे थे । रेणु तिवाड़ी का हसबैंड और गांव के बाकी ब्राह्मण उन कथा वाचक यादवों पर रेणु तिवाड़ी का पेशाब डाल रहे थे । इस नशे में कि यादव तो शुद्र होते हैं , इनकी हिम्मत कैसे हुई शुद्र होकर कथा वाचन करने की ।  अब भुगतो नतीजे , जैसा करोगे वैसा ही भरोगे भी । तुम दूसरों पर अत्याचार करोगे तो दूसरे लोग भी तुम पर...

कहां जा रहा है देश, कैसा होगा आपके बच्चों का भविष्य........अगर आपको अपने बच्चों से प्यार है तो समय निकालकर जरूर सोचिए।

  *कहां जा रहा है देश, कैसा होगा आपके बच्चों का भविष्य........अगर आपको अपने बच्चों से प्यार है तो समय निकालकर जरूर सोचिए।*  👉हस्तिनापुर का दुर्भाग्य ये नहीं था कि उसका राजा अंधा और चोर था। हस्तिनापुर का असली दुर्भाग्य ये था कि वहां की जनता मौन और कायर थी। इस सच्चाई को द्रौपदी से बेहतर और कौन समझ सकता है? 👉आज भारत में हर जगह सीनाजोरी, लूट और भ्रष्टाचार है। जनता तबाह और समाज लाचार है। ऊपर से लेकर नीचे तक थाना, पुलिस, अदालत सब दिन दिहाड़े जनता को लूट रहे हैं। मगर जनता चुप है.... ➡️देश का एक राज्य मणिपुर 2 सालों से अधिक समय से धधक रहा है, मगर प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री सिर्फ चुनावी रैलियां करने में बिजी हैं। ऐसा लग रहा है कि इस सरकार ने मणिपुर के लोगों को उसके हाल पर मरने के लिए छोड़ दिया है। ➡️किसने सोचा था कि अच्छे दिन में देश के 80 करोड़ लोग 5 किलो राशन पर जिंदा रहेंगे। देश की 40 फीसदी संपत्ति सिर्फ 1 प्रतिशत अमीरों के पास हो जाएगी। बेरोजगारी 45 सालों का रिकार्ड तोड़ देगी और किसानों और बेरोजगारों के पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। ➡️ आज 15 हज़ार की नौकरी के ...

फिर इन्तजार अब किसका है~* *~~ कुछ आर करो कुछ पार करो

*~~ फिर इन्तजार अब किसका है~* *~~ कुछ आर करो कुछ पार करो~~* *हम सभी मुसाफिर कुछ पल के, किस ओर ढकेले जायेंगे ?* *चाहे जितने भी जतन करो, पर सभी अकेले जायेंगे।* है चार दिनों की चमक, इसे धुंधला हो कर खो जाना है। पहले भी गुजरे हैं ये पल, चिर निद्रा में सो जाना है। *फिर इन्तजार अब किसका है, कुछ आर करो कुछ पार करो।* *सौदागर बन कर आये हो, अब खुल कर के व्यापार करो।* जो इंसानों के सौदागर, उनको मत आगे बढ़ने दो। हैं वीर बांकुड़े अभी बहुत, उनको मत शूली चढ़ने दो। *माना है उनमें नशा धर्म का, चक्कर खाये रहते हैं।* *उनकी आवाज बुलन्द रहे, कितना बौराये रहते हैं ?* उद्देश्य तभी होगा पूरा, अब उनको आगे लाना है। उनको उनके ही हाथों से, उनका ही घर जलवाना है। *भावना यही तो पनपी है, जिसका है कोई अन्त नहीं।* *खो गये अनेंकों आँधी में, जिन देखे कभी बसन्त नहीं।* हम अपने आप नशे में हैं, हम अपने आप जागते हैं। जब दिशा ज्ञान ही छूटा है, मन चाही दिशा भागते हैं। *धुंधली धुंधली है शाम अभी, करना है काफी काम अभी।* *कुछ कदम छिपा कर ही चलना, कर डालेंगे बदनाम अभी।* अब तो मौसम ही बदल गया, सब छूट गये हैं राहों में। कुछ सिसक रहे कुछ ...

प्रबुद्ध भारत से क्रुद्ध भारत की ओर

   *प्रबुद्ध भारत से क्रुद्ध भारत की ओर*       *शूद्र प्रवेश वर्जित है।* ये वाक्य कहीं कहीं पर मंदिरों में लिखा हुआ पाया जाता है। आखिर शूद्र है कौन ? *अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग अनुसूचित जाति के लोगों को शूद्र मानते हैं और अनुसूचित जाति के लोग अन्य पिछड़ा वर्ग को।* जिन्होंने शूद्र की उत्पत्ति की है वे शान्त हैं और अन्तर्कलह का आनंद ले रहे हैं।     ये सभी समाज से जबरदस्ती निष्कासित किये गये बहिष्कृत भारत के लोग हैं जो बाद में मूक नायक बनकर उभरे और वर्तमान में प्रबुद्ध भारत में समाहित होने का प्रयास कर रहे हैं। मगर उनका प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। *ये शब्द वर्जित करने के लिये नहीं बल्कि मनोबल गिराने के लिये लिखे गये हैं।*         *बहिष्कृत भारत से प्रबुद्ध भारत में विस्थापित लोग आज एक ऐसे मुकाम पर आ कर खड़े हो गये हैं जहाँ पर उनके अपने ही कहे जाने वाले लोग एक वैचारिक विभाजन की त्रासदी के शिकार हो गये हैं।* देश के बहुत सारे छोटे बड़े मन्दिरों में प्रवेश को लेकर लोगों की जाति पूछकर प्रवेश नहीं कराया जाता।     वे वहाँ जाकर ...

अंडभक्त क्यों यहूदियों को जबरन अपना बाप बना रहे हैं?

  अंडभक्त क्यों यहूदियों को जबरन अपना बाप बना रहे हैं? जबकि यहूदी और मुस्लिम में ये समानताएं हैं: 1. Abraham अब्राहम से दोनों धर्म शुरू, जेरुसलेम धर्म स्थल  2. सुन्नत (खतना) भी कराते हैं  3. Scull टोपी पहनाव  4. गौ माँस खाना  5. एक ईश्वर वाद  6. मूर्ती पूजा विरोधी

दुनिया के बौद्धों की विरासत बुद्धगया का बहुत पुराना प्राचीन इतिहास है। कपिलवस्तु के राजकुमार सिद्धार्थ गौतम की ज्ञानस्थली तपोभूमि संबोधि प्राप्त स्थान है। चक्रवर्ती सम्राट अशोक महाराज ने वज्रासन Diamond Throne का निर्माण कराया था।

दुनिया के बौद्धों की विरासत बुद्धगया का बहुत पुराना प्राचीन इतिहास है। कपिलवस्तु के राजकुमार सिद्धार्थ गौतम की ज्ञानस्थली तपोभूमि संबोधि प्राप्त स्थान है। चक्रवर्ती सम्राट अशोक महाराज ने वज्रासन Diamond Throne का निर्माण कराया था। बोधिसत्व से सम्यक संबुद्ध बने उस वृक्ष को बोधिवृक्ष कहा गया है। बोधिमंड, संबोधि शब्दों का उल्लेख असोक महाराजा के सिलालेखों (शिलालेखों) में मिलता है। जिस स्थान पर तीन मंजिला महाबोधि स्तूप मौजूद है। वहां पर पहले संबोधि स्तूप महाराज असोक द्वारा निर्मित किया गया था। प्रथम शताब्दी में महाराज कनिष्क द्वारा निर्मित वर्तमान की इमारत है जो महाराज कनिष्क के पोते हुविष्क के समय पूरी होने का ऐतिहासिक उल्लेख मिलता है। महाबोधि महाविहार मुक्ति का तीसरा आंदोलन जारी है। 1891 से अनागारिक धर्मपाल जी के द्वारा 1933 तक उसके बाद महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया के साथ मिलकर 1949 को The BodhGaya Temple Act 1949 बना और संचालन जारी है।  1991-92 में डॉ आंबेडकर जन्म शताब्दी वर्ष में नागपुर के भिक्खु डी संघरक्षित और भिक्खु सागतबोधि रंगाचार्य (जगदीप रंगारी, दि बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया और...

सामाजिक चरित्र निर्माण में भारतीय संस्कृति में हिंदू ब्राह्मण धर्म के हिंदुत्व में अंधविश्वास,अंधभक्ति से संविधान इंसान इंसानियत को खतरा पर चिंतन!

  सामाजिक चरित्र निर्माण में भारतीय संस्कृति में हिंदू ब्राह्मण धर्म के हिंदुत्व में अंधविश्वास,अंधभक्ति से संविधान इंसान इंसानियत को खतरा पर चिंतन! ---------------------------------------------------------------------------          धार्मिकता,संस्कारों का महत्व भी गरीब,मध्यम परिवारों के लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। अमीरों के लिए धन से अधिक महत्वपूर्ण कुछ नहीं है।संस्कार,चरित्र का निर्माण भारतीय समाज,देश के लिए बहुत आवश्यक है।चरित्र निर्माण में भारतीय समाज,संस्कृति,शिक्षा,रोजगार के लिए जरूरी है। समाज ही अच्छे राष्ट्र का निर्माण होता हैं।           चरित्र निर्माण हमारी सोच पर निर्भर है। सांस्कृतिक विरासत,संस्कृति पर निर्भर करता है। राष्ट्र एवं समाज निर्माण में परिवार, समाज के वातावरण में माता पिता की भूमिका महत्वपूर्ण है। समाज के निर्माण नैतिकता सोच पर निर्भर होती है, चरित्र निर्मण के लिए संस्कारों का होना जरूरी होता है। इसके लिए धर्म,कर्म, सेवा भाव के अतिरिक्त संभव नहीं हो सकता है।चरित्र निर्माण में जन्म बातावरण की भूमिका के ...

मोदी भाजपा सरकार सरकारी उपक्रमों का निजीकरण करके दुरुपयोग कर रही हैं,

  मोदी भाजपा सरकार सरकारी उपक्रमों का निजीकरण करके दुरुपयोग कर रही हैं, जिससे संविधान लोकतंत्र को खतरा पैदा हो रहा पर चिंतन! ------------------------------------------------------------------------               भारत के लोकतंत्र में आज तक सेना की भागीदारी तो रही, लेकिन मोदी शासन काल में सेना का भी खूब उपयोग हुआ। चाहे वह सरजीकल स्ट्राइक हो ,या अग्निपथ योजना के द्वारा अग्निवीर सैनिक भर्ती इस्तेमाल हुआ है।           मोदी सरकार के गलत फैसलों की बजह से देश आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। इसलिए कम खर्च करके चार साल के लिए सैनिकों की भर्ती करनी पड़ रही है। यह देश की सेवा के नाम पर नौजवान बेरोजगारों के भविष्य से भाजपा खिलवाड़ कर रही है,जिसे समझने की जरूरत है।            भारत अनेक प्रकार की मुसीबत में फसा हुआ है, भारत में भाजपा परिवाद की खिलाफत करतीं घूम रहीं हैं।बही भाजपा अधिनायकवाद को मजबूत करके देश में फासीवाद पूंजीवाद को मजबूत करने के लिए चार साल बाद निजी कंपनियों को ट्रेंड शत् प्रतिशत सुरक्षा गार्ड मि...

दिल्ली की झुग्गी-बस्तियां

  *दिल्ली की झुग्गी-बस्तियां* दिल्ली में गरीबों का जीवन , शहर की चकाचौंध और विलासिता के बीच तंग बस्तियों और सुविधाओं के अभाव में सिमट कर रह गया है। यहां बड़ी संख्या में झुग्गियों में लोग रहते हैं , जहां तंग घर  , सुविधाओं की कमी और गंदा वातावरण एक आम बात है। शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा का अभाव , वायु प्रदुषण तथा सामाजिक भेदभाव की बहुलता है। गरीब और अमीर की खाई निरंतर हो बढ़ते जा रही है। शाहदरा - दिल्ली से प्रभाकर गजभिए

प्राचीन बर्मी बुद्ध विहार, नौगढ़, जिला- सिद्धार्थ नगर, उत्तर प्रदेश पर जबरन आसामाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड़, अतिक्रमण करने का प्रयास, कार्यवाही हेतु

  *महामान्य श्री जांव ऊ जी* म्यांमार संघ गणराज्य के माननीय राजदूत, म्यांमार दूतावास, 3/50F, न्याय मार्ग,चाणक्यपुरी,  नई दिल्ली -110021 विषय: प्राचीन बर्मी बुद्ध विहार, नौगढ़, जिला- सिद्धार्थ नगर, उत्तर प्रदेश पर जबरन आसामाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड़, अतिक्रमण करने का प्रयास, कार्यवाही हेतु  याचिका। महोदय  निवेदन के साथ सूचित करना है कि प्रार्थी भिक्खु आलार कालाम उपज्झाय पूज्य भिक्खु एस० नन्दा महास्थविर बर्मी बुद्ध विहार संकिसा, अग्रलिखित सादर अवगत कराना है कि- आज दिनांक 17-06-2025 को आसामाजिक तत्वों एवं बर्मी बुद्ध विहार का विरोधी पक्ष ने जबरन बलपूर्वक बुद्ध विहार के प्रांगण में घुसकर  तोड़फोड़, अतिक्रमण एवं अवैध कब्जा करने पर अमादा हो गए हैं। जबकि असमाजिक तत्वों के विरुद्ध उपजिलाधिकारी कार्यालय सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश में कानूनी विवाद चल रहा है।          बर्मी बुद्ध विहार नौगढ़ सिद्धार्थ नगर उत्तर प्रदेश का प्राचीन इतिहास इस प्रकार है:- सन 1957 में म्यांमार देश से पूज्य भिक्खु यू. सु. नन्दा अपने शिष्य डा० यू० नन्दवंशा के साथ भारत आकर उ...

जुमलों की भरमार हुयी है~~~* *~~~~जागो अब भी मौका है

*~~~जुमलों की भरमार हुयी है~~~* *~~~~जागो अब भी मौका है~~~* *पाप करो तुम धोये गंगा, ये भी मंत्र अनोखा है।* *पढ़े लिखे हो सोच समझ लो, इसमें कितना धोखा है ?* नदियों को गंदा कर डाला, इनके खेल तमाशों ने। कोरोना में खुला खेल, बतलाया बहती लाशों ने। *आँख बंद पर कान खुले थे, धर्म लिये सब भागे थे।* *जिन्हें चिता की आग मिली न, क्या वे सभी अभागे थे ?* नहीं नियंत्रण कर पाये तब, तंत्र मंत्र बेकार हुये। कितने डूब मरे गंगा में, कितने भव के पार हुये ? *शब्द गढ़े हैं ऐसे जिनका, कहीं ओर न छोर मिला।* *मुक्ति बाँटने वाला सबको, तब कितना कमजोर मिला ?* मुँह में मास्क लगा कर सबको, खेल दिखाता रहा यहाँ। कोरोनिल की गोली से ही, राज सिखाता रहा यहाँ। *ये व्यापारी रहे मौत के, समझो इनकी चालों को।* *जंग नहीं लगने देना है, अपने बरछी भालों को।* गुजर चुकी है बड़ी त्रासदी, आगे क्या हो पता नहीं ? हाथ हिला कर ये कह देंगे, उनकी कोई खता नहीं। *अगर आत्म निर्भर सब होंगे, फिर ये क्या क्या छाँटेंगे ?* *फुरसत के क्षण इन्हें मिलेंगे, बाँटेंगे फिर काटेंगे।* जुमलों की भरमार हुयी है, जागो अब भी मौका है। कितने रन बटोर पाये हो, उनका हरदम च...

कोरोना की आड़ में

                       *कोरोना की आड़ में*      मानवीय मू्ल्यों पर आधारित सामाजिक व्यवस्था नितान्त आवश्यक है, इस बात से किसी को भी एतराज नहीं होना चाहिए। दिनांक 24.04.2020 को अखबारों में प्रकाशित सुप्रीम कोर्ट के जजों द्वारा आरक्षण के सम्बन्ध में रखा गया विचार स्वागत योग्य होना चाहिए मगर ऐसा हो नहीं पा रहा है। जब सारी दुनिया में वायरस (जानलेवा) के कारण त्राहि त्राहि मची हुई है तब जन प्रतिनिधियों की आवाज सुप्रीम कोर्ट के जज उठा रहे हैं। *इससे इन जजों की संवेदनशीलता का स्तर साफ दिखायी पड़ रहा है और ये भी मालूम पड़ रहा है कि ठहरे हुये पानी में कंकड़ फेंक कर लहरों को आयाम देने‌ का दिशा निर्देश कहाँ से प्राप्त हो रहा है।*        जहाँ तक समीक्षा की बात है जरूर होनी चाहिए और इसे अपनी मन चाही जगह से विषय उठाकर नहीं करनी चाहिए बल्कि आरक्षण की प्रक्रिया जब से आरम्भ हुयी है तब से आरक्षित सीटों पर पूरी भर्ती क्यों नहीं की गयी, इसे भी संज्ञान में लेना चाहिये। हो सकता है इसका सीधा और सरल जवाब ये मिले क...